ब्रह्मोस मिसाइल ही नहीं... इस अस्त्र के प्रहार से भी दुनिया में मच सकता है तांडव, DRDO ने बना ली ये योजना

    ‘ऑपरेशन सिंदूर’ इसी सोच का प्रत्यक्ष उदाहरण है, जिसमें भारत ने न सिर्फ आतंकियों को, बल्कि उनके संरक्षकों को भी करारा जवाब दिया.

    Brahmos missile weapon DRDO plan
    ब्रह्मोस मिसाइल | Photo: ANI

    नई दिल्लीः जब बात राष्ट्रीय सुरक्षा की हो, तो भारत अब केवल प्रतिक्रिया देने वाला देश नहीं रहा—अब वह रणनीतिक बढ़त लेने वाला राष्ट्र बन चुका है. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ इसी सोच का प्रत्यक्ष उदाहरण है, जिसमें भारत ने न सिर्फ आतंकियों को, बल्कि उनके संरक्षकों को भी करारा जवाब दिया. इस ऑपरेशन के दौरान भारत की आकाश से लेकर ज़मीन तक की शक्ति ने दुनिया को बता दिया कि वह अब किसी भी खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है.

    इस दौरान सबसे ज्यादा चर्चा में रहा देश का स्वदेशी 'आकाशतीर एयर डिफेंस सिस्टम', जिसने युद्ध के मैदान में अपनी दक्षता और सटीकता से सभी को चौंका दिया. एक तुर्की निर्मित ड्रोन को जिस सटीकता से मार गिराया गया, उसने दिखा दिया कि भारत की एयर डिफेंस क्षमता कितनी उन्नत हो चुकी है.

    DRDO की अगुवाई में स्वदेशी तकनीक की जीत

    रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के प्रमुख समीर वी कामत ने इस उपलब्धि को भारत की रक्षा क्षमताओं के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया. उन्होंने कहा कि "आकाशतीर" के शानदार प्रदर्शन से दुनिया भर के देशों की इसमें रुचि बढ़ेगी. यह पूरी तरह ऑटोमेटेड और मोबाइल एयर डिफेंस कंट्रोल सिस्टम है, जो रडार, सेंसर और संचार प्रणालियों को जोड़कर दुश्मन के फाइटर जेट, ड्रोन और मिसाइलों को पहचानने, ट्रैक करने और जवाब देने में सक्षम है.

    भारत की आत्मनिर्भर रक्षा रणनीति

    कामत ने कहा कि भारत आत्मनिर्भर रक्षा प्रणाली की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है. उन्होंने माना कि अभी कुछ चुनौतियाँ हैं, लेकिन अगले कुछ वर्षों में भारत पूरी तरह से आत्मनिर्भर रक्षा तंत्र खड़ा कर लेगा. DRDO भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए केवल पारंपरिक हथियारों पर नहीं, बल्कि ड्रोन टेक्नोलॉजी, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर और AI-आधारित युद्ध प्रणालियों पर भी काम कर रहा है.

    AMCA: भारत का अगला बड़ा क़दम

    आने वाले समय में भारत की ताकत और बढ़ने वाली है. DRDO का एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) प्रोजेक्ट, जो 5.5 पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर जेट है, तेज़ी से विकसित हो रहा है. इसका विकास कार्य 2024 में शुरू हुआ और इसे 2035 तक वायुसेना में शामिल करने का लक्ष्य है. हाल ही में बेंगलुरु में आयोजित एयरो इंडिया 2025 शो में इसका फुल स्केल मॉडल पहली बार दिखाया गया.

    AI और हाई-टेक वॉरफेयर की ओर कदम

    एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) की ओर से नेटवर्क-सेंट्रिक वॉरफेयर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-संचालित पायलटिंग सिस्टम और इंटीग्रेटेड हेल्थ मॉनिटरिंग जैसे आधुनिक तकनीकी पहलुओं पर काम किया जा रहा है.

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