Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में रोडवेज बस में एक अनोखा और विवादास्पद मामला सामने आया है. यहां एक महिला को पौधों का टिकट काटने पर कंडक्टर से उलझना पड़ा. महिला ने जब इसका विरोध किया तो कंडक्टर ने न सिर्फ उनकी बात अनसुनी की, बल्कि टिकट का भुगतान भी जबरन लिया. यह घटना अब शहर में चर्चा का विषय बन गई है.
पौधे का टिकट काटने की अजीबोगरीब घटना
गोरखपुर के तरंग तिराहे निवासी डॉ. जया अरुण, जो तारामंडल स्थित डिग्री कॉलेज में बीएड विभाग की विभागाध्यक्ष हैं, शनिवार को अपनी मां से मिलने के लिए बस्ती गई थीं. रविवार को गोरखपुर लौटते समय वह रोडवेज बस में यात्रा कर रही थीं और अपने साथ 3-4 पौधे एक झोले में लेकर चली थीं. बस में चढ़ने के बाद उन्होंने अपने पौधों को सीट के सामने रख लिया, लेकिन कंडक्टर ने पौधों का टिकट भी काटने की मांग की.
महिला का विरोध और कंडक्टर की जिद
कंडक्टर ने महिला से कहा कि "पौधों का भी टिकट लगेगा" और 97 रुपये की मांग की. जब महिला ने इसका विरोध किया और पूछा कि यह क्या हो रहा है, तो कंडक्टर ने कड़ा जवाब दिया और कहा, "टिकट तो कटेगा, आपको जहां भी शिकायत करनी है, कर दीजिए." महिला की इस असमान्य घटना के खिलाफ आवाज उठाने के बावजूद, कंडक्टर ने महिला से 97 रुपये की टिकट शुल्क वसूल लिए.
कंडक्टर के व्यवहार पर सवाल
इस घटना के बाद अन्य यात्री भी कंडक्टर के व्यवहार पर असहज हो गए और विरोध किया, लेकिन कंडक्टर ने किसी की नहीं सुनी. महिला ने इस पूरी घटना को लेकर शिकायत दर्ज करने की योजना बनाई है और अब उसे उम्मीद है कि परिवहन विभाग इस मामले में कार्रवाई करेगा.
परिवहन विभाग की जांच का आश्वासन
परिवहन विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी लव कुमार सिंह ने इस मामले पर संज्ञान लिया और कहा कि "अगर कंडक्टर ने पौधों का टिकट काटा है तो यह गलत है, क्योंकि निजी सामान के लिए टिकट की कोई आवश्यकता नहीं होती. इस मामले की जांच की जाएगी और उचित कार्रवाई की जाएगी."
क्या कहता है कानून?
उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग के नियमों के अनुसार, यात्री जो अपने साथ कोई निजी सामान जैसे बैग, पौधे, आदि ले जाते हैं, उनके लिए कोई अतिरिक्त शुल्क या टिकट नहीं लिया जा सकता है. ऐसे में कंडक्टर का यह कदम न केवल गलत था, बल्कि यात्री के अधिकारों का उल्लंघन भी है.
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