बिहार में नीट पेपर लीक के मास्टरमाइंड संजीव मुखिया को आर्थिक अपराध इकाई (EOU) की टीम ने गिरफ्तार कर लिया है. बिहार पुलिस को यह सफलता पटना के दानापुर इलाके में मिली, जहां वह छिपा हुआ था. ईओयू के एडीजी एन.एच. खान ने पुष्टि करते हुए बताया कि संजीव मुखिया को गुरुवार देर रात गिरफ्तार किया गया. उस पर पहले से ही 3 लाख रुपये का इनाम घोषित था. बताया जा रहा है कि संजीव सिर्फ नीट ही नहीं, बल्कि कई अन्य परीक्षाओं के पेपर लीक मामलों में भी शामिल रहा है.
10 महीने से ठिकाने बदल रहा था संजीव मुखिया
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, संजीव मुखिया करीब 10 महीनों से फरार था और बिहार समेत अन्य राज्यों में लगातार अपना ठिकाना बदलता रहा. लेकिन गुरुवार को मिली पुख्ता सूचना के बाद दानापुर पुलिस और EOU की टीम ने दानापुर और सगुना मोड़ इलाके में छापेमारी की. पुलिस और EOU ने सटीक कार्रवाई करते हुए उसे सगुना मोड़ स्थित एक अपार्टमेंट से दबोच लिया.
EOU कर रही संजीव मुखिया से पूछताछ
गिरफ्तारी के बाद संजीव मुखिया को एक गुप्त स्थान पर ले जाकर पूछताछ की जा रही है. ईओयू की टीम उससे यह जानने की कोशिश कर रही है कि वह कितने समय से कहां छिपा था, किन-किन लोगों की इस पूरे नेटवर्क में भूमिका थी, और नीट पेपर लीक की पूरी साजिश किस तरह रची गई थी. माना जा रहा है कि यह पूछताछ कई और चौंकाने वाले खुलासे कर सकती है.
कौन है संजीव मुखिया?
2024 के नीट पेपर लीक के मास्टरमाइंड के तौर पर संजीव मुखिया उर्फ लूटन नाम सामने आया था. संजीव नालंदा के नगरनौसा का रहने वाला है और पेपर लीक के जुर्म में 2015 में गिरफ्तार भी हो चुका है. बिहार आर्थिक अपराध शाखा के मुताबिक नीट का पेपर सबसे पहले संजीव के पास ही आया था. उसने इस पेपर को 10-15 अभ्यर्थियों को बांटा था. संजीव का नाम 2012 में फूड इंस्पेक्टर के पेपर धांधली में भी आया था. उसके गैंग के कई सदस्य इस परीक्षा में गिरफ्तार हुए थे. संजीव का बेटा शिव कुमार डॉक्टर है, जबकि उसकी पत्नी गांव की मुखिया रही है.
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