छत्तीसगढ़ के सुकमा में बड़ा नक्सली सरेंडर: 33 माओवादी हथियार डालकर लौटे मुख्यधारा में, 17 पर था 49 लाख का इनाम छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में सुरक्षा बलों को शुक्रवार को बड़ी सफलता मिली है. कुल 33 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर हिंसा का रास्ता छोड़ने का ऐलान किया, जिनमें से 17 पर कुल ₹49 लाख का इनाम घोषित था. इस अहम घटनाक्रम ने जहां प्रशासन को राहत दी है, वहीं सुकमा की बड़ेसत्ती पंचायत को "पूर्णतः नक्सलमुक्त" घोषित कर दिया गया है.
क्यों छोड़ा हथियारों का साथ?
सुकमा के पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण के मुताबिक, आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली अब माओवादी संगठन की "खोखली और अमानवीय विचारधारा" से तंग आ चुके थे. कई ने बताया कि वे संगठन द्वारा स्थानीय आदिवासियों पर हो रहे अत्याचारों से परेशान थे. राज्य सरकार की ‘नियाद नेल्लनार’ (आपका अच्छा गांव) और एलवद पंचायत योजना जैसी विकास योजनाओं ने भी उन्हें मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रेरित किया.
कौन-कौन हैं आत्मसमर्पण करने वाले?
इनमें शामिल हैं:
अब क्या होगा?
राज्य सरकार की 2025 की नई आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति के तहत हर सरेंडर करने वाले नक्सली को ₹50,000 की सहायता दी गई है. उन्हें रोज़गार, शिक्षा और पुनर्वास की सुविधा भी मुहैया कराई जाएगी. एलवद पंचायत योजना के तहत बड़ेसत्ती पंचायत को ₹1 करोड़ तक की विकास योजनाओं की मंज़ूरी मिल सकती है.
गृह मंत्री अमित शाह की अपील
गृह मंत्री अमित शाह ने इस मौके पर सोशल मीडिया X (पूर्व में ट्विटर) पर नक्सलियों से शांति की राह चुनने की अपील की “सुकमा की बड़ेसत्ती पंचायत अब पूर्ण रूप से नक्सलमुक्त हो चुकी है. मैं बाकी छिपे हुए नक्सलियों से भी अपील करता हूं कि मोदी सरकार की आत्मसमर्पण नीति अपनाएं और जल्द से जल्द मुख्यधारा में लौटें. हमारा लक्ष्य है कि 31 मार्च 2026 तक देश को नक्सलवाद से मुक्त किया जाए.”