Ghaziabad News: दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते कोहरे की वजह से सड़क हादसों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है. खासकर घने कोहरे के कारण विजिबिलिटी बेहद कम हो जाती है, जिससे वाहन चालकों को आगे आने वाले खतरे का अंदाजा नहीं होता और दुर्घटनाएं होती हैं. इसे ध्यान में रखते हुए गाजियाबाद पुलिस ने एक अहम कदम उठाया है और विभिन्न हाइवे तथा एक्सप्रेसवे पर वाहनों की गति सीमा तय कर दी है. पुलिस ने यह स्पीड लिमिट 15 दिसंबर से 15 फरवरी 2026 तक लागू करने का निर्णय लिया है.
गाजियाबाद पुलिस द्वारा तय की गई स्पीड लिमिट
गाजियाबाद पुलिस की ओर से जारी की गई नई एडवाइजरी के तहत ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे और नेशनल हाईवे-09 (NH-9) पर वाहनों की अधिकतम गति सीमा निर्धारित की गई है. यह नियम तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है, और इन हाइवे पर वाहनों को स्पीड लिमिट के अनुसार चलाने की हिदायत दी गई है. पुलिस का उद्देश्य कोहरे के कारण होने वाले हादसों पर अंकुश लगाना है.
बढ़ते हादसों पर काबू पाने की कोशिश
पिछले कुछ दिनों में दिल्ली-एनसीआर के विभिन्न हिस्सों में घने कोहरे के कारण दर्जनों सड़क हादसों की खबरें सामने आई हैं, जिनमें कई लोग घायल हुए हैं और कुछ की जान भी चली गई है. पुलिस अधिकारियों के अनुसार, स्पीड लिमिट लागू करने से हादसों में काफी कमी आने की उम्मीद है. कोहरे के चलते दृश्यता कम होने पर तेज रफ्तार से वाहन चलाना बेहद खतरनाक हो सकता है, इसलिए यह कदम उठाया गया है.
ये है स्पीड लिमिट
ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर:
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर:
NH-09 (नेशनल हाईवे-9) पर:
दुर्घटनाओं की संभावना में होगी कमी
पुलिस का मानना है कि स्पीड लिमिट के बाद हादसों की संख्या में कमी आएगी, क्योंकि अधिकतर दुर्घटनाएं तब होती हैं जब चालक अपनी गति पर नियंत्रण नहीं रख पाते और अचानक सामने आने वाले खतरों से निपटने में असमर्थ रहते हैं. जब वाहन तेज रफ्तार से चलते हैं, तो कोहरे में सामने वाहन या अन्य बाधाएं स्पष्ट नहीं दिखतीं, जिससे टक्कर की संभावना बढ़ जाती है. इस स्पीड लिमिट का पालन करने से वाहन चालकों को पर्याप्त समय मिलेगा, जिससे दुर्घटनाओं में कमी आएगी.
चालकों से अपील
पुलिस अधिकारियों ने चालकों से एक और अपील की है कि वे कोहरे के दौरान फॉग लाइट का इस्तेमाल करें और अपनी रफ्तार को कम रखें. उन्होंने कहा कि विशेष रूप से हाइवे और एक्सप्रेसवे पर स्पीड लिमिट का पालन करते हुए वाहन चलाना चाहिए, ताकि किसी भी अप्रत्याशित घटना से बचा जा सके. इससे न केवल हादसों में कमी आएगी, बल्कि सड़क पर अन्य चालकों के लिए भी सुरक्षित वातावरण बनेगा.
ये भी पढ़ें: यूपी होम गार्ड भर्ती में जबरदस्त कॉम्पिटिशन, अब तक आ चुके हैं 7 लाख से ज्यादा आवेदन, जानें कैसे करें तैयारी