2025 में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले ने भारत को ऐसा जवाबी कदम उठाने पर मजबूर कर दिया, जिसने पूरे विश्व का ध्यान खींचा. इस हमले के पीछे पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों का हाथ था. इसके जवाब में भारतीय वायुसेना ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत एक ऐसी रणनीतिक कार्रवाई को अंजाम दिया जिसने पाकिस्तान की सैन्य शक्ति की पोल खोल दी.
23 मिनट की कार्रवाई, पाकिस्तान की सैन्य नींव हिली
8 से 10 मई 2025 के बीच भारतीय वायुसेना ने सिर्फ 23 मिनट में पाकिस्तान के 12 बड़े एयरबेस और 30 से अधिक सैन्य ठिकानों को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया. इस ऑपरेशन में F-16 और JF-17 जैसे लड़ाकू विमान, साथ ही चीन द्वारा दिए गए एडवांस्ड एयर डिफेंस सिस्टम HQ-9/P और FD-2000 भी नष्ट कर दिए गए. इतनी तेज़ और सटीक कार्रवाई से पाकिस्तान को संभलने का मौका तक नहीं मिला.
मैक्सर की सैटेलाइट तस्वीरों से खुलासा
अमेरिकी सैटेलाइट इमेजिंग कंपनी मैक्सर टेक्नोलॉजीज़ द्वारा जारी की गई तस्वीरों में पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों की भारी तबाही साफ देखी जा सकती है. कई एयरबेस के रनवे पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, हैंगर जलकर खाक हो गए हैं और एयर डिफेंस रडार सिस्टम्स बेकार हो चुके हैं. रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, इस हमले में पाकिस्तान की वायुसेना का करीब 20% इंफ्रास्ट्रक्चर बर्बाद हो गया.
ऑपरेशन के मुख्य निशाने
इस जबरदस्त कार्रवाई में रावलपिंडी का नूर खान एयरबेस, शोरकोट का रफीक़ी, चकवाल का मुरिद, रहीम यार खान, सुक्कुर, चुनीअन, सर्गोधा, जैकबाबाद, भोलारी, स्कार्दू, पासरूर और सियालकोट जैसे रणनीतिक ठिकाने निशाने पर थे. खास बात यह रही कि भारत ने चीन निर्मित एयर डिफेंस सिस्टम को जाम कर पहले ही निष्क्रिय कर दिया, जिससे इन ठिकानों की सुरक्षा पूरी तरह से ढह गई.
पाकिस्तान की अमेरिका से गुहार
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की स्थिति इतनी खराब हो गई कि उसे अमेरिका के दरवाजे पर दस्तक देनी पड़ी. खबरों के मुताबिक, बिलावल भुट्टो की अगुवाई में एक पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल अमेरिका पहुंचा है और पैट्रियट मिसाइल डिफेंस सिस्टम के साथ-साथ F-16 फ्लीट के अपग्रेड की मांग कर रहा है. एक पाक अधिकारी ने यहां तक कहा कि “अगर भारत ने कार्रवाई जारी रखी होती, तो पाकिस्तान अब तक मलबे में तब्दील हो चुका होता.”
भारत-अमेरिका संबंधों की नई कसौटी
ऐसे समय में जब भारत और अमेरिका के बीच रक्षा साझेदारी अपने उच्चतम स्तर पर है, पाकिस्तान की यह मांग एक संवेदनशील मुद्दा बन सकती है. भारत अमेरिका से अपाचे हेलिकॉप्टर्स, C-130J एयरक्राफ्ट और अन्य रणनीतिक हथियार खरीद रहा है. अगर अमेरिका पाकिस्तान को एडवांस हथियार सिस्टम मुहैया कराता है, तो यह भारत-अमेरिका के भरोसे को प्रभावित कर सकता है.
चीन पर पाकिस्तान की निर्भरता भी सवालों में
पाकिस्तान लंबे समय से चीन के सैन्य उपकरणों जैसे HQ-9/P और FD-2000 पर निर्भर रहा है. लेकिन ऑपरेशन सिंदूर में इन सिस्टम्स की विफलता ने पाकिस्तान को नए विकल्पों की तलाश पर मजबूर कर दिया है. हालांकि अमेरिकी रक्षा उपकरणों की खरीद में भू-राजनीतिक सीमाएं और निर्यात नियंत्रण जैसे पहलू भी उसके रास्ते में बड़ी अड़चन हैं.
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