28 लाख की नौकरी छोड़कर बना ठग, मिला IITian दोस्त का साथ, ऐसे बिछाया 400 करोड़ की हेराफेरी का जाल

    Rajasthan News: राजस्थान के भरतपुर से एक हैरान करने वाला साइबर क्राइम केस सामने आया है, जिसमें पढ़े-लिखे युवाओं ने तकनीक का इस्तेमाल कर 400 करोड़ रुपये की बड़ी ठगी को अंजाम दिया.

    bharatpur 400 crore fraud mastermind arrested who quit 28 lakh job
    Image Source: Social Media

    Rajasthan News: राजस्थान के भरतपुर से एक हैरान करने वाला साइबर क्राइम केस सामने आया है, जिसमें पढ़े-लिखे युवाओं ने तकनीक का इस्तेमाल कर 400 करोड़ रुपये की बड़ी ठगी को अंजाम दिया. इस हाई-प्रोफाइल मामले में पुलिस ने अब तक चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से एक आरोपी देवेंद्रपाल सिंह ने तो 28 लाख रुपये सालाना की कॉरपोरेट नौकरी छोड़कर अपराध की दुनिया में कदम रखा.

    सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस ठगी के पीछे एक आईआईटी ग्रेजुएट शशिकांत का दिमाग था, जिसने अपने एमबीए दोस्त देवेंद्रपाल के साथ मिलकर फर्जी कंपनियों और फर्जी खातों के जरिए पूरे देश से करोड़ों रुपये की ठगी कर डाली.

    कैसे रचा गया 400 करोड़ का फ्रॉड नेटवर्क?

    आरोपियों ने ‘एबुडैंस पेमेंट सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड’ नाम की एक कंपनी बनाई, जो मर्चेंट और पेमेंट गेटवे के बीच काम करने वाली दिखती थी. इस कंपनी के जरिए हर ट्रांजैक्शन पर 0.20% कमीशन लिया जाता था, लेकिन असल खेल इसके पीछे छिपी दर्जनों फर्जी कंपनियों के जरिए चल रहा था, जिनमें गरीब और अनपढ़ लोगों को डायरेक्टर बना दिया गया था.

    इन कंपनियों के नाम पर खाते खुलवाए गए, और उन खातों में निवेश, गेमिंग और ई-कॉमर्स के नाम पर देशभर से लाखों लोगों के पैसे ट्रांसफर कराए गए. आरोपियों ने इन भोले-भाले लोगों को मामूली पैसे देकर उनके डॉक्यूमेंट्स इस्तेमाल किए, और खुद ही इन कंपनियों का संचालन कर रहे थे.

    1930 कॉल बना FIR की चाबी

    ठगी का भंडाफोड़ तब हुआ जब धौलपुर निवासी एक व्यक्ति ने 1930 साइबर हेल्पलाइन पर शिकायत की कि उसके खाते से 35 लाख रुपये उड़ गए हैं. जांच में पता चला कि यह रकम चार अलग-अलग फर्जी कंपनियों के खातों में भेजी गई थी. पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 4 करोड़ रुपये जब्त किए और खातों को फ्रीज कर दिया.

    दिल्ली से गिरफ्तारी, मास्टरमाइंड अभी भी फरार

    पुलिस ने दिल्ली से एक मजदूर दंपती को भी गिरफ्तार किया, जिनके नाम पर कंपनियां रजिस्टर्ड थीं, लेकिन वे खुद अनपढ़ निकले. असली संचालन शशिकांत और देवेंद्रपाल जैसे लोग कर रहे थे. मास्टरमाइंड शशिकांत और उसका साथी रोहित दुबे फिलहाल फरार हैं.

    क्या आगे होगा?

    इस ठगी में अब तक 10,000 से ज्यादा लोगों से धोखाधड़ी की आशंका है और 4,000 से अधिक शिकायतें दर्ज की जा चुकी हैं. पुलिस को उम्मीद है कि जल्द ही फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद पूरे रैकेट का पर्दाफाश होगा. 

    ये भी पढ़ें: 31 मई दिन राजस्थान की महिलाओं के लिए होगा बेहद खास, CM भजनलाल करेंगे सौगातों की बरसात, जारी किए गए दिशा-निर्देश