बोइंग के 3,200 कर्मचारी हड़ताल पर, फाइटर जेट बनाने का काम पड़ा ठप, जानें क्या है मांग

    अमेरिकी एयरोस्पेस दिग्गज बोइंग के करीब 3,200 कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं, जिससे कंपनी के फाइटर जेट और अन्य महत्वपूर्ण विमानन उपकरणों के निर्माण पर असर पड़ा है.

    Boeing workers on strike halt work
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    मुंबई: अमेरिकी एयरोस्पेस दिग्गज बोइंग के करीब 3,200 कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं, जिससे कंपनी के फाइटर जेट और अन्य महत्वपूर्ण विमानन उपकरणों के निर्माण पर असर पड़ा है. ये कर्मचारी मुख्य रूप से कंपनी के डिफेंस सेक्टर में काम करते हैं, जहां वे विमान और स्ट्राइक सिस्टम की डिज़ाइनिंग, असेंबली और मेंटेनेंस करते हैं. यह हड़ताल लेबर कॉन्ट्रैक्ट को लेकर असहमति के कारण शुरू हुई है, जो रविवार रात से प्रभावी है.

    हड़ताली कर्मचारियों का कहना है कि वे ऐसे संवेदनशील और उच्च तकनीकी विमान बनाने में लगे हैं, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बेहद अहम हैं. ऐसे में वे एक ऐसा समझौता चाहते हैं, जो उनके परिवारों के लिए आर्थिक सुरक्षा प्रदान करे, उनके अधिकारों और मेहनत का उचित सम्मान करे. कर्मचारियों की मांगें केवल वेतन वृद्धि तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे बेहतर कार्य-जीवन संतुलन, स्वास्थ्य लाभ, पेंशन और ओवरटाइम के बेहतर नियमों की भी उम्मीद कर रहे हैं.

    उत्पादन प्रभावित होने का खतरा

    बोइंग के पास कुल लगभग 7,000 फाइटर जेट और अन्य डिफेंस उपकरणों के ऑर्डर हैं, जिन्हें कंपनी को अगले दो वर्षों में डिलीवर करना है. ऐसे में हड़ताल का असर उत्पादन लाइन पर सीधे पड़ेगा, जिससे डिलीवरी में देरी होने का खतरा बढ़ जाएगा. इस देरी से कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन पर भी बुरा प्रभाव पड़ सकता है, खासकर तब जब वैश्विक एयरोस्पेस मार्केट में प्रतिस्पर्धा तीव्र है.

    वेतन वृद्धि को लेकर जारी टकराव

    कंपनी ने कर्मचारियों को चार साल की अवधि में कुल 20% वेतन वृद्धि का ऑफर दिया था, जिसमें मेडिकल, पेंशन और ओवरटाइम बेनिफिट्स में सुधार का भी वादा था. लेकिन कर्मचारियों ने इसे अपर्याप्त माना और यह प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया. इसके बाद बोइंग ने एक संशोधित प्रस्ताव पेश किया, जिसमें औसतन 40% वेतन वृद्धि के साथ-साथ ऑप्शनल वर्क शेड्यूल जैसे मुद्दों पर भी ध्यान दिया गया. इसके बावजूद कर्मचारी इस प्रस्ताव को भी स्वीकार नहीं कर रहे हैं.

    बोइंग की प्रतिक्रिया और रणनीति

    बोइंग एयर डोमिनेंस के वाइस प्रेसिडेंट और जनरल मैनेजर डैन गिलियन ने कहा है कि कंपनी को इस बात से निराशा है कि कर्मचारियों ने इतने बड़े वेतन वृद्धि प्रस्ताव और लचीले कार्य समय के विकल्प को ठुकरा दिया. उन्होंने यह भी बताया कि कंपनी ने गैर-हड़ताली कर्मचारियों के साथ मिलकर उत्पादन और सप्लाई चेन को सुचारू रूप से चलाने के लिए आकस्मिक योजना बना ली है.

    हड़ताल के आर्थिक और उत्पादन पर प्रभाव

    यदि यह हड़ताल लंबी खिंचती है, तो बोइंग को न केवल अपने डिलीवरी शेड्यूल में देरी का सामना करना पड़ेगा, बल्कि कंपनी की मार्केट स्थिति पर भी विपरीत असर पड़ सकता है. इससे ग्राहकों का भरोसा कमजोर हो सकता है, जो लंबे समय तक कंपनी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा सकता है. इस हड़ताल के कारण कंपनी की आय में भी कमी आ सकती है, जिससे भविष्य की योजनाओं और निवेशों पर असर पड़ेगा.

    इतिहास में भी रहे हैं बड़े हड़ताल

    बोइंग के इतिहास में कामगार हड़तालें कोई नई बात नहीं हैं. 2024 में सिएटल में बोइंग के 33,000 कर्मचारियों ने सात हफ्ते तक हड़ताल की थी, जिसके बाद 38% वेतन वृद्धि का समझौता हुआ था. इसके अलावा 1996 में सेंट लुइस में 99 दिनों तक चली हड़ताल भी यादगार रही है. ये घटनाएं यह दर्शाती हैं कि कंपनी और यूनियन के बीच कभी-कभी गहरी असहमति हो सकती है, लेकिन अंततः दोनों पक्ष समाधान खोजने की कोशिश करते हैं.

    बातचीत फिलहाल ठप, भविष्य अनिश्चित

    अभी तक यूनियन और बोइंग के बीच नई बातचीत शुरू नहीं हो सकी है. कर्मचारी अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं, वहीं कंपनी भी उत्पादन को बिना किसी बाधा के जारी रखने के लिए गैर-हड़ताली कर्मचारियों के भरोसे है. अगर जल्द कोई नया समझौता नहीं हुआ, तो यह हड़ताल लंबे समय तक चल सकती है, जो दोनों पक्षों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित होगी.

    बोइंग का परिचय

    बोइंग की स्थापना 1916 में हुई थी और यह दुनिया की सबसे बड़ी एयरोस्पेस कंपनियों में से एक है. कंपनी वाणिज्यिक विमान जैसे 737, 747, 787 के साथ-साथ फाइटर जेट, सैटेलाइट और मिसाइल सिस्टम भी बनाती है. इसका मुख्यालय शिकागो, अमेरिका में स्थित है. वैश्विक विमानन और रक्षा उद्योग में बोइंग का एक महत्वपूर्ण स्थान है, जो विश्वभर के देशों के लिए अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी और उपकरण प्रदान करता है.

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