बिहार सरकार की कैबिनेट बैठक में शुक्रवार को कई अहम फैसलों पर मुहर लगी, जिनका सीधा असर राज्य के आम नागरिकों, कर्मचारियों और महिलाओं पर पड़ेगा. कुल 69 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई, जिनमें जिले का नाम बदलने से लेकर पब्लिक ट्रांसपोर्ट और कर्मचारी भत्तों में बदलाव तक कई महत्वपूर्ण बिंदु शामिल हैं.
अब 'गया' नहीं, 'गया जी' होगा आधिकारिक नाम
राज्य सरकार ने गया जिले का नाम आधिकारिक रूप से बदलकर अब ‘गया जी’ रखने का निर्णय लिया है. यह प्रस्ताव सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से लाया गया था, जिसे कैबिनेट ने स्वीकृति दे दी. नाम परिवर्तन की यह पहल धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है.
राज्यकर्मियों को डीए में बढ़ोतरी की सौगात
सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत की खबर आई है. राज्य सरकार ने महंगाई भत्ते (DA) में 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी का फैसला किया है. अब कर्मचारियों को 53% की बजाय 55% डीए मिलेगा. यह नई दर 1 जनवरी 2025 से लागू होगी, जिससे हजारों कर्मचारियों को आर्थिक लाभ मिलेगा.
शहीदों के परिजनों को मिलेगा सम्मान राशि
‘ऑपरेशन सिंदूर’ में शहीद हुए बिहार के वीरों के परिजनों को राज्य सरकार 50 लाख रुपये की सम्मान राशि देगी. यह निर्णय कैबिनेट के उस सराहनीय प्रयास का हिस्सा है, जो देश की सेवा में प्राण गंवाने वाले जवानों के परिवारों के साथ खड़ा है.
महिलाओं के लिए शुरू हुई ‘पिंक बस सेवा’
महिलाओं की सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा के उद्देश्य से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिंक बस सेवा का शुभारंभ किया. इस सेवा के तहत पटना में 20 विशेष बसें चलाई गई हैं, जो पूरी तरह महिलाओं को समर्पित होंगी. साथ ही राज्य भर में 166 नई डीलक्स बसें भी सड़कों पर उतारी गई हैं, जिनका संचालन बीएसआरटीसीएल करेगा.
सुशील मोदी की जयंती अब राजकीय समारोह
स्वर्गीय सुशील कुमार मोदी के सम्मान में, उनकी जयंती (5 जनवरी) को अब हर साल बिहार सरकार राजकीय समारोह के रूप में मनाएगी. यह कदम उनके राजनीतिक योगदान और विरासत को सम्मान देने की दिशा में देखा जा रहा है.
जीविका दीदियों के लिए अलग कोऑपरेटिव बैंक
महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सरकार ने जीविका दीदियों के लिए एक अलग कोऑपरेटिव बैंक खोलने की मंजूरी दी है. यह बैंक उन्हें लोन प्रदान करेगा और आर्थिक आत्मनिर्भरता की दिशा में मदद करेगा.
शिक्षा और बच्चों के लिए नई योजनाएं
बिहार में छह नए अंबेडकर छात्रावास और 45 आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थापना को भी मंजूरी दी गई है. यह फैसला सामाजिक न्याय और बाल विकास के क्षेत्र में सरकार के सक्रिय प्रयासों को दर्शाता है.
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