भारत यात्रा पर ब्रिटिश प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर, व्यापार, तकनीक और रक्षा पर गहराएंगे रिश्ते

    ब्रिटेन के प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर अपने पहले आधिकारिक भारत दौरे पर बुधवार को मुंबई पहुंचे. दो दिवसीय इस अहम यात्रा में भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापार, निवेश, तकनीक, शिक्षा और सुरक्षा सहयोग को लेकर व्यापक चर्चा होने जा रही है.

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    ब्रिटेन के प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर अपने पहले आधिकारिक भारत दौरे पर बुधवार को मुंबई पहुंचे. दो दिवसीय इस अहम यात्रा में भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापार, निवेश, तकनीक, शिक्षा और सुरक्षा सहयोग को लेकर व्यापक चर्चा होने जा रही है.

    स्टार्मर के साथ आए 100 से ज्यादा व्यापारिक प्रतिनिधियों, विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और सांस्कृतिक नेताओं का प्रतिनिधिमंडल इस बात का संकेत है कि ब्रिटेन इस रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाइयों तक ले जाने को लेकर गंभीर है.

    एफटीए के जरिए गहरे होंगे व्यापारिक रिश्ते

    यह दौरा ऐसे समय हो रहा है जब दोनों देश सीईटीए (भारत-ब्रिटेन व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौता) को अंतिम रूप देने की ओर बढ़ रहे हैं. इस समझौते से 90 प्रतिशत से अधिक उत्पादों पर टैरिफ खत्म हो जाएगा. जुलाई में हुए ‘चेकर्स समझौते’ के तहत दोनों देशों ने ‘विजन 2035’ के अंतर्गत अगले 10 वर्षों का साझा रोडमैप तैयार किया है. किएर स्टार्मर ने कहा कि, भारत 2028 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने वाला है और ऐसे में हमारे लिए उसके साथ व्यापार को तेज़ और सरल बनाना प्राथमिकता है.

    भारत में ब्रिटेन की रणनीतिक दिलचस्पी

    प्रधानमंत्री स्टार्मर की भारत यात्रा कई मायनों में विशेष है. इस दौरे के दौरान वह मुंबई में आयोजित ग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2025 के छठे संस्करण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हिस्सा लेंगे और टेक्नोलॉजी, डिजिटल इनोवेशन और साइबर सिक्योरिटी जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा करेंगे. प्रौद्योगिकी सुरक्षा पहल (Technology Security Initiative - TSI) के तहत दोनों देश टेलीकॉम, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम कंप्यूटिंग, बायोटेक्नोलॉजी और क्रिटिकल मिनरल्स जैसे क्षेत्रों में सहयोग को और मज़बूत करने की दिशा में काम कर रहे हैं.

    प्रत्यर्पण जैसे अहम मुद्दों पर भी चर्चा संभव

    मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस द्विपक्षीय बैठक में विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे आर्थिक भगोड़ों के प्रत्यर्पण पर भी चर्चा हो सकती है. भारत पहले ही ब्रिटेन से नीरव मोदी के प्रत्यर्पण में तेजी लाने का आग्रह कर चुका है.

    नौसेना अभ्यास से रक्षा सहयोग को मिलेगा बल

    इस यात्रा के दौरान रणनीतिक दृष्टिकोण से एक और अहम पहलू सामने आया है. भारत और ब्रिटेन की नौसेनाएं अरब सागर में ‘कोंकण’ नामक संयुक्त सैन्य अभ्यास में भाग ले रही हैं. इसमें दोनों देशों के बीच रक्षा प्रौद्योगिकी और इंडस्ट्रियल साझेदारी, विशेष रूप से नेवल इलेक्ट्रिक प्रणोदन जैसे क्षेत्रों में सहयोग की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं.

    क्या बोले उद्योग जगत के नेता?

    यूके-इंडिया बिजनेस काउंसिल (UKIBC) के अध्यक्ष रिचर्ड हील्ड ने कहा कि यह यात्रा द्विपक्षीय रिश्तों को नए मुकाम पर ले जाने का अवसर है, जो नवाचार, अवसर और साझा दृष्टिकोण पर आधारित है. वहीं इंटरनेशनल चैंबर ऑफ कॉमर्स यूके के प्रमुख लॉर्ड करण बिलिमोरिया ने कहा कि लगभग 9 वर्षों बाद इतने बड़े प्रतिनिधिमंडल के साथ किसी ब्रिटिश प्रधानमंत्री का भारत दौरा यह दिखाता है कि यूके भारत के साथ रिश्तों को लेकर कितनी गंभीरता रखता है.

    44.1 बिलियन पाउंड का द्विपक्षीय व्यापार

    ब्रिटेन के व्यापार मंत्रालय के अनुसार, भारत और यूके के बीच वर्तमान में लगभग 44.1 बिलियन पाउंड का वार्षिक द्विपक्षीय व्यापार होता है. सीईटीए के लागू होने के बाद यह आंकड़ा 2030 तक दोगुना होने की उम्मीद है.

    चीन से पहले भारत – एक संकेत

    रणनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, प्रधानमंत्री स्टार्मर की यह यात्रा इस बात का संकेत है कि ब्रिटेन एशिया में भारत को प्राथमिकता दे रहा है. चीन यात्रा से पहले भारत आना ब्रिटेन की दीर्घकालिक रणनीति का हिस्सा है, जिसमें वह भारत को एक आर्थिक और सुरक्षा साझेदार के रूप में देखता है.

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