पहले सिंधु में खून बहाने की धमकी, फिर बातचीत पर जोर... भारत के डर से बदला बिलावल भुट्टो का रुख

    पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को लेकर अपने हालिया तेवरों में बड़ा बदलाव दिखाया है। हाल ही में आक्रामक बयानबाजी करने वाले बिलावल अब वार्ता के जरिए समाधान निकालने की वकालत कर रहे हैं।

    First threat of bloodshed in Sindh then emphasis on talks Bilawal Bhuttos stance changed due to fear of India
    बिलावल भुट्टो/Photo- ANI

    इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को लेकर अपने हालिया तेवरों में बड़ा बदलाव दिखाया है। हाल ही में आक्रामक बयानबाजी करने वाले बिलावल अब वार्ता के जरिए समाधान निकालने की वकालत कर रहे हैं।

    शिमला समझौते पर सरकार के रुख से असहमति

    एक टेलीविजन साक्षात्कार के दौरान बिलावल ने स्पष्ट किया कि वे प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ सरकार के शिमला समझौते से पीछे हटने के फैसले से सहमत नहीं हैं। उन्होंने आगाह किया कि किसी भी द्विपक्षीय संधि को समाप्त करने से पहले गहरी सोच-विचार और रणनीतिक मूल्यांकन आवश्यक है।

    उन्होंने कहा, "जब तक भारत व्यवहार में कोई बड़ी चूक नहीं करता, तब तक शिमला समझौते जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज को समाप्त करना जल्दबाजी होगी।"

    यह उल्लेखनीय है कि शिमला समझौते पर 1972 में पाकिस्तान की ओर से हस्ताक्षर जुल्फिकार अली भुट्टो ने किए थे, जो बिलावल के नाना थे। ऐसे में बिलावल का यह रुख एक भावनात्मक और ऐतिहासिक संदर्भ भी रखता है।

    वार्ता के माध्यम से समाधान की वकालत

    बिलावल ने जोर देकर कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच उत्पन्न समस्याओं का समाधान संवाद और सहयोग के माध्यम से ही संभव है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों को 'नॉन-स्टेट एक्टर्स' द्वारा पैदा किए जा रहे खतरों से निपटने के लिए एक संयुक्त रणनीति विकसित करनी चाहिए।

    भुट्टो का मानना है कि भारत यदि आतंकवाद के खिलाफ ईमानदारी से प्रयास करना चाहता है, तो उसे पाकिस्तान के साथ संवाद का रास्ता अपनाना चाहिए।

    उन्होंने कहा, "एकतरफा आरोप-प्रत्यारोप से समस्या का समाधान नहीं निकलेगा.

    पहलगाम हमले पर निष्पक्ष जांच की मांग

    बिलावल ने हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले की निष्पक्ष जांच की पाकिस्तान सरकार की मांग का समर्थन किया। उन्होंने सुझाव दिया कि भारत को यदि पुख्ता सबूत उपलब्ध हैं, तो उन्हें अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने पेश करना चाहिए।

    उनका कहना था कि पारदर्शिता से ही दोनों देशों के बीच बढ़ते अविश्वास को कम किया जा सकता है।

    आतंकवाद पर पाकिस्तान का दृष्टिकोण

    बिलावल ने एक बार फिर दोहराया कि पाकिस्तान स्वयं भी आतंकवाद से बुरी तरह प्रभावित है। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय स्थिरता के लिए भारत और पाकिस्तान को संयुक्त प्रयास करने होंगे।

    उन्होंने कहा, "पाकिस्तान हमेशा बातचीत के लिए तैयार रहा है, लेकिन भारत कई बार पीछे हटता दिखा है."

    उन्होंने यह भी याद दिलाया कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी दोनों देशों को आपसी विवादों को वार्ता के जरिए सुलझाने की सलाह दी थी, जो पाकिस्तान के लंबे समय से चले आ रहे रुख के अनुरूप है।

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