गाजा बना इजरायल और हमास के बीच जंग का मैदान, अब तक 59 हजार से अधिक लोग गंवा चुके जान, देखें आंकड़े

    इजरायल और हमास के बीच लगातार जारी संघर्ष ने गाजा को भारी तबाही की ओर धकेल दिया है.

    Gaza becomes a battleground between Israel and Hamas
    प्रतिकात्मक तस्वीर/ ANI

    दीर अल-बलाह: इजरायल और हमास के बीच लगातार जारी संघर्ष ने गाजा को भारी तबाही की ओर धकेल दिया है. 21 महीने से अधिक समय से जारी इस हिंसा में गाजा गंभीर मानवीय संकट का सामना कर रहा है. इमारतें खंडहर बन चुकी हैं, बुनियादी ढांचा तबाह हो चुका है, और आम लोग भयावह हालात में जिंदगी गुजारने को मजबूर हैं.

    मौतों का आंकड़ा 59,000 पार

    गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 7 अक्टूबर 2023 को शुरू हुए इस संघर्ष में अब तक 59,029 लोगों की मौत हो चुकी है और 1,42,135 से अधिक लोग घायल हुए हैं. मंत्रालय के मुताबिक मृतकों में बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे शामिल हैं, हालांकि यह स्पष्ट नहीं किया गया कि इनमें कितने आम नागरिक हैं और कितने लड़ाकों की जान गई है.

    इजरायल ने हमास को ठहराया जिम्मेदार

    इजरायल का कहना है कि उसकी सैन्य कार्रवाई का उद्देश्य केवल आतंकवादियों को निशाना बनाना है. इजरायली सेना का दावा है कि हमास नागरिकों के बीच छिपकर और घनी आबादी वाले इलाकों से अपने अभियानों को अंजाम देता है, जिससे आम लोगों की जान को खतरा बढ़ जाता है. हाल के हफ्तों में इजरायल ने गाजा में अपने सैन्य अभियान को और तेज किया है.

    इजरायल को बड़ी सैन्य सफलता

    इजरायली रक्षा बलों ने हाल ही में हमास के एक अहम कमांडर बशर थाबेत को मार गिराने का दावा किया है. थाबेत, हमास के हथियार निर्माण और अनुसंधान से जुड़े अभियानों में प्रमुख भूमिका निभा रहा था. सेना का कहना है कि उन्होंने आतंकवादियों के ठिकानों और सुरंगों का पता लगाकर उन्हें सफलतापूर्वक नष्ट किया है.

    संघर्ष की शुरुआत: 7 अक्टूबर 2023

    इस लड़ाई की शुरुआत 7 अक्टूबर 2023 को हुई, जब हमास के लड़ाकों ने इजरायल पर बड़ा हमला किया. इस हमले में लगभग 1,200 आम नागरिक मारे गए और 251 लोगों को बंधक बना लिया गया. इसके जवाब में इजरायल ने सैन्य कार्रवाई शुरू की जो अब भी जारी है.

    मानवीय संकट गहराता जा रहा है

    लगातार हिंसा और हमलों के चलते गाजा एक गंभीर मानवीय संकट से जूझ रहा है. खाद्य सामग्री, पानी, चिकित्सा सुविधा और आश्रय की भारी कमी है. संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठन हालात को लेकर गहरी चिंता जता चुके हैं और संघर्षविराम की अपील कर रहे हैं. 

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