Pinaka: भारतीय मल्टीपल बैरल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम (पिनाका) को लेकर एक समय फ्रांस ने खास दिलचस्पी दिखाई थी, लेकिन अब तस्वीर पूरी तरह बदल गई है. फ्रांस ने पिनाका को खरीदने से इनकार कर दिया है और अब वह खुद का रॉकेट सिस्टम विकसित करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है. फ्रांसीसी रक्षा मंत्रालय 2026 तक स्वदेशी तकनीक से बने रॉकेट सिस्टम का परीक्षण करने की योजना बना रहा है, जिससे साफ है कि अब वह अमेरिकी HIMARS जैसे सिस्टम पर अपनी निर्भरता कम करना चाहता है.
हथियारों के क्षेत्र में बनेगा आत्मनिर्भर
फ्रांस की योजना है कि वह अपने पुराने 'Lance-Roquettes Unitaire (LRU)' सिस्टम को बदलकर एक आधुनिक और दमदार घरेलू MLRS (Multiple Launch Rocket System) विकसित करे. डिफेंस न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, फ्रांस की आयुध एजेंसी DGA ने दो बड़ी यूनियनों—थेल्स-एरियनग्रुप और सफ्रान-MBDA को इस प्रोजेक्ट के लिए अलग-अलग प्रोटोटाइप तैयार करने का जिम्मा सौंपा है.
यूक्रेन युद्ध और वैश्विक राजनीतिक माहौल ने यह साबित कर दिया है कि हर देश को हथियारों के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनना होगा. फ्रांस के लिए यह आत्मनिर्भरता अब केवल एक रणनीति नहीं बल्कि एक अनिवार्यता बन गई है, खासतौर से ऐसे समय में जब अमेरिका के रुख को लेकर यूरोप के देशों में चिंता बढ़ती जा रही है.
फ्रांस का नया MLRS सिस्टम क्यों है खास?
फ्रांस फिलहाल M270 रॉकेट सिस्टम का इस्तेमाल करता है, लेकिन यह 2027 तक सेवा से बाहर हो जाएगा. पहले विचार था कि किसी अन्य देश से नया सिस्टम खरीदा जाए, लेकिन अब ज्यादातर फ्रांसीसी सांसदों और अधिकारियों का मानना है कि देश को अपना स्वदेशी समाधान तैयार करना चाहिए.
HIMARS जैसे अमेरिकी सिस्टम की तुलना में, फ्रांस का नया MLRS सिस्टम न केवल 150 किलोमीटर से अधिक की मारक क्षमता रखेगा, बल्कि भविष्य में इसकी रेंज 500 किलोमीटर तक बढ़ाई जा सकती है. यह नया सिस्टम न सिर्फ फ्रांस की सैन्य ताकत को बढ़ाएगा, बल्कि यूरोप की डिफेंस इंडस्ट्री के लिए भी मील का पत्थर साबित हो सकता है.
हालांकि, भारत के लिए यह झटका जरूर है. पिनाका जैसे प्रभावशाली सिस्टम की फ्रांस द्वारा अनदेखी भारतीय डिफेंस इंडस्ट्री के लिए एक मिस्ड अपॉर्चुनिटी कही जा सकती है. लेकिन, यह भी सच है कि अब भारत को भी अपने सैन्य उत्पादों की मार्केटिंग और साझेदारियों पर दोबारा विचार करना होगा.
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