UP में फॉरेंसिक साइंस सेमिनार, भविष्य की न्याय प्रणाली होगी हाई-टेक, एक्सपर्ट्स ने CM योगी के विजन को सराहा

    उत्तर प्रदेश को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करने के साथ ही बदलते परिदृश्य के हिसाब से भविष्य आधारित तकनीकों से लैस करने का सीएम योगी का विजन एक्सपर्ट्स को भी भा रहा है. प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सीएम योगी के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंसेस (यूपीएसआईएफएस) द्वारा आयोजित तीन दिवसीय सेमिनार के सफल आयोजन पर एक्सपर्ट्स ने अभार जताया है.

    Forensic Science Seminar in UP Experts praised CM Yogi vision
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    लखनऊ: उत्तर प्रदेश को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करने के साथ ही बदलते परिदृश्य के हिसाब से भविष्य आधारित तकनीकों से लैस करने का सीएम योगी का विजन एक्सपर्ट्स को भी भा रहा है. प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सीएम योगी के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंसेस (यूपीएसआईएफएस) द्वारा आयोजित तीन दिवसीय सेमिनार के सफल आयोजन पर एक्सपर्ट्स ने अभार जताया है. उन्होंने 'लॉ विद लैब्स' के विजन को धरातल पर उतार रहे सीएम योगी की प्रशंसा करते हुए कहा कि सेमिनार के माध्यम से फॉरेंसिक साइंस के प्रति जागरूकता का प्रसार हुआ जिसका सबसे ज्यादा फायदा इस विधा में करियर बनाने वाले युवा छात्र-छात्राओं को होगा.

    एक्सपर्ट्स के अनुसार, छात्र-छात्राओं को इस सेमिनार के माध्यम से न केवल धरातल पर हो रहे परिवर्तन की जानकारी मिली, बल्कि वैश्विक परिदृष्य में आ रहे बदलाव, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस व अन्य भविष्य आधारित तकनीकों के इस्तेमाल के बारे में सार्थक जानकारी मिली जो न केवल प्रेरणादायी है बल्कि उनके लिए मार्गदर्शन का कार्य करेगा. कार्यक्रम में देश-विदेश के प्रख्यात एक्सपर्ट्स ने शिरकत की और उनके सुझाव प्रदेश में पुलिस प्रणाली के आधुनिकीकरण में भी मददगार साबित होंगे. एक्सपर्ट्स ने यह भी माना कि यूपीएसआईएफएस को प्रदेश सरकार द्वारा जिस प्रकार की सुविधाओं से लैस किया जा रहा है भविष्य में न केवल भारत बल्कि पूरे साउथ एशिया में मील का पत्थर साबित होगा.

    फॉरेंसिक साइंस के प्रति जागरुकता के प्रसार का माध्यम बना सेमिनार

    केजीएमयू के फॉरेंसिक मेडिसन व टॉक्सिकॉलोजी विभाग की एडिशनल प्रोफेसर डॉ. शिवली ने सेमिनार के सफल आयोजन को लेकर प्रसन्नता जताते हुए कहा कि सीएम योगी के मार्गदर्शन में यूपीएसआईएफएस में आयोजित हुआ तीन दिनी सेमिनार कई मायनों में खास है. उनके अनुसार, फॉरेंसिक एक ऐसी विधा है जिसको लेकर बहुत ज्यादा जागरुकता की जरूरत है. यह सेमिनार इस क्षेत्र में करियर बना रहे युवाओं के लिए तो लाभप्रद है ही, साथ ही यह पुलिस विभाग के लिए भी नई चुनौतियों, रणनीतियों और परिस्थितियों को समझने और उसके निस्तारण में सहायता प्रदान करेगा जिससे आम जनता को भी काफी फायदा होगा. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार यूपीएसआईएफएस को आधुनिक सुविधाओं से युक्त किया जा रहा है वह सीएम योगी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है जिसके लिए वह बधाई के पात्र हैं.

    समस्याओं के निस्तारण व कुशल प्रबंधन की रणनीति बनाने में मददगार

    सेमिनार में जुटे एक्सपर्ट्स ने माना कि प्रदेश में सीएम योगी समय की जरूरतों को ध्यान में रखकर विभिन्न प्रणालियों के बुनियादी ढांचे का जिस प्रकार आधुनिकीकरण कर रहे हैं वह प्रशंसनीय है. यूपीएसआईएफएस न केवल देश-प्रदेश में बल्कि साउथ एशिया में भी उन गिने चुने संस्थानों में शामिल है जो इस प्रकार के आधुनिक सुविधाओं से युक्त है. ऐसे में, यूपीएसआईएफएस में तीन दिनी सफल आयोजन को लेकर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए एक्सपर्ट्स ने माना कि उत्तर प्रदेश पुलिस का अपना एक इतिहास रहा है जो काफी बड़ी समस्याओं के कुशल निस्तारण के लिए जाना जाता है. उनका मानना है कि मौजूदा सेमिनार के माध्यम से भविष्य में आने वाली समस्याओं के कुशल प्रबंधन की जो रणनीति बनी है उससे न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि अन्य राज्य भी लाभान्वित होंगे. सेमिनार में जुडीशियरी, फॉरेंसिक, साइबर सिक्योरिटी और इंडस्ट्री से जुड़े एक्सपर्ट्स का संवाद नॉलेज इंटरैक्शन के साथ ही एआई व डीएनए फॉरेंसिक्स जैसी आधुनिक विधा के वर्तमान परिदृश्य को परिलक्षित करती है.

    समय की मांग के अनरूप है प्रयास

    एनआईपीईआर, रायबरेली के फैकल्टी डॉ. निहार रंजन के अनुसार, फॉरेंसिक स्ट्रीम में करियर को ऊंचाई प्रदान करने के लिहाज से सेमिनार बेहद सार्थक प्रयास है. उन्होंने कहा कि समय की मांग के अनुरूप फॉरेंसिक के क्षेत्र के विभिन्न आयामों पर जारी कार्यों की जानकारी प्रदान करने का यह माध्यम बना. योगी सरकार का आभार जताते हुए उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में बेहद अच्छे वक्ताओं का चयन किया गया. वहीं, बायोटॉक्स सॉल्यूशंस के निदेशक डॉ. शिव पूजन ने कहा कि सीएम योगी के कुशल नेतृत्व में यूपीएसआईएफएस बहुत प्रगति पर जा रहा है. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार विद्यार्थी यहां प्रैक्टिकल अप्रोच के साथ फॉरेंसिक की विभिन्न विधाओं को सीख रहे हैं वह इसे बहुत आगे लेकर जाएगा.

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