भारत के तेजस फाइटर जेट के लिए डेनमार्क ने किया कुछ ऐसा, अब होंगे धड़ाधड़ उत्पादन

    भारतीय वायुसेना के लिए स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस एमके-1ए के निर्माण में आ रही एक बड़ी रुकावट अब दूर हो गई है. डेनमार्क सरकार ने हाल ही में एक ऐसे महत्वपूर्ण उपकरण के निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया है, जो तेजस विमान के निर्माण में बेहद जरूरी है.

    Denmark now tweaked ban export list for tejas mk 1a
    Image Source:

    भारतीय वायुसेना के लिए स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस एमके-1ए के निर्माण में आ रही एक बड़ी रुकावट अब दूर हो गई है. डेनमार्क सरकार ने हाल ही में एक ऐसे महत्वपूर्ण उपकरण के निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया है, जो तेजस विमान के निर्माण में बेहद जरूरी है. यह उपकरण ‘इंजन चार्ज एम्पलीफायर’ है, जो न केवल सैन्य, बल्कि नागरिक उपयोगों के लिए भी अहम माना जाता है. इसी कारण यह वस्तु अब तक डेनमार्क की "दोहरे उपयोग" श्रेणी में शामिल थी और इसके निर्यात पर रोक थी.

    हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा निर्मित किए जा रहे तेजस एमके-1ए विमानों की आपूर्ति पहले ही काफी समय से विलंबित हो रही है. इसके पीछे प्रमुख कारणों में से एक यही चार्ज एम्पलीफायर था, जिसकी समय पर आपूर्ति नहीं हो पाई. हालांकि, GE F404 इंजन जैसी अन्य तकनीकी बाधाएं भी रहीं, परंतु चार्ज एम्पलीफायर की अनुपलब्धता एक बड़ी रुकावट बनकर सामने आई थी.

    स्थानीय स्तर पर भी हुआ निर्माण शुरू

    भारत सरकार ने इस मुद्दे को बीते वर्ष डेनमार्क के साथ राजनयिक स्तर पर उठाया था. इसी दौरान, HAL ने बैंगलोर की एक कंपनी के सहयोग से इस महत्वपूर्ण पुर्जे का स्वदेशी निर्माण शुरू कर दिया. अब स्थिति यह है कि डेनमार्क से चार्ज एम्पलीफायर की आपूर्ति दोबारा शुरू हो चुकी है, जबकि भारत में भी इसका स्थानीय निर्माण जारी है. इससे भविष्य में इस उपकरण के आयात पर निर्भरता पूरी तरह खत्म हो सकती है.

    तेजस की डिलीवरी को लेकर बढ़ी उम्मीदें

    भारतीय वायुसेना ने 73 एलसीए तेजस एमके-1ए फाइटर जेट और 10 ट्रेनर वर्जन का ऑर्डर दिया है. इनकी डिलीवरी मार्च 2024 से शुरू होनी थी, लेकिन तकनीकी कारणों और उपकरणों की आपूर्ति में हुई देरी के चलते यह संभव नहीं हो पाया. अब उम्मीद जताई जा रही है कि अगले महीने दो तेजस एमके-1ए विमानों की डिलीवरी हो सकती है. इसके अलावा, सरकार ने हाल ही में 97 और तेजस एमके-1ए विमानों की खरीद को मंजूरी दी है. इस प्रस्तावित सौदे पर जल्द ही हस्ताक्षर होने की संभावना है, जिससे भारत की वायुसेना को अत्याधुनिक स्वदेशी लड़ाकू विमान प्राप्त हो सकेंगे.

    यह भी पढ़ें: तेल से मालामाल खाड़ी देश होंगे इजराइल का अगला टारगेट? हिजबुल्लाह नेता कासिम ने दी चेतावनी