Germany Supports India: भारत की विदेश नीति को उस समय बड़ा समर्थन मिला जब जर्मनी ने हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का पुरजोर समर्थन किया. भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर की जर्मनी यात्रा के दौरान यह रुख सामने आया, जिसने दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मजबूती दी है.
बर्लिन में हुई अहम बातचीत
जर्मनी के विदेश और वित्त मंत्री जोहान वेडफुल से मुलाकात के बाद जयशंकर ने ट्वीट किया कि बर्लिन में विदेश मंत्री जोहान वेडफुल के साथ सार्थक चर्चा हुई. भारत के आतंकवाद के खिलाफ आत्मरक्षा के अधिकार को लेकर जर्मनी की समझ सराहनीय है. रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने पर सहमति बनी है. यह मुलाकात न सिर्फ राजनयिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण रही, बल्कि इसने भारत की उस नीति को भी वैश्विक मंच पर समर्थन दिलाया जिसमें वह आतंकवाद के विरुद्ध किसी भी प्रकार की ढिलाई को स्वीकार नहीं करता.
जर्मनी ने फिर दोहराया – कश्मीर द्विपक्षीय मामला
संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में जोहान वेडफुल ने साफ कहा कि भारत-पाकिस्तान के बीच के मसलों को दोनों देशों को आपसी बातचीत से सुलझाना चाहिए. यह बयान भारत की उस पुरानी नीति के अनुरूप है जिसमें वह तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को स्पष्ट रूप से खारिज करता रहा है.
वेडफुल ने बताया कि वह पहलगाम आतंकी हमले की जानकारी के लिए अपने फ्रांसीसी समकक्ष के लगातार संपर्क में थे. वहीं, जयशंकर ने दोहराया कि भारत "जीरो टॉलरेंस फॉर टेररिज्म" की नीति पर चलता है और किसी भी तरह के परमाणु धमकियों या दबाव के आगे झुकने वाला नहीं है.
यूरोपीय देशों के साथ रिश्तों को नया आयाम
जयशंकर इस समय तीन यूरोपीय देशों – जर्मनी, नीदरलैंड और डेनमार्क – के दौरे पर हैं. 19 मई को शुरू हुआ यह दौरा 24 मई तक चलेगा. इस दौरान वह भारत की वैश्विक भूमिका, सुरक्षा हित और निवेश के अवसरों को लेकर विभिन्न मंचों पर भारत का पक्ष मजबूती से रख रहे हैं. जर्मनी के पूर्व चांसलर ओलाफ शोल्ज ने भी पहलगाम हमले पर कड़ा रुख अपनाते हुए उसकी निंदा की थी, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यूरोपीय नेतृत्व भारत की आतंकवाद विरोधी नीति के साथ खड़ा है.
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