पेरिस: फ्रांस अपने प्रमुख लड़ाकू विमान राफेल को एक बिल्कुल नए और अत्याधुनिक संस्करण में ढालने की दिशा में बड़ा कदम उठा चुका है. इस नई अपग्रेड श्रृंखला का नाम राफेल F4.3 रखा गया है, और यह अपने पहले के संस्करणों से कहीं ज्यादा उन्नत, स्मार्ट और घातक होने वाला है. राफेल का निर्माण करने वाली कंपनी डसॉल्ट एविएशन इस वर्जन को भविष्य के युद्ध की जरूरतों के हिसाब से तैयार कर रही है.
फ्रांस के रक्षा मंत्रालय के अधीन काम करने वाली एजेंसी DGA (Direction Générale de l’Armement) ने हाल ही में राफेल F4.3 के ऑपरेशनल वैलिडेशन मिशन को सफलतापूर्वक पूरा किया है. यह परीक्षण दक्षिण फ्रांस के इस्त्रेस स्थित DGA फ्लाइट टेस्ट सेंटर में आयोजित किया गया था और इसका मकसद था राफेल के इस नए वर्जन की युद्धक्षमता का परीक्षण.
क्या था इस परीक्षण का उद्देश्य?
इस विस्तृत परीक्षण अभियान को "RAU" यानी Review d’Aptitude à l’Utilisation (Fitness for Operational Use) नाम दिया गया. इस दौरान राफेल F4.3 को ऐसे परिदृश्यों में उड़ाया गया जो असली युद्ध जैसी स्थितियों के बेहद करीब थे. इस परीक्षण में शामिल थे:
इन मिशनों के ज़रिए विमान की सटीकता, सेंसर समन्वय, हथियार प्रणालियों के एकीकरण, और डेटा कनेक्टिविटी की उच्च क्षमताओं की जांच की गई. यह चरण इसलिए भी अहम था क्योंकि इससे पहले कि राफेल F4.3 को फ्रांसीसी वायुसेना में पूरी तरह से शामिल किया जाए, उसकी तकनीकी विश्वसनीयता को पूरी तरह से परखा जाना ज़रूरी था.
राफेल: एक बहुस्तरीय युद्धक मंच
डसॉल्ट का राफेल खुद में एक संपूर्ण युद्धक प्रणाली है, यह दोहरे इंजन वाला, डेल्टा-विंग डिज़ाइन पर आधारित, बहुउद्देश्यीय (multi-role) लड़ाकू विमान है. इसमें लगे दो SNECMA M88-4E इंजन इसे सुपरक्रूज़ (सुपरसोनिक स्पीड बिना आफ्टरबर्नर के) जैसी क्षमताएं देते हैं. इसका थ्रस्ट-टू-वेट अनुपात बहुत बेहतर है, जिससे यह विमान ऊंची ऊंचाइयों और तीव्र गति पर भी शानदार प्रदर्शन करता है.
इसमें जो प्रमुख तकनीकें पहले से मौजूद हैं, उनमें शामिल हैं:
इसके अलावा, राफेल की बॉडी में लगभग 70% कंपोज़िट मटेरियल का इस्तेमाल हुआ है, जो इसे हल्का बनाता है और रडार क्रॉस सेक्शन (RCS) को कम करता है, यानी यह दुश्मन की रडार से बचने में भी ज्यादा सक्षम है.
यह विमान 30 मिमी GIAT 30 तोप और 14 हार्डपॉइंट्स पर 9.5 टन तक हथियार ले जा सकता है, जिसमें शामिल हैं:
राफेल F4.3: क्या है नया और खास?
राफेल का F4.3 संस्करण केवल हार्डवेयर अपग्रेड नहीं है, यह डिजिटल युद्धक्षेत्र के लिए एक सॉफ्टवेयर-निर्देशित प्लेटफॉर्म के रूप में विकसित हो रहा है. इस वर्जन की सबसे उल्लेखनीय बात यह है कि इसमें AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) एल्गोरिदम को शामिल किया गया है. इसका सीधा मतलब है कि यह विमान अब स्वतः टारगेट चयन की क्षमता रखेगा यानी यह अपने सेंसर और कंप्यूटिंग पावर की मदद से दुश्मन के ठिकानों की पहचान कर सकेगा और उन पर हमले की रणनीति बना सकेगा.
राफेल F4.3 के अन्य प्रमुख अपग्रेड में शामिल हैं:
MICA NG (नेक्स्ट जेनरेशन) मिसाइल: बेहतर रेंज और स्मार्ट टारगेटिंग क्षमता वाली यह मिसाइल इसे अधिक खतरनाक बनाती है.
नई पीढ़ी की SPECTRA स्वसुरक्षा प्रणाली: यह सिस्टम दुश्मन के रडार, मिसाइल और जैमर हमलों को पहचान कर तुरंत जवाब देने में सक्षम है.
CONTACT सॉफ्टवेयर-निर्दिष्ट रेडियो: यह अत्याधुनिक संचार प्रणाली युद्ध के दौरान विमान की नेटवर्किंग क्षमता को और बेहतर बनाती है.
TALIOS पॉड: यह मल्टी-स्पेक्ट्रल टारगेटिंग पॉड उच्च गुणवत्ता की निगरानी, लक्ष्य पहचान और ट्रैकिंग प्रदान करता है.
क्यों अहम है यह अपग्रेड?
राफेल F4.3 की यह उन्नति केवल फ्रांस के लिए ही नहीं, बल्कि उन सभी देशों के लिए महत्वपूर्ण है जो इस लड़ाकू विमान का इस्तेमाल करते हैं या करने की योजना बना रहे हैं, जैसे भारत, मिस्र, कतर, यूनाइटेड अरब अमीरात आदि. इससे विमान की युद्धक योग्यता भविष्य की जरूरतों के अनुसार अप-टू-डेट बनी रहेगी.
इसका AI आधारित निर्णय क्षमता, नेटवर्क-केंद्रित युद्ध प्रणाली, और रियल-टाइम डेटा प्रोसेसिंग क्षमता इसे 5वीं पीढ़ी के विमानों की तरफ ले जाती है, हालांकि राफेल आधिकारिक रूप से 4.5 जनरेशन जेट है.
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