अब ट्रैफिक पुलिस की हर कार्रवाई होगी कैमरे की नज़र में! बिहार में बॉडी वॉर्न कैमरों से ई-चालान की तैयारी शुरू

    Traffic Rules In bihar: राज्य की ट्रैफिक व्यवस्था को और अधिक पारदर्शी और तकनीकी रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से एक बड़ा कदम उठाया गया है. अब पटना समेत बिहार के सभी प्रमुख शहरों में तैनात ट्रैफिक पुलिसकर्मी ड्यूटी के दौरान बॉडी वॉर्न कैमरे पहनेंगे, जिनसे न सिर्फ ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन की रिकॉर्डिंग की जाएगी, बल्कि उसी के आधार पर ई-चालान भी काटे जा सकेंगे.

    Bihar Traffic police cut chalan via body warn camera know details
    Image Source: ANI/ File

    Traffic Rules In bihar: राज्य की ट्रैफिक व्यवस्था को और अधिक पारदर्शी और तकनीकी रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से एक बड़ा कदम उठाया गया है. अब पटना समेत बिहार के सभी प्रमुख शहरों में तैनात ट्रैफिक पुलिसकर्मी ड्यूटी के दौरान बॉडी वॉर्न कैमरे पहनेंगे, जिनसे न सिर्फ ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन की रिकॉर्डिंग की जाएगी, बल्कि उसी के आधार पर ई-चालान भी काटे जा सकेंगे.

    इन कैमरों को जल्द ही लाइसेंस प्लेट रिकॉग्निशन सिस्टम (LPR) से जोड़ा जा रहा है, जिससे कैमरे द्वारा रिकॉर्ड की गई वीडियो या फोटो से वाहन की पहचान कर सीधे चालान जारी किया जा सकेगा. इससे चालान प्रक्रिया में मानव हस्तक्षेप कम होगा और विवाद की संभावना भी घटेगी

    बॉडी वॉर्न कैमरे होंगे लगातार ऑन

    पुलिस मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, इस पहल के तहत 7000 से अधिक बॉडी वॉर्न कैमरे खरीदे गए हैं, जिन्हें सभी ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को सौंपा जा रहा है. साथ ही, रेलवे गश्ती दल के लगभग 1000 कर्मियों को भी ये कैमरे दिए जा रहे हैं.

    सख्त निर्देश है कि ड्यूटी के दौरान कैमरा हर हाल में चालू (ऑन) रहना चाहिए. यदि कोई पुलिसकर्मी बंद कैमरे के साथ पकड़ा जाता है, तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी.

    लाइव मॉनिटरिंग की भी व्यवस्था

    इन कैमरों से मिलने वाले लाइव फुटेज की निगरानी के लिए एक विशेष डैशबोर्ड तैयार किया जा रहा है, जिसे संबंधित अधिकारी रीयल टाइम में देख सकेंगे. इससे न केवल पुलिसकर्मियों की कार्यप्रणाली पर नजर रखी जा सकेगी, बल्कि गलत चालान या अनुचित व्यवहार की स्थिति में तुरंत जांच भी की जा सकेगी.

    ई-चालान प्रणाली को मिलेगा भरोसा

    बॉडी वॉर्न कैमरे लगाने का मुख्य उद्देश्य है कि चालान प्रक्रिया में पूर्ण पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित हो सके. यदि कोई नागरिक किसी ट्रैफिक पुलिसकर्मी पर आरोप लगाता है, तो उस कैमरे की रिकॉर्डिंग जांच के लिए सबूत के तौर पर इस्तेमाल की जाएगी.

    गौरतलब है कि इससे पहले ही सभी ट्रैफिक पुलिस पदाधिकारियों को हैंड हेल्ड डिवाइस (HHD) उपलब्ध कराया जा चुका है, जिससे मौके पर ही डिजिटल चालान काटे जा रहे हैं.

    यह भी पढ़ें- एर्दोगन को भारत से पंगा लेना पड़ा भारी! पाकिस्तान संग यारी की मिल रही ऐसी सजा