8 महीने की उम्र में पाकिस्तान से भारत आई थी फरहत, बरेली में शादी, 4 बच्चे.. 64 साल बाद सामने आई सच्चाई, FIR दर्ज

    Bareilly News: उत्तर प्रदेश के बरेली में पुलिस की ‘ऑपरेशन खोज’ अभियान के तहत एक बेहद ही संवेदनशील मामला सामने आया है. बारादरी थाना क्षेत्र के सूफी टोला इलाके में एक महिला फरहत सुल्ताना उर्फ फरीदा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. यह महिला पाकिस्तान में जन्मी बताई जा रही है, लेकिन पिछले 64 वर्षों से बरेली में रह रही है.

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    Bareilly News: उत्तर प्रदेश के बरेली में पुलिस की ‘ऑपरेशन खोज’ अभियान के तहत एक बेहद ही संवेदनशील मामला सामने आया है. बारादरी थाना क्षेत्र के सूफी टोला इलाके में एक महिला फरहत सुल्ताना उर्फ फरीदा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. यह महिला पाकिस्तान में जन्मी बताई जा रही है, लेकिन पिछले 64 वर्षों से बरेली में रह रही है. इस मामले ने स्थानीय प्रशासन और जनता दोनों के बीच नई बहस छेड़ दी है कि आखिर इतने लंबे समय से यहां रहने वाली महिला के पास भारतीय नागरिकता के वैध दस्तावेज क्यों नहीं हैं?

    "मैं भारतीय हूं, मेरा घर यहीं है"

    पुलिस की पूछताछ में फरहत सुल्ताना ने अपनी मजबूरी और कहानी साझा की. उनका कहना है कि उनका जन्म भले ही पाकिस्तान में हुआ हो, लेकिन वे केवल आठ महीने की उम्र में ही अपने परिवार के साथ बरेली आ गई थीं. उन्होंने साफ कहा, "मेरी आंखें भारत में खुलीं, मेरी परवरिश यहीं हुई. मैं खुद को पूरी तरह से हिंदुस्तानी मानती हूं." फरहत ने यह भी बताया कि उन्होंने कभी पाकिस्तान की धरती नहीं देखी और पूरी जिंदगी बरेली में गुजारी है, जहां उनका परिवार और बच्चे हैं. फरहत ने पुलिस से अपील की कि उन्हें परेशान न किया जाए और उनका पक्ष सुना जाए.

    सरकारी दस्तावेजों में छुपा सवाल

    फरहत सुल्ताना ने पिछले दशकों में बरेली में आधार कार्ड, राशन कार्ड, वोटर आईडी जैसे कई सरकारी दस्तावेज बनवाए हैं. इन दस्तावेजों की मदद से वे सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रही थीं. लेकिन ‘ऑपरेशन खोज’ के तहत जब उनकी नागरिकता की जांच हुई, तो पता चला कि उनके पास कोई वैध नागरिकता प्रमाण नहीं है. यह बात प्रशासन के लिए चिंता का विषय बन गई है, क्योंकि ऐसे दस्तावेज बनवाने में कथित तौर पर धोखाधड़ी हो सकती है.

    परिवार और सामाजिक स्थिति

    फरहत की शादी भी बरेली में हुई है और उनके पांच बच्चे हैं, जिनमें चार बेटियां और एक बेटा शामिल है. उन्होंने पुलिस को बताया कि उनका पति घरेलू हिंसा करता है, झगड़ा करता है और घर का खर्च भी नहीं देता. बेटी की शादी के खर्चे भी पति ने नहीं उठाए. फरहत की जिंदगी कठिनाइयों से भरी रही, लेकिन उन्होंने कभी भी भारत को अपना घर छोड़ने का विचार नहीं किया.

    प्रशासन का रुख और आगे की जांच

    एसपी सिटी मानुष पारीक ने इस मामले की गंभीरता को स्वीकार करते हुए बताया कि ‘ऑपरेशन खोज’ के तहत ऐसे मामलों की पहचान की जा रही है, जहां विदेशी नागरिक अवैध रूप से रह रहे हैं या भारत के सरकारी दस्तावेज हासिल कर चुके हैं. फरहत के खिलाफ एफआईआर इसी सिलसिले में दर्ज की गई है. पुलिस अब यह पता लगाने में लगी है कि फरहत ने कैसे आधार कार्ड, राशन कार्ड और वोटर आईडी बनवाईं और क्या इसमें किसी तरह की गड़बड़ी हुई है.

    आगे की जांच में यह भी देखा जाएगा कि इस प्रक्रिया में किसका दखल था और अगर कोई नियमों का उल्लंघन पाया गया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. इस मामले ने यह सवाल भी उठाए हैं कि लंबे समय से यहां रह रहे ऐसे लोगों की नागरिकता कैसे जांची और सुनिश्चित की जाए कि कोई गैरकानूनी गतिविधि न हो.

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