दिल्ली मेट्रो में सफर करने वाले पुरुष हो जाएं सावधान! 2300 यात्रियों का कटा चालान, जानिए क्या है पूरा मामला

    दिल्ली मेट्रो में सफर करने वाले पुरुष यात्रियों को अब और अधिक सतर्क होने की ज़रूरत है, खासकर जब बात महिलाओं के लिए आरक्षित कोच की हो.

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    Delhi Metro News: दिल्ली मेट्रो में सफर करने वाले पुरुष यात्रियों को अब और अधिक सतर्क होने की ज़रूरत है, खासकर जब बात महिलाओं के लिए आरक्षित कोच की हो. वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 2,320 पुरुष यात्रियों को महिलाओं के कोच में प्रवेश करने पर चालान किया गया है, ये कार्रवाई दिल्ली मेट्रो रेलवे संचालन एवं अनुरक्षण अधिनियम के अंतर्गत की गई, जिसमें हर उल्लंघनकर्ता से ₹250 का जुर्माना वसूला गया.

    सबसे ज्यादा चालान मई महीने में

    दिल्ली मेट्रो रेल निगम (DMRC) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, मई में 443, अप्रैल में 419, सितंबर में 397 पुरुषों का चलान कटा है, जबकि दिसंबर में केवल 1 मामला सामने आया. बाकी महीनों में भी चालान की कार्रवाई जारी रही. इससे यह साफ है कि मेट्रो प्रशासन नियमों के उल्लंघन पर लगातार नजर रखे हुए है.

     जुर्माना नहीं तो चेतावनी, पर रिकॉर्ड पक्का

    जिन मामलों में यात्री जुर्माना नहीं भरते, उन्हें CISF या DMRC के फ्लाइंग स्क्वायड द्वारा चेतावनी देकर छोड़ा जाता है, लेकिन उनका रिकॉर्ड सुरक्षित रखा जाता है. इस रिकॉर्ड के आधार पर दोबारा उल्लंघन की स्थिति में सख्त कार्रवाई की जा सकती है.

    महिलाओं के लिए सुरक्षित सफर की पहल

    DMRC महिलाओं के लिए मेट्रो को सुरक्षित, सहज और सम्मानजनक अनुभव बनाने के लिए कई कदम उठा रहा है. इसमें महिला कोच की साफ़ और स्पष्ट पहचान, प्लेटफॉर्म और ट्रेनों में नियमित उद्घोषणाएं, सोशल मीडिया और डिजिटल अभियान के ज़रिए जागरूकता शामिल हैं. हर मेट्रो ट्रेन में एक कोच केवल महिलाओं के लिए आरक्षित होता है, जिसकी पहचान गुलाबी रंग और संकेतकों से की जा सकती है.

    दिल्ली मेट्रो का विशाल नेटवर्क

    दिल्ली मेट्रो आज देश के सबसे बड़े और सबसे उन्नत परिवहन नेटवर्क्स में से एक है।

    कुल लंबाई: 395 किलोमीटर

    स्टेशन: 257

    कुल लाइनें: 10 रंग-कोडित लाइनें

    DMRC का उद्देश्य न केवल राजधानी में सफर को आसान बनाना है, बल्कि इसे सुरक्षित और नियमबद्ध भी बनाए रखना है.

    नियमों का पालन करें, दूसरों के अधिकारों का सम्मान करें

    दिल्ली मेट्रो में महिला कोच का आरक्षण केवल एक सुविधा नहीं, सुरक्षा की प्राथमिकता है. पुरुष यात्रियों से अपील है कि वो महिलाओं के लिए तय कोच में प्रवेश न करें और यदि गलती से कर भी बैठें तो जुर्माने या चेतावनी को हल्के में न लें. एक जिम्मेदार नागरिक वही है, जो सार्वजनिक स्थानों पर नियमों का पालन करे और दूसरों की सुविधा का सम्मान करे.

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