एक ऐसा देश, जिसके पास न नौसेना और न ही वायुसेना... तो फिर कौन करता है सीमा की सुरक्षा?

    दुनिया में लगभग हर देश अपनी सीमा की सुरक्षा के लिए थल, जल और वायु सेना का गठन करता है. ये सेनाएं उस देश की सुरक्षा का मूल आधार होती हैं, जिससे वह अपने दुश्मनों का मुकाबला किसी भी दिशा से कर सकता है.

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    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Internet

    दुनिया में लगभग हर देश अपनी सीमा की सुरक्षा के लिए थल, जल और वायु सेना का गठन करता है. ये सेनाएं उस देश की सुरक्षा का मूल आधार होती हैं, जिससे वह अपने दुश्मनों का मुकाबला किसी भी दिशा से कर सकता है. लेकिन आप जानकर हैरान होंगे कि एक ऐसा देश भी है, जो इन तीनों सेनाओं से परे अपनी सुरक्षा व्यवस्था को मजबूती से कायम रखता है. और वह देश है भूटान, जोकि भारत का पड़ोसी देश है. 

    भूटान का न कोई नौसेना, न वायुसेना

    भूटान, जो दक्षिण एशिया का एक छोटा लेकिन रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण देश है, अपनी सीमा की सुरक्षा के लिए न तो खुद की नौसेना रखता है और न ही वायुसेना. लेकिन इसके बावजूद, भूटान की रक्षा में कोई कमी नहीं है. दरअसल, यह देश भारत पर निर्भर करता है. भारत की मदद से ही भूटान की आंतरिक और बाहरी सुरक्षा सुनिश्चित होती है.

    भारत पर निर्भरता

    भूटान के पास कोई समुद्री सीमा नहीं है क्योंकि यह एक लैंडलॉक देश है, यानी इसे किसी समुद्र से जोड़ने वाली कोई सीमा नहीं है. यह देश तिब्बत और भारत के बीच स्थित है. इसलिए भूटान को अपनी समुद्री रक्षा के लिए किसी नौसेना की जरूरत नहीं पड़ी. वहीं, वायु सुरक्षा की जिम्मेदारी भी भारत की है. भारत की वायुसेना भूटान की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और भूटान का आकाश भारतीय सेना की नजरों से बाहर नहीं रहता.

    भूटान की सैन्य व्यवस्था

    भूटान में अपनी रॉयल भूटान आर्मी है, जो देश की सीमाओं और आंतरिक सुरक्षा का ख्याल रखती है. यह सेना रॉयल बॉडीगार्ड्स और रॉयल भूटान पुलिस का संयुक्त संगठन है. भारतीय सेना इन सैनिकों को प्रशिक्षण देती है और उन्हें आधुनिक युद्ध तकनीकों से अवगत कराती है, जिससे भूटान की सेना हमेशा तैयार रहती है.

    भूटान की अनूठी पहचान

    भूटान अपनी सांस्कृतिक धरोहर और पवित्र स्थलों के लिए भी जाना जाता है. यहां का सबसे ऊंचा पहाड़ गंगखार पुनसुम है, जिसकी ऊंचाई 24,840 फीट है. दिलचस्प बात यह है कि भूटान की सरकार ने इस पहाड़ पर चढ़ाई को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया है. स्थानीय लोग इसे पवित्र मानते हैं और इसे 'भगवान' के समान मानते हैं.

    तंबाकू पर प्रतिबंध

    भूटान अपने नागरिकों के स्वास्थ्य के प्रति भी बेहद सतर्क है. साल 2004 में भूटान ने तंबाकू के उपयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया. यह दुनिया का पहला देश था जिसने तंबाकू उत्पादों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया. यदि कोई तंबाकू बेचते या खरीदते हुए पकड़ा जाता है, तो उसे जुर्माना और सजा का सामना करना पड़ता है.

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