Bihar Teacher Transfer Rule: बिहार सरकार ने शिक्षकों के लिए एक बड़ा और स्वागतयोग्य फैसला लिया है. अब शिक्षकों को अपने तबादले के लिए दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने होंगे. चुनावी साल में राज्य सरकार ने तबादला प्रक्रिया को पारदर्शी और सुविधाजनक बनाते हुए एक नई व्यवस्था लागू कर दी है, जो शिक्षकों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है.
तबादलों में पारदर्शिता लाने के लिए नया सिस्टम
बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ द्वारा जारी आधिकारिक पत्र के अनुसार, अब शिक्षक स्वयं अपनी ट्रांसफर प्रक्रिया में भाग ले सकेंगे. नई व्यवस्था के तहत, एक शिक्षक दूसरे शिक्षक के साथ आपसी सहमति से तबादला कर सकता है यानी अब ट्रांसफर सिर्फ आदेश नहीं, विकल्प होगा.
10 शिक्षकों का समूह बनाकर हो सकेगा ट्रांसफर
नए निर्देशों के अनुसार, शिक्षक 10 लोगों का ग्रुप बनाकर 'परस्पर स्थानांतरण' (Mutual Transfer) का लाभ ले सकते हैं. यह व्यवस्था 10 जुलाई से प्रभावी होगी और पूरे जुलाई माह तक लागू रहेगी. इसका उद्देश्य है कि शिक्षक जिस क्षेत्र में जाना चाहते हैं, वहां स्वेच्छा से जा सकें, जिससे न केवल उनकी व्यक्तिगत स्थिति सुधरेगी, बल्कि स्कूलों में नियमित उपस्थिति भी बढ़ेगी.

पहले की गड़बड़ियों से सबक
हाल ही में बड़े पैमाने पर शिक्षकों के स्थानांतरण किए गए थे, लेकिन कई मामलों में उन्हें उनकी पसंद के बजाय दूरस्थ विद्यालयों में भेज दिया गया, जिससे नाराजगी फैल गई थी. कई शिक्षकों ने नए स्कूलों में योगदान ही नहीं किया, जिससे राज्य की शिक्षा व्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ा. अब सरकार की यह नई पहल इन समस्याओं का समाधान करती नजर आ रही है.
जिला शिक्षा अधिकारियों को सख्त निर्देश
शिक्षा विभाग ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों (DEOs) को इस नई व्यवस्था को लागू करने के स्पष्ट निर्देश जारी कर दिए हैं. इसके तहत, स्थानांतरण आदेश जारी होने के 7 दिनों के भीतर शिक्षक को नए विद्यालय में योगदान करना होगा.
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