नई दिल्ली: अहमदाबाद में हाल ही में हुए भीषण विमान हादसे के बाद एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस ने एक अहम कदम उठाते हुए फ्लाइट नंबर ‘171’ को स्थायी रूप से बंद करने का निर्णय लिया है. यह कदम उन 241 यात्रियों और 33 अन्य लोगों को श्रद्धांजलि देने के रूप में देखा जा रहा है, जिन्होंने इस दुखद घटना में अपनी जान गंवाई.
क्या है मामला?
9 जून को एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171, जो अहमदाबाद से लंदन के गैटविक एयरपोर्ट जा रही थी, टेक-ऑफ के कुछ ही सेकंड बाद हादसे का शिकार हो गई. यह भयावह दुर्घटना हवाई अड्डे से महज दो किलोमीटर दूर हुई, जब विमान एक मेडिकल कॉलेज की इमारत पर जा गिरा. इस हादसे में कुल 274 लोगों की मौत हुई, जिनमें 241 यात्री, क्रू मेंबर्स और जमीन पर मौजूद 33 लोग शामिल थे.
फ्लाइट नंबर '171' अब नहीं होगा इस्तेमाल
एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस दोनों ने हादसे के बाद फ्लाइट नंबर '171' को अपने सिस्टम से हटाने का फैसला किया है. यह निर्णय न केवल विमानन उद्योग की एक पारंपरिक संवेदनशीलता का हिस्सा है, बल्कि मृतकों के प्रति सम्मान व्यक्त करने का भी प्रतीक है.
सूत्रों के अनुसार, अब अहमदाबाद से लंदन गैटविक के लिए यह सेवा 'AI-159' के नाम से संचालित की जाएगी. एयर इंडिया एक्सप्रेस ने भी अपने 'IX-171' फ्लाइट नंबर को बंद कर दिया है.
क्यों बदला जाता है फ्लाइट नंबर?
जब भी कोई बड़ा विमान हादसा होता है, एयरलाइंस अक्सर उस फ्लाइट नंबर का उपयोग करना बंद कर देती हैं. यह एक तरह से पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने और उस नंबर से जुड़ी दर्दनाक यादों को हटाने का प्रयास होता है. इससे यात्रियों और कर्मचारियों में भावनात्मक राहत भी मिलती है.
पहले भी हो चुका है ऐसा
एयर इंडिया एक्सप्रेस ने 2020 में कोझिकोड में हुए विमान हादसे के बाद भी यही कदम उठाया था. उस हादसे में भी फ्लाइट नंबर को हटा दिया गया था. यह विमानन कंपनियों में आम प्रथा है, खासकर तब जब हादसे में बड़ी संख्या में जानें जाती हैं.
हादसे की उच्च-स्तरीय जांच शुरू
भारत सरकार ने इस दुर्घटना की गहन जांच के लिए एक विशेष उच्च-स्तरीय कमेटी का गठन किया है. गृह सचिव गोविंद मोहन इस कमेटी का नेतृत्व कर रहे हैं. कमेटी का उद्देश्य है न केवल इस हादसे के कारणों का पता लगाना, बल्कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस सिफारिशें करना.
कमेटी में कौन-कौन शामिल है?
गौरतलब है कि एयरक्राफ्ट एक्सिडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) इस दुर्घटना की तकनीकी जांच पहले से ही कर रहा है. यह नई कमेटी AAIB की जांच के समानांतर काम करेगी और अपनी स्वतंत्र सिफारिशें देगी.
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