आखिर क्यों और कैसे आपस में भिड़ गई मालगाड़ी और पैसेंजर ट्रेन? बिलासपुर हादसे में अब तक 11 की मौत

    छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले से मंगलवार, 4 नवंबर की शाम एक दर्दनाक खबर आई, जब कोरबा-पैसेंजर ट्रेन एक मालगाड़ी से टकरा गई. इस भीषण हादसे ने न सिर्फ यात्रियों में अफरा-तफरी मचा दी, बल्कि पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई.

    Bilaspur Train accident know how and why happened 11 people died
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    छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले से मंगलवार, 4 नवंबर की शाम एक दर्दनाक खबर आई, जब कोरबा-पैसेंजर ट्रेन एक मालगाड़ी से टकरा गई. इस भीषण हादसे ने न सिर्फ यात्रियों में अफरा-तफरी मचा दी, बल्कि पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई. रेलवे अधिकारियों के अनुसार, अब तक 11 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल हैं. घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज जारी है.


    प्रारंभिक जांच में रेलवे ने हादसे की बड़ी वजह सामने रखी है. अधिकारियों के मुताबिक, डीईएमयू (डीजल इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट) ट्रेन ने खतरे की स्थिति में सिग्नल पार कर लिया था, जिसके चलते यह दुर्घटना हुई. दरअसल, कोरबा पैसेंजर ट्रेन उस वक्त ट्रैक पर मौजूद एक मालगाड़ी से जा टकराई. टक्कर इतनी जोरदार थी कि डीईएमयू ट्रेन का पहला डिब्बा पूरी तरह से चकनाचूर हो गया. हादसे के तुरंत बाद मौके पर हाहाकार मच गया और कई यात्री ट्रेन के अंदर फंसे रह गए.

    हादसे के बाद राहत और बचाव अभियान

    दुर्घटना की सूचना मिलते ही रेलवे और जिला प्रशासन की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं. एनडीआरएफ और स्थानीय पुलिस ने संयुक्त रूप से राहत कार्य शुरू किया. कई यात्रियों को काटकर बाहर निकाला गया.हादसे में ट्रेन के डिब्बे के हिस्से रेलवे ट्रैक पर बिखर गए थे, जिन्हें हटाने का काम रातभर जारी रहा. ट्रैक को दुरुस्त करने और ट्रेन संचालन सामान्य करने के लिए रेलवे कर्मचारियों ने देर रात तक काम किया.

    मुआवजे की घोषणा और मदद

    रेल हादसे में घायल यात्रियों के लिए मुआवजे का ऐलान कर दिया गया है. रेलवे प्रशासन ने गंभीर रूप से घायल 20 यात्रियों को 50-50 हजार रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है. इसके अलावा, मृतकों के परिवारों को भी आर्थिक मदद दी जाएगी.रेल मंत्री ने ट्वीट कर कहा कि “सरकार हादसे में प्रभावित हर व्यक्ति के साथ है और सभी को हरसंभव मदद दी जाएगी.”

    रेलवे ने बताई जांच की दिशा

    भारतीय रेलवे ने इस घटना को लेकर आधिकारिक बयान जारी किया है. रेलवे बोर्ड ने कहा, “रेलवे सुरक्षा आयुक्त (CRS) के स्तर पर दुर्घटना की विस्तृत जांच कराई जाएगी ताकि इस हादसे के वास्तविक कारणों का पता लगाया जा सके और भविष्य में इस तरह की त्रासदी दोबारा न हो.” रेलवे ने स्पष्ट किया कि शुरुआती आकलन में सिग्नल तोड़ना मुख्य कारण प्रतीत हो रहा है, लेकिन तकनीकी जांच के बाद ही अंतिम रिपोर्ट जारी की जाएगी.

    यात्रियों की मदद के लिए जारी किए गए हेल्पलाइन नंबर

    रेलवे ने यात्रियों और उनके परिजनों की सुविधा के लिए कई इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं ताकि जानकारी तुरंत मिल सके. बिलासपुर: 7777857335, 7869953330, चांपा: 8085956528, रायगढ़: 9752485600, पेंड्रा रोड: 8294730162, कोरबा: 7869953330, उस्लापुर: 7777857338. इन नंबरों के माध्यम से यात्री या उनके परिजन हादसे से जुड़ी जानकारी, राहत की स्थिति और मेडिकल अपडेट हासिल कर सकते हैं.

    घटनास्थल पर अब भी जारी है काम

    रेलवे ट्रैक की मरम्मत का काम अब भी जारी है. हादसे के कारण कई ट्रेनों का संचालन प्रभावित हुआ है, जिन्हें अब धीरे-धीरे बहाल किया जा रहा है. प्रशासन ने बताया कि हादसे के कारण प्रभावित रूट पर अगले कुछ घंटों तक ट्रेनें देरी से चल सकती हैं.

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