Ganesh Chaturthi 2025: गणेश चतुर्थी के दिन बप्पा को इन चीजों का लगाएं भोग, पूरी होंगी आपकी सभी मनोकामनाएं

    Ganesh Chaturthi 2025: गणेश चतुर्थी, हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को बड़े हर्षोल्लास से मनाई जाती है. यह दिन भगवान गणपति के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है और इस दिन देशभर में भक्तगण "गणपति बप्पा मोरया" की जयघोष के साथ पूजन-अर्चन करते हैं.

    Ganesh Chaturthi 2025 starts from today know punjan vidhi
    Image Source: Pintrest

    Ganesh Chaturthi 2025: गणेश चतुर्थी, हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को बड़े हर्षोल्लास से मनाई जाती है. यह दिन भगवान गणपति के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है और इस दिन देशभर में भक्तगण "गणपति बप्पा मोरया" की जयघोष के साथ पूजन-अर्चन करते हैं.

    भगवान गणेश को सिर्फ विघ्नहर्ता ही नहीं, बुद्धि के देवता भी माना जाता है. यही कारण है कि पूजन विधि के साथ-साथ उन्हें अर्पित किया गया भोग भी विशेष महत्व रखता है. धार्मिक मान्यता है कि भगवान को चढ़ाया गया भोग न केवल भक्त की श्रद्धा का प्रतीक होता है, बल्कि जीवन में सुख, समृद्धि और सौभाग्य भी लेकर आता है. तो आइए जानें कि इस गणेश चतुर्थी पर किन वस्तुओं का भोग लगाकर आप बप्पा का आशीर्वाद पा सकते हैं.

    मोदक: बप्पा का सबसे प्रिय भोग

    गणपति बप्पा को मोदक अत्यंत प्रिय हैं. मान्यता है कि मोदक उनका ‘प्रसन्नता का प्रतीक’ है. पूजन के समय खास तौर पर गुड़, नारियल और चावल के आटे से बने मोदक का भोग अवश्य लगाया जाना चाहिए. अगर घर में बनाए गए हों, तो यह और भी शुभ माना जाता है.

    फलों का भोग: आरोग्य और संतुलन का संदेश

    बप्पा को केला, सेब, अंगूर और आम जैसे मौसमी फलों का भोग भी बहुत प्रिय है. फलों को शुद्धता और सात्विकता का प्रतीक माना गया है. धार्मिक मान्यता है कि गणेश जी को फलों का भोग अर्पित करने से व्यक्ति को उत्तम स्वास्थ्य और मानसिक शांति का वरदान प्राप्त होता है.

    मिठाइयों का भोग: जीवन में मिठास का प्रतीक

    गणेश चतुर्थी के दिन बप्पा को अलग-अलग प्रकार की मिठाइयों का भोग लगाना बेहद शुभ माना गया है. इसमें आप मोतीचूर के लड्डू, नारियल के लड्डू, तिल लड्डू, श्रीखंड, बर्फी या जलेबी आदि अर्पित कर सकते हैं. यह भोग आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के साथ ही घर में सौहार्द और मिठास बनाए रखने में सहायक माना जाता है.

    भोग का धार्मिक महत्व

    हिंदू धर्म में किसी भी पूजा-पाठ या अनुष्ठान के समय भोग अर्पित करना एक पवित्र परंपरा है. यह न केवल भक्त की श्रद्धा का प्रतीक होता है, बल्कि ईश्वर के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का माध्यम भी है. भोग के रूप में अर्पित भोजन, जब प्रसाद के रूप में वितरित होता है, तो यह सामूहिक सौहार्द और धार्मिक एकता का संदेश भी देता है. साथ ही यह परंपरा व्यक्ति में विनम्रता, सेवा-भाव और त्याग की भावना को भी जाग्रत करती है.

    यह भी पढ़ें: Aaj Ka Rashifal 27 August 2025: करियर के लिए खास है आज का दिन, पढ़ें मेष से लेकर मीन तक का हाल