नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के रिश्ते दशकों से तनावपूर्ण रहे हैं. हर बार जब दोनों देशों के बीच कोई खेल प्रतियोगिता होती है, तो सिर्फ स्टेडियम नहीं, देश के जनमानस में भी हलचल होती है. ऐसे ही समय में पूर्व भारतीय क्रिकेटर और राज्यसभा सांसद हरभजन सिंह ने एक बार फिर यह प्रश्न उठाया है क्या ऐसे हालात में पाकिस्तान से क्रिकेट खेलना उचित है?
हरभजन ने साफ शब्दों में कहा है कि भारत को एशिया कप जैसे अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में पाकिस्तान के खिलाफ नहीं खेलना चाहिए, खासकर तब जब सीमा पर तनाव, आतंकी हमले और सैनिकों की शहादत लगातार हो रही हो. उन्होंने कहा, "देश पहले आता है, क्रिकेट बाद में."
वर्ल्ड चैंपियनशिप ऑफ लीजेंड्स में भी किया था विरोध
हरभजन का यह रुख कोई नई बात नहीं है. हाल ही में आयोजित वर्ल्ड चैंपियनशिप ऑफ लीजेंड्स (WCL) टूर्नामेंट में भी उन्होंने कप्तान युवराज सिंह और शिखर धवन के साथ मिलकर पाकिस्तान चैंपियंस के खिलाफ खेलने से इनकार कर दिया था. यह फैसला पहलगाम आतंकी हमले के तुरंत बाद लिया गया था, जब देश भर में आक्रोश फैला था और कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन हुए थे.
हरभजन बोले: हम किसे अहमियत दे रहे हैं?
एक इंटरव्यू में हरभजन सिंह ने कड़े शब्दों में कहा, "हम उन्हें इतनी अहमियत क्यों देते हैं? जब हमारी सरकार भी पाकिस्तान से कूटनीतिक और व्यावसायिक संबंध सीमित कर चुकी है, जब सीमा पर हर कुछ दिनों में हमारे जवान शहीद हो रहे हैं, तब हमें क्रिकेट जैसे खेल के जरिए उन्हें एक मंच क्यों देना चाहिए?"
उन्होंने सवाल किया कि हम दोनों देशों के रिश्तों में तनाव होने के बावजूद खेल को सामान्य कैसे मान सकते हैं? खेल को राजनीति से अलग रखने की बात अक्सर होती है, लेकिन जब हालात युद्ध जैसे हों, तो क्या ऐसा रवैया सही है?
सरहद पर खड़े सैनिकों का सम्मान ज़रूरी
हरभजन सिंह ने विशेष रूप से भारतीय सैनिकों का जिक्र करते हुए कहा कि, "हमारे सैनिक सीमा पर खड़े रहते हैं, कड़कड़ाती ठंड में, भूखे-प्यासे, कई-कई महीने अपने परिवार से दूर. कुछ वापस लौटते हैं, कुछ तिरंगे में लिपट कर आते हैं. उनके बलिदान के सामने एक क्रिकेट मैच का क्या मूल्य है?"
उन्होंने आगे कहा कि जब सरकार और सुरक्षाबल स्पष्ट रूप से सतर्क हैं, तब क्रिकेट को सिर्फ एक खेल के रूप में देखना बहुत संवेदनहीन हो सकता है.
मीडिया की भूमिका पर भी उठाए सवाल
हरभजन ने मीडिया पर भी गंभीर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि, "मीडिया को यह तय करना होगा कि वह किसे दिखा रहा है और क्यों. अगर हमने पाकिस्तान से कूटनीतिक बातचीत तक सीमित कर दी है, तो फिर उनकी क्रिकेट टीम, उनके खिलाड़ियों और उनकी प्रतिक्रियाओं को टीवी पर बार-बार दिखाने का क्या मतलब है?"
उन्होंने सुझाव दिया कि मीडिया को भी जिम्मेदारी से पेश आना चाहिए और ऐसे विषयों को प्रचारित करने से बचना चाहिए, जो सामाजिक रूप से विभाजनकारी हो सकते हैं या जनभावनाओं को ठेस पहुंचा सकते हैं.
भारत-पाकिस्तान मैच: खेल या कूटनीति का जरिया?
एशिया कप 2025, जो कि इस बार संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में आयोजित हो रहा है, में भारत और पाकिस्तान दोनों को ग्रुप ए में रखा गया है. लीग स्टेज में दोनों का मुकाबला 14 सितंबर को तय है, इसके बाद सुपर-4 और संभावित फाइनल में भी दोनों टीमें भिड़ सकती हैं.
क्रिकेट प्रेमियों के लिए ये मैच बहुत बड़ा रोमांच लेकर आता है, लेकिन हरभजन जैसे पूर्व खिलाड़ी की बातों से यह भी साफ है कि हर भारत-पाक मैच केवल एक खेल नहीं रह गया है, वह देश की आत्मा, सुरक्षा और संवेदनाओं से जुड़ चुका है.
सरकार और खेल संगठनों की स्थिति
अब तक भारत सरकार की ओर से पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय क्रिकेट सीरीज़ पर रोक लगी हुई है. भारत और पाकिस्तान केवल ICC या ACC जैसे बहुपक्षीय टूर्नामेंटों में ही एक-दूसरे के खिलाफ खेलते हैं.
हालांकि यह निर्णय पूरी तरह BCCI और भारत सरकार की सहमति पर आधारित होता है. हरभजन का यह बयान इन दोनों संस्थाओं पर भी एक तरह का नैतिक दबाव है कि वे इस मुद्दे पर पुनः विचार करें.
भारत एशिया कप का मौजूदा विजेता
भारत ने पिछले एशिया कप में शानदार प्रदर्शन करते हुए श्रीलंका को फाइनल में 10 विकेट से हराया था, और इस तरह टूर्नामेंट के इतिहास में आठवीं बार चैंपियन बना था. भारत अब तक एशिया कप में सबसे ज्यादा बार विजेता बन चुका है.
इस बार भी भारत टूर्नामेंट का प्रबल दावेदार माना जा रहा है, लेकिन पाकिस्तान के साथ मुकाबलों को लेकर अब विवाद और बहस तेज होती जा रही है.
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