Chandra Grahan 2025: इस दिन 82 मिनट तक होगा चंद्रगहण, जानिए इस दौरान क्या करें और क्या नहीं?

    Chandra Grahan 2025: इस साल का दूसरा पूर्ण चंद्र ग्रहण 7 सितंबर, रविवार की रात लगने वाला है, जो न सिर्फ खगोलीय दृष्टि से खास है बल्कि धार्मिक और आध्यात्मिक मायनों में भी अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है.

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    Chandra Grahan 2025: इस साल का दूसरा पूर्ण चंद्र ग्रहण 7 सितंबर, रविवार की रात लगने वाला है, जो न सिर्फ खगोलीय दृष्टि से खास है बल्कि धार्मिक और आध्यात्मिक मायनों में भी अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है. ज्योतिषशास्त्रियों के अनुसार यह ग्रहण 100 साल में एक बार आने वाला दुर्लभ संयोग है, जो पितृपक्ष के दौरान हो रहा है और इसका हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है.

    चंद्र ग्रहण का वैज्ञानिक और धार्मिक महत्व

    वैज्ञानिक दृष्टि से, चंद्र ग्रहण तब होता है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है, जिससे चंद्रमा की रोशनी बाधित हो जाती है और वह लाल रंग का दिखाई देने लगता है, जिसे ब्लड मून भी कहा जाता है. वहीं सनातन धर्म में ग्रहण को नकारात्मक ऊर्जा से भरपूर माना जाता है, इसलिए इस दौरान शुभ कार्य करने से परहेज किया जाता है. मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं और ग्रहण समाप्ति के बाद मंदिर की शुद्धि की जाती है.

    ग्रहण के दौरान जरूरी सावधानियां

    खाद्य पदार्थों पर विशेष ध्यान: ग्रहणकाल में सूक्ष्मजीवों की सक्रियता बढ़ जाती है, जिससे भोजन तामसिक और विषाक्त हो सकता है. इसलिए प्राचीन शास्त्रों में पके हुए अनाज के साथ तुलसी के पत्ते रखने की सलाह दी गई है. ग्रहण के दौरान नकारात्मक ऊर्जा बढ़ जाती है. इसलिए महामृत्युंजय मंत्र, गायत्री मंत्र और भगवान के नाम का जाप करना अत्यंत लाभकारी रहता है. ग्रहण काल में सभी मंदिर बंद रहते हैं और ग्रहण खत्म होने के बाद शुद्धिकरण अनुष्ठान होते हैं.

    ग्रहण का समय और सूतक काल

    7 सितंबर की रात 9:58 बजे से ग्रहण शुरू होकर 8 सितंबर की रात 1:26 बजे तक रहेगा. इसके बीच 11 बजे से 12:22 बजे के बीच ब्लड मून देखा जा सकेगा. ग्रहण से लगभग 9 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है, जिसमें कई धार्मिक नियमों का पालन आवश्यक होता है.

    गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष सलाह

    • ग्रहण के दौरान घर के अंदर रहें और चंद्र ग्रहण को न देखें.
    • नुकीली वस्तुओं जैसे कैंची, चाकू या सूई का उपयोग टालें.
    • ग्रहण काल में सोने से बचें और इसके बजाय मंत्र जाप या प्रार्थना करें.
    • ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान करें और साफ-सुथरे कपड़े पहनें.

    ग्रहण समाप्ति के बाद क्या करें?

    • गंगाजल या शुद्ध जल से स्नान अवश्य करें.
    • अपने कपड़े धोएं और घर को साफ-सुथरा रखें.
    • जरूरतमंदों को दान करें और भोजन वितरित करें.
    • भगवान के नाम का जाप और प्रार्थना करते रहें.

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