नई दिल्ली: CBSE ने 10वीं कक्षा के छात्रों के लिए एक बड़ा बदलाव किया है. अब साल 2026 से बोर्ड परीक्षा दो बार होगी. बोर्ड के एग्जामिनेशन कंट्रोलर संयम भारद्वाज ने यह नई योजना पेश की है, जो छात्रों को बेहतर प्रदर्शन का अतिरिक्त मौका देगी.
क्या है नया पैटर्न?
रिजल्ट:
ये हैं नई व्यवस्था की खास बातें-
बेस्ट स्कोर का रिजल्ट फाइनल होगा:
अगर कोई छात्र दोनों बार परीक्षा देता है, तो उसे बेहतर स्कोर वाला रिजल्ट ही फाइनल माना जाएगा.
केवल तीन विषय दोहराने की छूट:
दूसरी परीक्षा में छात्र साइंस, गणित, सामाजिक विज्ञान और भाषाओं में से अधिकतम 3 विषय दोबारा दे सकते हैं.
सप्लीमेंट्री खत्म:
अब 10वीं बोर्ड के लिए अलग से सप्लीमेंट्री परीक्षा नहीं होगी. यही दूसरी परीक्षा उस विकल्प की तरह काम करेगी.
विंटर बाउंड स्कूलों को लचीलापन:
सर्दियों में बंद रहने वाले स्कूलों के छात्र दोनों में से किसी एक परीक्षा को चुन सकते हैं.
कम से कम 3 विषय पहली परीक्षा में जरूरी:
यदि कोई छात्र पहली परीक्षा में 3 या उससे ज्यादा विषय में शामिल नहीं होता है, तो उसे दूसरी परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
यह कब से लागू होगा?
यह नया सिस्टम 2025-26 सेशन से लागू होगा. इसका मतलब है कि साल 2026 में पहली बार CBSE 10वीं की दो बोर्ड परीक्षाएं होंगी.
छात्रों के पास तीन विकल्प होंगे:
रजिस्ट्रेशन और परीक्षा केंद्र की प्रक्रिया:
इस बदलाव का मकसद क्या है?
यह कदम छात्रों के मानसिक दबाव को कम करने और उन्हें बेहतर स्कोर करने का दूसरा मौका देने के इरादे से उठाया गया है.
शिक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान पहले ही कह चुके हैं कि जिस तरह JEE जैसी परीक्षाएं साल में दो बार होती हैं, उसी तरह अब CBSE भी छात्रों को यह अवसर देगा.
2024 में तैयार हुआ था ड्राफ्ट:
इस योजना का खाका अगस्त 2024 में बना था. इसके बाद फरवरी 2025 में मंत्रालय, CBSE, NCERT और कई स्कूलों की बैठकों में इस पर मुहर लगी.
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