'मेरे कंधे पर मेरा तिरंगा, जय हिंद, जय भारत', शुभांशु शुक्ला के साथ Axiom-4 मिशन ने रचा इतिहास

    Axiom Mission 4: भारत के अंतरिक्ष इतिहास में एक और स्वर्णिम अध्याय जुड़ गया है. Axiom-4 मिशन के तहत भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ कैनेडी स्पेस सेंटर के लॉन्चपैड 39A से सफलतापूर्वक उड़ान भरी. यह मिशन केवल तकनीकी उपलब्धि नहीं,.

    Axiom-4 Mission Shubhanshu Shukla Shares First Message
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    Axiom Mission 4: भारत के अंतरिक्ष इतिहास में एक और स्वर्णिम अध्याय जुड़ गया है. Axiom-4 मिशन के तहत भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ कैनेडी स्पेस सेंटर के लॉन्चपैड 39A से सफलतापूर्वक उड़ान भरी. यह मिशन केवल तकनीकी उपलब्धि नहीं, बल्कि एक भावनात्मक क्षण भी बन गया जब शुक्ला ने अंतरिक्ष से देशवासियों के लिए एक खास संदेश भेजा.

    अंतरिक्ष से गूंजा "नमस्कार मेरे प्यारे देशवासियो..."

    स्पेसक्राफ्ट से लाइव संदेश देते हुए शुभांशु शुक्ला ने भावुक अंदाज में कहा, नमस्कार मेरे प्यारे देशवासियो... 41 साल बाद हम फिर अंतरिक्ष में हैं. और यह अनुभव वाकई अद्भुत है. इस समय हम 7.5 किलोमीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से पृथ्वी की परिक्रमा कर रहे हैं. उन्होंने यह भी बताया कि उनके कंधे पर गर्व से भारतीय तिरंगा लहरा रहा है, जो देश के हर नागरिक के लिए गर्व और प्रेरणा का प्रतीक है.

    Axiom-4: विज्ञान और सहयोग का प्रतीक

    Axiom-4 मिशन, नासा और निजी अंतरिक्ष कंपनी Axiom Space के सहयोग से किया गया एक महत्वपूर्ण अभियान है, जिसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय सहयोग, स्पेस टेक्नोलॉजी और मानव स्पेसफ्लाइट को नए मुकाम तक पहुंचाना है. शुभांशु शुक्ला इस मिशन के जरिए अंतरिक्ष में जाने वाले भारत के कुछ गिने-चुने नागरिकों में शामिल हो गए हैं.

    41 साल बाद फिर अंतरिक्ष में भारत की मौजूदगी

    भारत के लिए यह अवसर बेहद खास है क्योंकि 41 वर्षों बाद एक भारतीय ने अंतरिक्ष की ओर उड़ान भरी है. इससे पहले 1984 में राकेश शर्मा ने अंतरिक्ष में भारत का प्रतिनिधित्व किया था. अब शुभांशु शुक्ला की यह ऐतिहासिक यात्रा नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई है.

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