कोलंबिया की राजनीति उस समय हिल गई जब राजधानी बोगोटा में एक चुनावी रैली के दौरान राष्ट्रपति पद के संभावित उम्मीदवार मिगुएल उरीबे पर जानलेवा हमला हुआ. इस हमले में उन्हें तीन गोलियां लगी हैं और फिलहाल वे गंभीर स्थिति में अस्पताल में भर्ती हैं. घटना के तुरंत बाद सुरक्षाबलों ने हमलावर को गिरफ्तार कर लिया है और उससे पूछताछ जारी है.
रैली के दौरान चली गोलियां, उरीबे गंभीर रूप से घायल
यह हमला उस समय हुआ जब मिगुएल उरीबे राजधानी बोगोटा के एक सार्वजनिक पार्क में सैकड़ों लोगों को संबोधित कर रहे थे. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, अचानक गोलियों की आवाज़ सुनाई दी और देखते ही देखते उरीबे मंच पर गिर पड़े. उन्हें तीन गोलियां लगीं, जिससे उनकी हालत नाजुक बनी हुई है. प्रशासन ने तुरंत उन्हें स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया, और ज़रूरत पड़ने पर बेहतर इलाज के लिए रेफर करने की तैयारियां भी शुरू कर दी गई हैं.
कौन हैं मिगुएल उरीबे?
39 वर्षीय मिगुएल उरीबे सेंट्रो डेमोक्रेटिक कंजर्वेटिव पार्टी से ताल्लुक रखते हैं. उनका जन्म 1986 में कोलंबिया में हुआ था. उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत बोगोटा काउंसिल के सदस्य के रूप में की थी, जहां उन्होंने शहरी विकास और सुरक्षा जैसे मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया. उनका राजनीतिक कद उनके परिवारिक पृष्ठभूमि से भी जुड़ा है — उनके दादा जूलियो सीज़र 1978 से 1982 तक कोलंबिया के राष्ट्रपति रह चुके हैं. वहीं, उनकी मां डायना टर्बे एक प्रसिद्ध पत्रकार थीं, जिनकी 1991 में मेडेलिन ड्रग कार्टेल द्वारा अपहरण के बाद मौत हो गई थी.
2026 के चुनावों के प्रमुख चेहरा थे उरीबे
कोलंबिया में 2026 में राष्ट्रपति चुनाव होने हैं और मिगुएल उरीबे को सत्ताविरोधी खेमा एक प्रमुख उम्मीदवार के रूप में देख रहा था. बीते कुछ महीनों से वे लगातार देशभर में रैलियां कर रहे थे और आम जनता से सीधे संवाद स्थापित कर रहे थे.
वैश्विक प्रतिक्रिया और लोकतंत्र पर खतरे की चेतावनी
इस हमले की विश्वभर में निंदा हो रही है. अमेरिका के वरिष्ठ नेता और ट्रंप प्रशासन के सचिव मार्को रुबियो ने इस घटना को लोकतंत्र पर सीधा हमला बताया. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर लिखा, “यह हमला कोलंबियाई राजनीति में बढ़ती उग्र वामपंथी बयानबाजी का नतीजा है, और इससे लोकतांत्रिक प्रक्रियाएं खतरे में पड़ सकती हैं.”
ऐसे हमले पहले भी बन चुके हैं सुर्खियों का कारण
यह पहली बार नहीं है जब किसी शीर्ष नेता या उम्मीदवार पर हमला हुआ हो. अमेरिका में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर भी एक रैली के दौरान जानलेवा हमला हो चुका है. वहीं, जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की भी सार्वजनिक रूप से गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इन घटनाओं ने एक बार फिर नेताओं की सुरक्षा और राजनीतिक हिंसा पर वैश्विक बहस को जन्म दे दिया है.
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