Hardoi News: उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले से एक बेहद दर्दनाक मामला सामने आया है, जो न सिर्फ एक परिवार के बिखरने की कहानी है बल्कि समाज में रिश्तों की दरार और मानसिक तनाव की गंभीरता को भी उजागर करता है. यहां शाहाबाद कस्बे में रहने वाले एक व्यक्ति ने पत्नी की बेरुखी और लगातार धोखे से परेशान होकर ज़हर खाकर आत्महत्या कर ली. मृतक की पहचान मोहल्ला हाथा हकीम जी निवासी सर्वेश उर्फ लाली के रूप में हुई है, जो गल्ला मंडी में पल्लेदारी कर अपने परिवार का पेट पालता था. सर्वेश की पत्नी पहले भी मोहल्ले के ही एक मजदूर युवक हकीम के साथ फरार हो चुकी थी. कुछ समय बाद वह वापस लौटी, तो बच्चों की खातिर सर्वेश ने उसे माफ कर घर में दोबारा जगह दी.
"जहर खा लो, मुझे फर्क नहीं पड़ता"
बुधवार को जब पत्नी एक बार फिर हकीम के साथ घर छोड़कर चली गई, तो सर्वेश ने उससे फोन पर संपर्क किया. लेकिन पत्नी की बेरुखी ने उसे पूरी तरह तोड़ दिया. बातचीत के दौरान रिंकी ने ताने देते हुए कहा, "जहर खा लो, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता." इस बात से आहत होकर सर्वेश ने ज़हर खा लिया.
इलाज के दौरान तोड़ा दम
परिजनों ने सर्वेश को गंभीर हालत में शाहाबाद के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया, जहां से उसे मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया. देर रात इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों ने मृतक के बयान दर्ज किए. पुलिस अब पूरे मामले की जांच कर रही है.
पति-पत्नी के बीच लंबे समय से चल रही थी कलह
बताया जा रहा है कि रिंकी पिछले 4 सालों से हकीम के संपर्क में थी. दोनों के बीच फोन पर बातचीत होती थी, जिसका विरोध सर्वेश और बच्चों ने कई बार किया. लेकिन रिंकी ने अपने व्यवहार में कोई बदलाव नहीं किया. मोहल्ले वालों के अनुसार, हकीम के भी चार बच्चे हैं और वह भी मजदूरी करता है.
चार दिन से भूखा था सर्वेश, बेटी ने सुनाया दर्द
बेटी के अनुसार, सर्वेश पिछले चार दिनों से बेहद परेशान था और उसने खाना तक नहीं खाया. उसकी मानसिक हालत बिगड़ चुकी थी. बच्चों का कहना है कि मां रिंकी ने बार-बार कहा कि "मर जाना ही ठीक है, पुलिस हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकती."
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