'पाकिस्तान खुद आतंकवाद का शिकार है...' खून बहाने की धमकी देने वाले बिलावल भुट्टो के क्यों बदले तेवर?

    पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा पाकिस्तान पर लगाए गए आरोपों के जवाब में बिलावल ने कहा कि आतंकवाद की चुनौती से निपटने के लिए हमें एकजुट होकर प्रयास करने की जरूरत है.

    Bilawal Bhutto who threatened to shed blood changed his stance
    बिलावल भुट्टो/Photo- ANI

    इस्लामाबाद: पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (PPP) के चेयरमैन और पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने मंगलवार को पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में भारत के साथ बढ़ते तनाव को लेकर संयमित और सहयोगात्मक रुख अपनाने का आह्वान किया. हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा पाकिस्तान पर लगाए गए आरोपों के जवाब में बिलावल ने कहा कि आतंकवाद की चुनौती से निपटने के लिए हमें एकजुट होकर प्रयास करने की जरूरत है.

    'हम भी आतंकवाद से पीड़ित हैं'

    बिलावल ने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान खुद लंबे समय से आतंकवाद का शिकार रहा है. उन्होंने संसद में कहा, "हमारे देश ने स्कूली बच्चों से लेकर सैनिकों तक के खून का मातम मनाया है. आतंकवाद ने हमें उतना ही दर्द दिया है जितना किसी और को."

    उन्होंने भारत द्वारा पाकिस्तान पर लगाए जा रहे आरोपों को बिना सबूत करार दिया और कहा कि "इस तरह के आरोपों से कोई समाधान नहीं निकलता."

    सामूहिक प्रयासों की जरूरत

    बिलावल का कहना था कि आतंकवाद को सिर्फ सैन्य ताकत से नहीं, बल्कि शिक्षा, सामाजिक समावेश, आर्थिक अवसर और क्षेत्रीय सहयोग से हराया जा सकता है. 
    उन्होंने भारत को परोक्ष रूप से संबोधित करते हुए कहा, "दूसरे देशों को दोष देकर आतंकवाद का समाधान नहीं होगा. इसके पीछे के कारणों को समझकर ही स्थायी समाधान मिल सकता है."

    संवाद और सहयोग की वकालत

    उन्होंने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की ओर से भारत को निष्पक्ष जांच में सहयोग देने की पेशकश को "सकारात्मक शुरुआत" बताया और भारत से इस अवसर को स्वीकार करने का अनुरोध किया.

    उन्होंने कहा, "अगर हम गुनहगारों को न्याय के कटघरे में लाना चाहते हैं, तो पारदर्शी और संयुक्त प्रयास जरूरी हैं."

    मुट्ठी बांधकर नहीं, खुले हाथ आए भारत

    बिलावल ने कहा कि भारत को आक्रामक तेवर अपनाने के बजाय संवाद और तथ्य आधारित विमर्श की राह पर चलना चाहिए. उन्होंने कहा, "भारत को मुट्ठी बांधकर नहीं, बल्कि खुले हाथों से आना चाहिए. उन्हें पड़ोसियों की तरह बैठकर सच बोलना चाहिए और सबूत देने चाहिए."

    हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अगर पाकिस्तान की संप्रभुता को चुनौती दी जाती है, तो देश जवाब देने में पीछे नहीं हटेगा. साथ ही उन्होंने एक बार फिर कश्मीर को लेकर भारत पर मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप भी दोहराए.

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