पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत की जवाबी कार्रवाई से पाकिस्तान बुरी तरह बौखलाया हुआ है. जहां सीमा पर पाकिस्तान की उकसावे वाली गोलीबारी और मिसाइल परीक्षणों ने तनाव बढ़ाया, वहीं भारत ने बिना एक भी गोली चलाए बिना ‘पानी’ को हथियार बना दिया. बगलिहार और सलाल जलविद्युत परियोजनाओं से चिनाब नदी का पानी रोकने के फैसले से पाकिस्तान को एक बड़ा झटका लगा है. यह वही पाकिस्तान है जो बार-बार आतंकवाद को समर्थन देता है और भारत की शांति व्यवस्था को चुनौती देता है. इस बार उसे जवाब सेना या तोप से नहीं, बल्कि एक रणनीतिक ‘जल-प्रहार’ से मिला है.
सूखने नदी चिनाब नदी
अखनूर क्षेत्र में लोगों ने सोमवार सुबह पहली बार सूखी हुई चिनाब नदी का नज़ारा देखा. जहां सामान्य दिनों में नदी 18 फीट गहरी होती है, वहीं सुबह उसका जलस्तर घटकर सिर्फ डेढ़ फुट तक पहुंच गया. इस बदलाव से पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया कि भारत ने पाकिस्तान को पानी की आपूर्ति रोक दी है. स्थानीय निवासी जगदीश कुमार ने इसे “पानी की सर्जिकल स्ट्राइक” कहा, तो वहीं बबलू नामक ग्रामीण ने कहा, “जो देश कश्मीर में गोलियां चलाता है, अब वह बूंद-बूंद पानी को तरसेगा.”
बूंद-बूंद पानी को तरसने लगा पाकिस्तान
यह भारत-पाक जल संबंधों के इतिहास में पहली बार हुआ है कि चिनाब नदी का प्रवाह पूर्णतः रोका गया, वह भी बांधों की सफाई के दौरान. इससे पहले कभी भी पाकिस्तान के लिए जलद्वार पूरी तरह बंद नहीं किए जाते थे. अब हालात यह हैं कि पाकिस्तान में चिनाब पर बनी सिंचाई नहरें सूख गई हैं, बिजली परियोजनाएं ठप हो गई हैं और सिंचाई का संकट पैदा हो गया है. भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह आतंकवाद को समर्थन देने वालों के साथ “जल मैत्री” बनाए रखने के मूड में नहीं है.
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