इन ऐप्स को डाउनलोड करने से पहले हो जाएं सावधान, खाली हो सकता है बैंक अकाउंट! Google ने दी चेतावनी

    डिजिटल सुरक्षा के क्षेत्र में एक बार फिर चेतावनी सामने आई है.

    Google and CISA warn for those using VPN apps
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    नई दिल्ली: डिजिटल सुरक्षा के क्षेत्र में एक बार फिर चेतावनी सामने आई है. गूगल और अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी की साइबर सुरक्षा एजेंसी CISA (Cybersecurity and Infrastructure Security Agency) ने यूजर्स को फ्री VPN ऐप्स के इस्तेमाल से सावधान रहने की सलाह दी है. ये ऐप्स अक्सर देखने में पूरी तरह सुरक्षित और असली VPN सेवाओं जैसी लगती हैं, लेकिन इनके माध्यम से आपके निजी डेटा और वित्तीय जानकारी चोरी होने का खतरा होता है.

    सूत्रों के अनुसार, कई फ्री VPN ऐप्स ऐसे मैलवेयर या दुर्भावनापूर्ण कोड से लैस होते हैं, जो यूजर के फोन में प्रवेश करके व्यक्तिगत जानकारी, ब्राउजिंग हिस्ट्री, पासवर्ड और यहां तक कि क्रिप्टो वॉलेट की जानकारी भी चुरा सकते हैं. इन ऐप्स की वजह से आपके बैंक अकाउंट में भी अनधिकृत लेन-देन होने का खतरा रहता है.

    CISA की चेतावनी और VPN के खतरे

    CISA का कहना है कि व्यक्तिगत VPN ऐप्स का इस्तेमाल पूरी तरह सुरक्षित नहीं माना जा सकता. इन ऐप्स में डेटा एन्क्रिप्शन के बावजूद कई खतरनाक फीचर्स छिपे हो सकते हैं. एजेंसी के अनुसार, कुछ ऐप्स बड़ी VPN कंपनियों के नाम का अनुचित इस्तेमाल करते हैं या विज्ञापनों के माध्यम से यूजर्स को आकर्षित करते हैं.

    CISA ने बताया कि कई बार फ्री VPN ऐप्स केवल यूजर का डेटा ट्रैक करने या चोरी करने के लिए बनाए जाते हैं. इसके अलावा, ये ऐप्स कभी-कभी विज्ञापन दिखाने के लिए भी यूजर के व्यवहार पर नजर रखते हैं. अमेरिकी एजेंसी का मकसद आम लोगों को रोजमर्रा के साइबर खतरों से बचाना और उनकी डिजिटल सुरक्षा सुनिश्चित करना है.

    Google की सुरक्षा गाइडलाइन

    गूगल ने अपने ब्लॉग पोस्ट में स्पष्ट किया है कि एंड्रॉइड डिवाइस और गूगल प्ले स्टोर पर ऐसे ऐप्स की पहचान करने के लिए मशीन लर्निंग और अन्य एआई तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा गूगल प्ले प्रोटेक्ट (Google Play Protect) फीचर को ऑन रखना सुरक्षा के लिहाज से बेहद जरूरी है.

    गूगल प्ले प्रोटेक्ट क्या करता है:

    • संदिग्ध ऐप्स को इंस्टॉल होने से रोकता है.
    • वित्तीय धोखाधड़ी से जुड़े ऐप्स को पहचान कर यूजर को चेतावनी देता है.
    • प्ले स्टोर के बाहर से इंस्टॉल किए जाने वाले ऐप्स पर भी निगरानी रखता है.

    गूगल के अनुसार, प्ले प्रोटेक्ट चालू रहने पर फ्री VPN ऐप्स के कारण होने वाले साइबर हमले या डेटा चोरी के जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है.

    VPN का सामान्य साइड इफेक्ट

    VPN का इस्तेमाल करते समय इंटरनेट स्पीड में थोड़ी गिरावट होना आम है. इसका कारण यह है कि VPN आपके डिवाइस और सर्वर के बीच एन्क्रिप्टेड कनेक्शन बनाता है, जिससे डेटा को थोड़ा लंबा रास्ता तय करना पड़ता है.

    • डाउनलोड और अपलोड स्पीड: VPN के माध्यम से एन्क्रिप्टेड डेटा ट्रांसफर के कारण ये थोड़ी धीमी हो सकती है.
    • स्पीड टेस्ट: अगर स्पीड टेस्ट ऐप्स पर थोड़ी कमी दिखे तो घबराने की जरूरत नहीं, यह सामान्य प्रक्रिया है.
    • यूजर्स को यह समझना जरूरी है कि स्पीड में हल्की कमी VPN के सुरक्षा लाभ के मुकाबले मामूली है.

    सुरक्षित VPN के लिए सुझाव

    • विशेषज्ञ और गूगल की सलाह के अनुसार, VPN का इस्तेमाल करते समय निम्न बातों का ध्यान रखें:
    • विश्वसनीय स्रोत से डाउनलोड करें: हमेशा गूगल प्ले स्टोर या एप्पल ऐप स्टोर पर उपलब्ध वेरिफाइड VPN ऐप्स का ही इस्तेमाल करें.
    • Google Play Protect चालू रखें: किसी भी नए VPN ऐप को इंस्टॉल करने से पहले प्ले प्रोटेक्ट को ऑन रखें.
    • फ्री VPN से बचें: फ्री VPN में अक्सर डेटा चोरी या विज्ञापन का खतरा ज्यादा होता है.
    • पेड VPN का विकल्प चुनें: सब्सक्रिप्शन आधारित VPN सेवाओं में सुरक्षा और गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त फीचर्स होते हैं.
    • अनजान लिंक से डाउनलोड न करें: किसी भी वेबसाइट या मैसेज के लिंक से सीधे VPN ऐप डाउनलोड करने से बचें.

    VPN का मुख्य उद्देश्य यूजर की ऑनलाइन पहचान और डेटा को सुरक्षित रखना है. हालांकि, सुरक्षित VPN का चयन और उसके सही इस्तेमाल से ही यह लक्ष्य पूरा किया जा सकता है.

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