Bihar: पटना के बाद अब इन दो जिलों में बनने जा रहा मरीन ड्राइव, जानें कितनी आएगी लागत

    Marine Drive Bhagalpur-Munger: लंबे इंतज़ार के बाद परियोजना कागज़ों से निकलकर जमीन पर उतरने की दिशा में बड़ा कदम बढ़ा चुकी है. मंगलवार को BSRDCL की टीम ने भागलपुर पहुंचकर जिला प्रशासन को एलएपी (लैंड एक्विज़िशन प्रपोज़ल) सौंप दिया और यही वह औपचारिक शुरुआत है, जिसका इंतज़ार महीनों से हो रहा था.

    Bihar Patna Marine Drive is going to be built in bhagalpur and munger
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    Marine Drive Bhagalpur-Munger: लंबे इंतज़ार के बाद परियोजना कागज़ों से निकलकर जमीन पर उतरने की दिशा में बड़ा कदम बढ़ा चुकी है. मंगलवार को BSRDCL की टीम ने भागलपुर पहुंचकर जिला प्रशासन को एलएपी (लैंड एक्विज़िशन प्रपोज़ल) सौंप दिया और यही वह औपचारिक शुरुआत है, जिसका इंतज़ार महीनों से हो रहा था.

    अब मरीन ड्राइव की राह में आने वाली सबसे महत्वपूर्ण प्रक्रिया, जमीन अधिग्रहण पूरी रफ्तार से आगे बढ़ने को तैयार है.

    जमीन अधिग्रहण का बिगुल-15 दिनों में अगला चरण

    बीएसआरडीसीएल अधिकारियों के मुताबिक अगले 15 दिनों में अधियाचना भी जिला प्रशासन को दे दी जाएगी. इसके बाद भू-अर्जन कार्यालय यह तय करेगा कि कौन-सी जमीन सरकारी है और कहाँ निजी भूमि लेनी होगी. राजस्व रिकॉर्ड, खाता-खेसरा और सीमांकन जैसे दस्तावेज़ अब पूरे काम की दिशा तय करेंगे.

    जमीन चिह्नांकन के बाद सामाजिक प्रभाव आकलन (SIA) होगा यानी यह पता लगाया जाएगा कि परियोजना से प्रभावित परिवारों और किसानों पर क्या असर पड़ेगा. इस रिपोर्ट के आधार पर सेक्शन-11 की अधिसूचना जारी होगी और आधिकारिक रूप से भूमि अधिग्रहण शुरू हो जाएगा.

    मुंगेर में भी तेज़ी, सात दिनों में मिलेगा एलएपी

    मुंगेर जिले में भी प्रक्रिया शुरू होने जा रही है. BSRDCL ने बताया कि सात दिनों के भीतर वहां का एलएपी भी प्रशासन को सौंप दिया जाएगा. पहले आठ किलोमीटर क्षेत्र का नक्शा उपलब्ध न होने के कारण देरी हुई थी, लेकिन अब वह बाधा भी दूर हो चुकी है.

    दोनों जिलों में समान प्रक्रिया लागू

    परियोजना के दोनों हिस्सों में यही चरण अपनाए जाएंगे- 

    • राजस्व सर्वे
    • भूखंड चिह्नांकन
    • सार्वजनिक आपत्तियों का निस्तारण
    • सामाजिक प्रभाव आकलन
    • मुआवजा निर्धारण
    • अधिग्रहण और जमीन का हस्तांतरण

    एक साथ शुरू होगा निर्माण, जहाँ जमीन मिलेगी, वहीं से काम बढ़ेगा

    विभाग स्पष्ट कर चुका है कि मरीन ड्राइव का निर्माण भागलपुर और मुंगेर दोनों जिलों में एक साथ शुरू होगा. जहाँ जमीन उपलब्ध होती जाएगी, वहां से मशीनें और श्रमिक तैनात कर काम आगे बढ़ता जाएगा, ताकि किसी एक हिस्से की देरी से पूरी परियोजना रुक न जाए.

    निविदा पूरी, एजेंसी चुनी जा चुकी

    परियोजना की निविदा प्रक्रिया समाप्त हो चुकी है और निर्माण एजेंसी का चयन भी हो गया है. वर्तमान में विभाग सर्वे, माप-जोख, प्रारंभिक वर्क-बाउंड्री और मार्ग निर्धारण का नक्शा तैयार कर चुका है. काम का असली आरंभ तभी होगा जब प्रशासन जमीन हस्तांतरित कर देगा.

    फॉरेस्ट और एनवायरमेंट क्लीयरेंस की मुहर जरूरी

    निर्माण शुरू होने से पहले दो महत्वपूर्ण मंजूरियां जरूरी हैं...

    • फॉरेस्ट क्लीयरेंस
    • एनवायरमेंट क्लीयरेंस

    वन विभाग को पत्र भेजा जा चुका है और पोर्टल पर तकनीकी आवेदन भी दर्ज है. पर्यावरण अनुमति के लिए भी रिपोर्ट जल्द जमा की जाएगी.

    मरीन ड्राइव, दो चरणों में भव्य निर्माण

    • पहला चरण: सफियाबाद से सुल्तानगंज- 35 किमी
    • दूसरा चरण: सुल्तानगंज से सबौर- 40.80 किमी

    कितनी लागत आएगी?

    • पहला चरण: ₹4450.17 करोड़
    • दूसरा चरण: ₹3842.48 करोड़

    क्या बोले BSRDCL के डीजीएम?

    डीजीएम अभिषेक कुमार ने कहा, “जमीन अधिग्रहण के लिए प्रपोज़ल जिला प्रशासन को सौंप दिया गया है. अगले 15 दिनों में अधियाचना भी दे दी जाएगी. फॉरेस्ट क्लियरेंस के लिए पत्र लिख दिया गया है. मुंगेर के लिए भी सात दिनों के अंदर प्रपोज़ल भेज दिया जाएगा. दोनों हिस्सों में एक साथ काम शुरू होगा.”

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