MP News: मध्य प्रदेश सरकार ने पशुपालकों और किसानों के लिए एक ऐसा कदम उठाया है, जिसे ऐतिहासिक कहा जा सकता है. अब तक राज्य में केवल भैंस का दूध खरीदा जाता था, लेकिन मुख्यमंत्री मोहन यादव ने घोषणा की है कि अब गाय का दूध भी सरकार द्वारा खरीदा जाएगा. यही नहीं, किसानों को 10 लाख रुपए तक की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी, जिससे वे अपने पशुपालन कार्य को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा सकें.
किसानों को मिलेगा सीधा आर्थिक सहारा
सरकार की इस योजना का सबसे बड़ा लाभ सीधे किसानों को होगा. गाय खरीदने और डेयरी उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए किसानों को 10 लाख रुपए तक की अनुदान राशि दी जाएगी. इससे उनकी आय में बढ़ोतरी होगी और उन्हें पशुपालन को एक स्थायी व्यवसाय के रूप में अपनाने का अवसर मिलेगा. दूध की खरीदारी के दाम भी पहले से ज्यादा तय किए जाएंगे, जिससे किसानों को बेहतर मुनाफा मिलेगा.
गौशाला यूनिट और नई सुविधाएँ
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य में गौशाला यूनिट्स स्थापित की जाएंगी. इनमें लगभग 25 गायों की क्षमता होगी और प्रत्येक यूनिट की लागत करीब 42 लाख रुपए तक होगी. इन यूनिट्स के माध्यम से किसानों को डेयरी उत्पादों की उपलब्धता बढ़ेगी और प्रदेश का डेयरी सेक्टर अधिक संगठित और मजबूत होगा.
रतलाम से हुई पहल
इस ऐतिहासिक योजना की शुरुआत रतलाम जिले के कुंडाल गाँव से हुई है. यहाँ सीएम ने किसानों और पशुपालकों से मुलाकात कर बताया कि यह क्षेत्र पहले से ही दूध उत्पादन में समृद्ध है. सरकार की योजना है कि इस मॉडल को जल्द ही पूरे प्रदेश में लागू किया जाए.
नए रोजगार और ‘मिल्क कैपिटल’ का सपना
गाय के दूध की खरीद और गौशाला यूनिट्स से केवल किसानों और पशुपालकों को ही नहीं, बल्कि युवाओं को भी नए रोजगार के अवसर मिलेंगे. मुख्यमंत्री ने यह भी ऐलान किया कि विभिन्न विभागों में खाली पड़ी भर्तियों को जल्द भरा जाएगा. उनका लक्ष्य है कि वर्ष 2028 तक मध्य प्रदेश को ‘मिल्क कैपिटल’ के रूप में पहचान दिलाई जाए.
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