MP में आवारा कुत्ते-बिल्लियों का आतंक, 6 महीने में इतने हजार लोगों पर किया अटैक, देखें चौंकाने वाले आंकड़े

    MP News: मध्य प्रदेश में मौसम बदलने के साथ ही कुत्तों और बिल्लियों के हमले के मामलों में भारी वृद्धि देखी जा रही है. इन हमलों की वजह से अस्पतालों में भीड़ बढ़ने लगी है, और रोज़ाना कई लोग इन आक्रामक जानवरों का शिकार बन रहे हैं.

    cat and dog attacks statistics in madhya pradesh in last 6 months
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Internet

    MP News: मध्य प्रदेश में मौसम बदलने के साथ ही कुत्तों और बिल्लियों के हमले के मामलों में भारी वृद्धि देखी जा रही है. इन हमलों की वजह से अस्पतालों में भीड़ बढ़ने लगी है, और रोज़ाना कई लोग इन आक्रामक जानवरों का शिकार बन रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, कुत्तों और बिल्लियों के हमलों में कई हजार लोग प्रभावित हुए हैं.

    6 महीने में इतने लोग शिकार बने

    पिछले 6 महीनों में मध्य प्रदेश में कुत्तों और बिल्लियों ने 5000 से अधिक लोगों पर हमला किया. इस आंकड़े में केवल कुत्तों के हमले शामिल हैं, जबकि बिल्लियों ने भी 800 से ज्यादा लोगों को अपना शिकार बनाया है. भोपाल में रोज़ाना लगभग 30 लोग कुत्तों के हमले का शिकार हो रहे हैं, जिनमें बच्चे, युवा और बुजुर्ग सभी शामिल हैं. यह आंकड़ा इस बात का संकेत है कि जानवरों के हमलों की बढ़ती समस्या ने लोगों को गंभीर रूप से प्रभावित किया है.

    एंटी-रेबीज इंजेक्शन है जरूरी

    मामलों की बढ़ती संख्या को देखते हुए डॉक्टरों ने कुत्तों और बिल्लियों के हमले से बचने के लिए तत्काल एंटी-रेबीज इंजेक्शन की सलाह दी है. उनका कहना है कि इन जानवरों के काटने के बाद संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है और केवल एंटी-रेबीज इंजेक्शन से ही इसे रोका जा सकता है. इसके अलावा, यदि आपके पास पालतू कुत्ता या बिल्ली है, तो उन्हें हर साल एंटी-रेबीज इंजेक्शन जरूर लगवाना चाहिए, ताकि वे किसी भी संक्रमण से बच सकें.

    सड़कों पर आवारा कुत्तों का इलाज

    सड़कों पर घूमते हुए आवारा कुत्तों को पकड़कर उन्हें एंटी-रेबीज इंजेक्शन लगाए जाते हैं और साथ ही उनकी नसबंदी भी की जाती है. इस प्रक्रिया का उद्देश्य न सिर्फ रेबीज के खतरे को कम करना है, बल्कि आने वाले समय में इस समस्या पर नियंत्रण पाना है. हालांकि, आंकड़े बताते हैं कि 97% मामले कुत्तों के काटने के कारण होते हैं, जबकि 3% मामलों में बिल्लियों का हमला कारण होता है.

    निवारक उपाय और जागरूकता

    इस बढ़ती समस्या को देखते हुए डॉक्टरों और स्वास्थ्य विभाग ने जनता में जागरूकता फैलाने के लिए कैंप आयोजित करने शुरू कर दिए हैं. उनका कहना है कि हर घर में यह जिम्मेदारी बनती है कि वे अपने पालतू जानवरों को समय-समय पर चेकअप करवा कर उनका ख्याल रखें. एंटी-रेबीज इंजेक्शन और अन्य स्वास्थ्य उपायों को लेकर लोगों को अधिक जागरूक किया जा रहा है.

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