'राहुल गांधी को सीरियस मत लो...', जातिगत जनगणना मुद्दे पर धर्मेंद्र प्रधान का तीखा हमला

    देश की राजनीति में एक अहम मोड़ पर, केंद्र की मोदी सरकार ने जातिगत जनगणना कराने का ऐतिहासिक फैसला लिया है. इस घोषणा को न केवल सामाजिक न्याय की दिशा में एक निर्णायक कदम माना जा रहा है.

    Don't Take Rahul Gandhi Seriously Dharmendra Pradhan on Religion census
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    देश की राजनीति में एक अहम मोड़ पर, केंद्र की मोदी सरकार ने जातिगत जनगणना कराने का ऐतिहासिक फैसला लिया है. इस घोषणा को न केवल सामाजिक न्याय की दिशा में एक निर्णायक कदम माना जा रहा है, बल्कि यह भाजपा द्वारा समाज के हर तबके तक समान अवसर पहुंचाने की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है.

    निर्णय अचानक नहीं लिया गया 

    इस फैसले की घोषणा के बाद केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसे विस्तार से समझाते हुए कहा कि यह निर्णय अचानक नहीं लिया गया है. “हम पिछले 11 वर्षों से इस दिशा में काम कर रहे हैं. अब समय आ गया है कि सभी वर्गों को उनकी जनसंख्या के अनुपात में प्रतिनिधित्व और संसाधन मिलें.

    जातीय जनगणना पर केंद्र की हरी झंडी

    धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि यह भारत की आज़ादी के बाद पहली बार है जब केंद्र सरकार ने जातिगत जनगणना को सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दी है. उन्होंने इस फैसले को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की दृढ़ता और समाज के वंचित वर्गों के प्रति उनकी जवाबदेही का प्रमाण बताया. उन्होंने यह भी जोड़ा कि इसके संकेत गृह मंत्रालय द्वारा पहले ही दे दिए गए थे.

    नेहरू और कांग्रेस को घेरा

    प्रेस वार्ता में धर्मेंद्र प्रधान ने विपक्ष, खासकर कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि जवाहरलाल नेहरू जातीय आरक्षण के सख्त विरोधी थे, और उन्होंने इस संबंध में राज्यों को पत्र भी लिखे थे. उन्होंने यह भी याद दिलाया कि मंडल कमीशन के वक्त भाजपा ने समर्थन दिया था, जबकि राजीव गांधी और कांग्रेस ने इसे रोकने की कोशिश की थी.

    राहुल गांधी को किया खारिज

    राहुल गांधी की जातीय जनगणना पर की गई टिप्पणी को धर्मेंद्र प्रधान ने पूरी तरह गैर-जिम्मेदाराना करार दिया. उन्होंने कहा, “राहुल गांधी को सर्वे और सेंसस के बीच का अंतर भी नहीं मालूम. उनकी बातों को गंभीरता से लेना वक्त की बर्बादी है.” इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस से नेहरू और राजीव गांधी के बयानों पर देश से माफी मांगने की मांग की.

    डिजिटल भारत और ‘राजनीतिक एटीएम’ की बात

    जातीय जनगणना को लेकर भाजपा पर राजनीतिक लाभ उठाने के आरोपों पर जवाब देते हुए प्रधान ने कहा, “कुछ दल इस मुद्दे को राजनीतिक एटीएम बना चुके थे. लेकिन मोदी जी ने डिजिटल पेमेंट सिस्टम लाकर इस एटीएम को बंद कर दिया.” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जब बिहार में जातीय सर्वे हुआ था, तो भाजपा ने विचारधारा से ऊपर उठकर उसका समर्थन किया था.

    कर्पूरी ठाकुर और सामाजिक समानता की परंपरा

    धर्मेंद्र प्रधान ने बिहार के दिवंगत नेता कर्पूरी ठाकुर का उल्लेख करते हुए कहा कि जनसंघ के समय से ही भाजपा की नीति सामाजिक समानता की रही है, और आज भी उसी विरासत को आगे बढ़ाया जा रहा है.
     

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