Kamikaze Drone: जब जुनून हो, सोच बड़ी हो और मकसद हो देश सेवा तो सीमाएं खुद-ब-खुद रास्ता दे देती हैं. हैदराबाद स्थित BITS Pilani के दो होनहार छात्रों ने ये कर दिखाया है. महज 20 साल की उम्र में, अपने हॉस्टल के कमरे से उन्होंने वो करिश्मा कर दिखाया है जो अब तक सिर्फ बड़े रक्षा ठेकेदारों के बूते की बात मानी जाती थी.
इन छात्रों ने एक ऐसा कामिकेज ड्रोन बनाया है जो न सिर्फ रडार से बच निकलता है, बल्कि दुश्मन के ठिकानों को 300 किमी/घंटा की रफ्तार से सटीक निशाना भी बनाता है और सबसे बड़ी बात, भारतीय सेना ने इसे खरीद भी लिया है.
स्टार्टअप से सेना तक
जयंत खत्री (अजमेर) और शौर्य चौधरी (कोलकाता), दो युवा दिमाग, एक सपना: “देश को डिफेंस टेक्नोलॉजी में आत्मनिर्भर बनाना.” उन्होंने अपने स्टार्टअप Apollyon Dynamics की शुरुआत की और महज दो महीने में ऐसा ड्रोन तैयार कर दिखाया जो रक्षा क्षेत्र के दिग्गजों को भी हैरान कर गया.
कहाँ कहाँ हुआ इस्तेमाल?
जम्मू
चंडीमंदिर (हरियाणा)
पानागढ़ (पश्चिम बंगाल)
अरुणाचल प्रदेश
इन सभी सैन्य ठिकानों पर इनके ड्रोन का सफल प्रदर्शन हो चुका है और ऑर्डर भी आ चुके हैं.
ड्रोन की खूबियां जो इसे बनाती हैं बेमिसाल:
रफ्तार: 300 किमी/घंटा- पारंपरिक ड्रोन से 5 गुना तेज
सटीकता: 1 किलोग्राम का पेलोड, बिलकुल निशाने पर
रडार से अदृश्य: दुश्मन के रडार में भी न आए, इतनी स्मार्ट टेक्नोलॉजी
लाइटवेट और एरोगो-डायनामिक डिजाइन: जिससे फुर्ती बनी रहे
शौर्य कहते हैं, "हम सिर्फ ड्रोन नहीं बना रहे, हम भविष्य के युद्ध की दिशा तय कर रहे हैं, वह भी भारतीय मिट्टी से."
लिंक्डइन से लेकर युद्धक्षेत्र तक
इस कामयाबी की कहानी जितनी टेक्निकल है, उतनी ही दिलचस्प भी. दोनों छात्रों ने लिंक्डइन पर सैन्य अधिकारियों को मैसेज भेजकर संपर्क साधा. जब उनके प्रोटोटाइप को मौका मिला, उन्होंने बम ड्रॉपिंग और रेसिंग का लाइव डेमो दिया और वही बना उनके सफर की दिशा बदलने वाला मोड़.
क्यों है यह उपलब्धि खास?
भारत लंबे समय से डिफेंस टेक्नोलॉजी के लिए विदेशों पर निर्भर रहा है. लेकिन जयंत और शौर्य जैसे युवा इस सोच को तोड़ रहे हैं. यह सिर्फ इन दो छात्रों की उपलब्धि नहीं, बल्कि मेड इन इंडिया डिफेंस सिस्टम्स के आत्मनिर्भर बनने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है.
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