चंडीगढ़: हरियाणा में धान की कटाई शुरू होते ही पराली जलाने का खतरा फिर से मंडराने लगा है. हर साल अक्टूबर-नवंबर के महीनों में पराली जलाने से दिल्ली-एनसीआर की हवा बेहद जहरीली हो जाती है. इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए इस बार हरियाणा सरकार ने किसानों के लिए नई योजना और सख्त नियम लागू किए हैं. एक तरफ जहां पराली न जलाने वालों को अधिक प्रोत्साहन राशि दी जाएगी, वहीं पराली जलाने पर सख्त जुर्माना और कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
पराली जलाने से दिल्ली-NCR की हवा बनती है ज़हर
हर साल धान की कटाई के बाद किसान खेतों में बची पराली को जलाते हैं जिससे भारी मात्रा में धुआं निकलता है. यह धुआं दिल्ली-NCR तक फैलकर हवा की गुणवत्ता को बेहद खराब कर देता है. दिवाली के आसपास वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच जाता है जिससे लोगों को सांस लेने में दिक्कत और आंखों में जलन जैसी समस्याएं होती हैं.
अब मिलेंगे 1200 रुपये प्रति एकड़
पराली न जलाने के लिए सरकार किसानों को प्रति एकड़ अब 1200 रुपये देगी. पहले यह राशि 1000 रुपये थी, जिसे अब बढ़ा दिया गया है. सरकार गांव-गांव जाकर किसानों को जागरूक कर रही है कि वे पराली जलाने की जगह उसका सही प्रबंधन करें.
जुर्माना हुआ दोगुना, FIR तक की कार्रवाई
जो किसान इसके बावजूद पराली जलाते हैं, उनके खिलाफ अब और सख्त कार्रवाई की जाएगी. सरकार ने जुर्माना दोगुना कर दिया है. अब पराली जलाने पर 5000 रुपये प्रति एकड़ तक का जुर्माना लगेगा. अगर किसान इसके बाद भी नहीं मानते तो जुर्माना 30,000 रुपये तक बढ़ाया जा सकता है. इसके साथ ही FIR दर्ज करने और कानूनी कार्रवाई के भी आदेश जारी किए गए हैं.
सरकारी खरीद से दो साल की रोक
जिन किसानों पर पराली जलाने की पुष्टि होती है, उनके खिलाफ और भी सख्त कदम उठाए जा रहे हैं. ऐसे किसानों को ‘मेरी फसल मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर रेड मार्क किया जाएगा, जिससे वे दो साल तक एमएसपी पर फसल नहीं बेच सकेंगे. यह कदम सरकार की उस नीति का हिस्सा है जिसमें प्रदूषण फैलाने वालों को सीधा नुकसान भुगतना होगा.
सेटेलाइट और निगरानी टीमें कर रहीं हैं निगरानी
हरियाणा सरकार ने पराली जलाने पर नजर रखने के लिए सेटेलाइट मॉनिटरिंग सिस्टम और गांव स्तर पर निगरानी टीमें तैनात की हैं. ये टीमें हर खेत पर नजर रख रही हैं ताकि पराली जलाने की घटना होते ही तुरंत एक्शन लिया जा सके.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश भी लागू
पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सरकारों को सख्त निर्देश दिए हैं. इसके बाद से ही हरियाणा सरकार ने कार्रवाई और जागरूकता दोनों मोर्चों पर काम तेज कर दिया है.
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