फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और उनकी पत्नी ब्रिजिट मैक्रों इन दिनों एक चौंकाने वाले दावे की वजह से सुर्खियों में हैं. एक अमेरिकी महिला पत्रकार ने ब्रिजिट की लैंगिक पहचान पर सवाल उठाते हुए दावा किया है कि वह जन्म से पुरुष थीं. यह आरोप न सिर्फ व्यक्तिगत है, बल्कि कूटनीतिक रिश्तों को भी प्रभावित करने वाला साबित हो सकता है.
ये विवाद खड़ा किया है अमेरिकी दक्षिणपंथी कमेंटेटर और पॉपुलर पॉडकास्टर कैंडेस ओवन्स ने. उन्होंने “Becoming Brigitte” नामक पॉडकास्ट सीरीज़ में दावा किया कि ब्रिजिट का जन्म नाम जीन-मिशेल था और बाद में उन्होंने जेंडर ट्रांजिशन करवाया. ओवन्स यहीं नहीं रुकीं — उन्होंने यह तक कह दिया कि मैक्रों और ब्रिजिट आपस में खून के रिश्तेदार हैं.
कौन हैं ये पत्रकार और क्या है मामला?
अब फ्रांसीसी राष्ट्रपति दंपति ने ओवन्स के खिलाफ अमेरिका में मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया है. दूसरी ओर, कैंडेस ओवन्स ने इस मुकदमे को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बताते हुए इसे 'पॉलिटिकल बुलीइंग' करार दिया है.
कैंडेस ओवन्स: नाम से ज्यादा चर्चाओं से जानी जाती हैं
कैंडेस ओवन्स का नाम मीडिया और सोशल नेटवर्क्स में विवादों से जुड़ा रहा है. वे पत्रकार कम और एक कट्टरपंथी चेहरा ज्यादा मानी जाती हैं. अफ्रीकी-अमेरिकी पृष्ठभूमि से आने वाली ओवन्स ने कॉलेज अधूरा छोड़ दिया था और शुरुआती करियर में एक ऐसी वेबसाइट चलाई, जिसका मकसद इंटरनेट ट्रोल्स को एक्सपोज़ करना था. लेकिन वक्त के साथ उन्होंने विचारधारा बदल ली और खुद को 'लिबरल से कंजरवेटिव' घोषित कर दिया.
ट्रंप से दूरी, फिर अंधसमर्थन तक का सफर
ओवन्स ने अपने करियर की शुरुआत में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आलोचना की थी. यहां तक कि एक लेख में उन्होंने ट्रंप के शरीर को लेकर भी अपमानजनक टिप्पणी की. लेकिन कुछ ही सालों में वह ट्रंप समर्थक कैंपेन की पोस्टर गर्ल बन गईं. इसके बाद उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी को लगातार निशाने पर रखा.
BLM, कोविड और यहूदी विरोध हर मोर्चे पर विवाद
ओवन्स की सबसे ज्यादा आलोचना तब हुई जब उन्होंने Black Lives Matter आंदोलन को “झूठा नैरेटिव” बताया और एक डॉक्यूमेंट्री बनाई — The Greatest Lie Ever Sold, जिसमें जॉर्ज फ्लॉयड की मौत को पुलिस की बर्बरता नहीं, बल्कि ड्रग ओवरडोज का नतीजा बताया गया. कोविड-19 के दौरान भी उन्होंने टीकाकरण को लेकर साजिशी बातें फैलाईं, और यहां तक कहा कि “बिल गेट्स को वैक्सीन अपराधों के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए.” उनकी विवादास्पद टिप्पणियों की वजह से उन्हें पिछले साल ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में प्रवेश करने से रोका गया था. वहां की सरकारों ने उनकी टिप्पणियों को सामाजिक नफरत फैलाने वाला करार दिया.
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