Bengal SIR Bengal: पश्चिम बंगाल के मतदाताओं के लिए एक अहम प्रशासनिक प्रक्रिया पूरी होने जा रही है. चुनाव आयोग ने विशेष गहन पुनरीक्षण (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन – SIR) के बाद राज्य की ड्राफ्ट मतदाता सूची जारी करने की तैयारी कर ली है. यह ड्राफ्ट इलेक्टोरल रोल मंगलवार को प्रकाशित किया जाएगा, ताकि मतदाता अपने नाम और विवरण की जांच कर सकें.
चुनाव आयोग के अनुसार ड्राफ्ट वोटर लिस्ट ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से देखी जा सकेगी. ऑनलाइन जांच के लिए मतदाता आयोग की आधिकारिक वेबसाइट eci.gov.in या पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी की वेबसाइट ceowestbengal.gov.in पर जा सकते हैं. यहां मतदाता को अपना नाम या फोटो पहचान पत्र (EPIC) नंबर दर्ज करना होगा, जिसके बाद संबंधित विवरण स्क्रीन पर दिखाई देगा.
BLO से कर सकते हैं संपर्क
यदि किसी कारणवश वेबसाइट उपलब्ध न हो या तकनीकी समस्या आए, तो मतदाता अपने क्षेत्र के बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) से संपर्क कर सकते हैं. प्रत्येक मतदान केंद्र की ड्राफ्ट सूची BLO के पास उपलब्ध होगी. इसके अलावा, राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त बूथ लेवल असिस्टेंट्स (BLA) भी मतदाताओं को सूची देखने में मदद कर सकते हैं.
हटाए गए नामों की अलग सूची भी होगी जारी
ड्राफ्ट मतदाता सूची के साथ-साथ उन नामों की सूची भी प्रकाशित की जाएगी, जिन्हें इस बार की प्रक्रिया में हटाया गया है. इससे मतदाताओं को यह स्पष्ट रूप से पता चल सकेगा कि उनका नाम सूची में क्यों नहीं है.
अगर ड्राफ्ट सूची में नाम न मिले तो क्या करें
जिन मतदाताओं का नाम ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में शामिल नहीं है और जिनका 2002 की मतदाता सूची (जब पिछली बार SIR हुआ था) से भी मिलान नहीं हो पाया है, उन्हें चुनाव आयोग द्वारा बुलाए जाने वाले विशेष सुनवाई सत्र में शामिल होना होगा.इस सुनवाई के दौरान मतदाता को यह बताना होगा कि उनका नाम सूची से क्यों नहीं जुड़ पाया और साथ ही यह प्रमाण भी देना होगा कि वह भारतीय नागरिक हैं और मतदान के लिए पात्र हैं.
पहचान और नागरिकता के लिए मान्य दस्तावेज
चुनाव आयोग नागरिकता और पात्रता की पुष्टि के लिए कई तरह के दस्तावेज स्वीकार करेगा. इनमें राज्य या केंद्र सरकार के कर्मचारी या पेंशनधारी का पहचान पत्र, जन्म प्रमाण पत्र, पासपोर्ट, माध्यमिक या अन्य शैक्षणिक प्रमाण पत्र, राज्य सरकार के अधीन किसी संस्था द्वारा जारी निवास प्रमाण पत्र, वन अधिकार प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, स्थानीय प्रशासन द्वारा जारी परिवार रजिस्टर, सरकारी भूमि या आवास आवंटन से जुड़ा प्रमाण पत्र शामिल हैं. इसके अलावा, 1987 से पहले के किसी भी सरकारी या मान्यता प्राप्त संस्थान जैसे पोस्ट ऑफिस, बैंक, एलआईसी या स्थानीय प्राधिकरण द्वारा जारी दस्तावेज भी मान्य होंगे.चुनाव आयोग का उद्देश्य इस प्रक्रिया के जरिए मतदाता सूची को अधिक सटीक और पारदर्शी बनाना है, ताकि कोई भी पात्र नागरिक अपने मतदान अधिकार से वंचित न रह जाए.
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