भूकंप आने पर कैसे करें अपना बचाव; क्या करें और क्या ना करें? NDRF ने बताई सेफ्टी टिप्स, जानिए सबकुछ

    Safety Tips during Earthquake: आज दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के अचानक आए झटकों ने कई लोगों को घबराहट में डाल दिया. भूकंप का केंद्र हरियाणा के झज्जर में था और इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.4 मापी गई.

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    Safety Tips during Earthquake: आज दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के अचानक आए झटकों ने कई लोगों को घबराहट में डाल दिया. भूकंप का केंद्र हरियाणा के झज्जर में था और इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.4 मापी गई. यह झटके महज 10 सेकंड तक चले, लेकिन इस दौरान धरती का हिलना और आसपास के लोग दहशत में आ गए. भूकंप एक अप्रत्याशित प्राकृतिक आपदा है, जिसे पूरी तरह से टाला नहीं जा सकता, लेकिन सही जानकारी और तैयारी से इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है. राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) ने भूकंप से पहले, दौरान और बाद में अपनाए जाने वाले कुछ महत्वपूर्ण सुरक्षा उपायों को साझा किया है, जो किसी भी आपदा के समय आपकी मदद कर सकते हैं.

    भूकंप से पहले की तैयारी

    घर को भूकंप-रोधी बनाना: अपने घर को भूकंप से बचने के लिए किसी विशेषज्ञ से सलाह लें. स्ट्रक्चरल इंजीनियर की मदद से घर की नींव, दीवारों और छतों को भूकंप-रोधी बनाया जा सकता है.

    समान्य सुरक्षा उपाय: अलमारियों को दीवार से मजबूती से जोड़ें और भारी सामान हमेशा निचली शेल्फ पर रखें. दीवारों और छतों की दरारों को ठीक करवाएं.

    इमरजेंसी किट तैयार रखें: एक इमरजेंसी किट में पानी, बिस्किट, फर्स्ट-एड बॉक्स, दवाइयां, टॉर्च और पावर बैंक रखें.

    कम्युनिकेशन प्लान बनाएं: परिवार के प्रत्येक सदस्य के लिए एक इमरजेंसी कम्युनिकेशन प्लान तैयार करें ताकि किसी भी आपदा के समय आपस में संपर्क किया जा सके.

    "ड्रॉप, कवर, होल्ड" तकनीक सीखें: इस तकनीक का अभ्यास करें ताकि भूकंप के दौरान सही तरीके से प्रतिक्रिया कर सकें.

    भूकंप के दौरान क्या करें?

    शांत रहें और घबराएं नहीं: झटके के दौरान सबसे जरूरी बात है शांत रहना. घबराहट से किसी भी स्थिति में ज्यादा नुकसान हो सकता है.

    "ड्रॉप, कवर, होल्ड" पोजीशन अपनाएं: जब भूकंप के झटके महसूस हों, तो किसी मजबूत फर्नीचर के नीचे झुक जाएं, अपने सिर और गर्दन को ढकें और जब तक झटके बंद न हों, टेबल को मजबूती से पकड़कर रहें.

    इमारत से बाहर निकलने पर ध्यान रखें: जब झटके रुक जाएं, तो तुरंत खुली जगह पर जाएं और लिफ्ट का प्रयोग न करें. सीढ़ियों से बाहर निकलने का प्रयास करें.

    अगर गाड़ी में हैं तो क्या करें: गाड़ी को खुली जगह पर रोककर उसके अंदर रहें. पुल या फ्लाईओवर से बचें.

    भूकंप के बाद की सुरक्षा

    क्षतिग्रस्त इमारतों में न जाएं: भूकंप के बाद किसी भी क्षतिग्रस्त इमारत में प्रवेश करने से बचें, क्योंकि वो और भी गिर सकती है.

    सीढ़ियों का प्रयोग करें: लिफ्ट का प्रयोग न करें, क्योंकि भूकंप के बाद लिफ्ट में फंसे लोग जोखिम में हो सकते हैं. सीढ़ियों से बाहर निकलें.

    मलबे में फंसे लोगों को बचाने के उपाय: यदि आप मलबे में फंसे हैं तो माचिस नहीं जलाएं, ताकि गैस लीक न हो. अपनी सुरक्षा के लिए मुंह को कपड़े से ढकें और पाइप या दीवार पर खटखटाकर ध्यान आकर्षित करने का प्रयास करें.

    भूकंप से संबंधित आम सवाल

    भूकंप के बाद पहला कदम क्या होना चाहिए?

    भूकंप के झटके रुकने के बाद सबसे पहले सुरक्षित स्थान पर जाएं. घर से बाहर निकलते वक्त लिफ्ट का उपयोग न करें, और सीढ़ियों से बाहर निकलें.

    ऊंची इमारत में भूकंप के दौरान क्या करें?

    ऊंची इमारतों में भूकंप के दौरान घबराएं नहीं. मजबूत फर्नीचर के नीचे झुक जाएं और जब तक झटके रुकें, तब तक वहीं रहें. झटके रुकने के बाद सीढ़ियों से नीचे उतरें.

    इमरजेंसी किट में क्या होना चाहिए?

    इमरजेंसी किट में पीने का पानी, नॉन-पेरिशेबल भोजन, फर्स्ट-एड किट, दवाइयां, टॉर्च, सीटी और पावर बैंक होना चाहिए.

    आफ्टरशॉक्स क्या होते हैं?

    बड़े भूकंप के बाद छोटे-छोटे झटके महसूस होते हैं, जिन्हें आफ्टरशॉक्स कहा जाता है. इनसे सतर्क रहना जरूरी है.

    मलबे में फंसे लोगों को चिल्लाना क्यों नहीं चाहिए?

    चिल्लाने से धूल और गंदगी फेफड़ों में जा सकती है. इसके बजाय, खटखटाकर या सीटी बजाकर बचाव दल का ध्यान आकर्षित करें.

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