Sydney Bondi Beach Shooter: ऑस्ट्रेलिया के सिडनी स्थित बॉन्डी बीच पर 14 दिसंबर को हुए भीषण आतंकी हमले ने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया. इस हमले में 16 निर्दोष लोगों की जान चली गई, जबकि 60 से ज्यादा लोग घायल हुए. अब इस हमले से जुड़ा एक अहम भारतीय कनेक्शन सामने आया है. तेलंगाना पुलिस के शीर्ष अधिकारियों ने पुष्टि की है कि हमले में शामिल बाप-बेटे की जोड़ी का संबंध भारत के हैदराबाद से रहा है.
तेलंगाना के पुलिस महानिदेशक (DGP) ने जानकारी दी कि हमले में शामिल साजिद अकरम मूल रूप से हैदराबाद का निवासी था. हालांकि, उसने करीब 27 साल पहले यानी 1998 में भारत छोड़ दिया था. डीजीपी के मुताबिक, साजिद ने भारत में रहते हुए हैदराबाद से बी.कॉम की पढ़ाई पूरी की थी और इसके बाद रोजगार की तलाश में ऑस्ट्रेलिया चला गया था.
ऑस्ट्रेलिया में बसने के बाद बनाई नई जिंदगी
भारत छोड़ने के बाद साजिद अकरम ने ऑस्ट्रेलिया में स्थायी रूप से बसने से पहले यूरोपीय मूल की महिला वेनेरा ग्रोसो से शादी की. इस दंपति के दो बच्चे हैं—एक बेटा और एक बेटी. बेटा नवीद अकरम वही शख्स है, जिसने अपने पिता के साथ मिलकर बॉन्डी बीच पर हमले को अंजाम दिया.
डीजीपी ने बताया कि साजिद अकरम के पास आज भी भारतीय पासपोर्ट मौजूद था. वहीं उसके बेटे नवीद अकरम और बेटी का जन्म ऑस्ट्रेलिया में हुआ था और वे दोनों ऑस्ट्रेलियाई नागरिक हैं. पुलिस अधिकारियों के अनुसार, भारत में रहने वाले रिश्तेदारों से मिली जानकारी में सामने आया है कि बीते 27 वर्षों में साजिद का अपने हैदराबाद स्थित परिवार से बहुत सीमित संपर्क रहा.
भारत से संपर्क बेहद सीमित रहा
तेलंगाना पुलिस के मुताबिक, ऑस्ट्रेलिया जाने के बाद साजिद अकरम केवल छह बार भारत आया था. यहां तक कि अपने पिता के निधन के समय भी वह भारत नहीं लौटा. परिवार के सदस्यों ने भी यह दावा किया है कि उन्हें साजिद या उसके बेटे के कट्टरपंथी विचारों की कोई जानकारी पहले से नहीं थी.
तेलंगाना DGP ने साफ किया कि 1998 में भारत छोड़ने से पहले साजिद अकरम के खिलाफ तेलंगाना पुलिस के पास कोई आपराधिक या संदिग्ध रिकॉर्ड नहीं था. साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि साजिद और उसके बेटे के कट्टरपंथी बनने के पीछे जो कारण रहे, उनका भारत या तेलंगाना से कोई संबंध नहीं है.
जांच में सहयोग को तैयार भारतीय एजेंसियां
डीजीपी ने कहा कि यदि भविष्य में जरूरत पड़ी तो तेलंगाना पुलिस, केंद्र सरकार की एजेंसियों और अन्य संबंधित विभागों के साथ पूरा सहयोग करेगी. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चल रही जांच में आवश्यक सूचनाएं साझा करने के लिए भारतीय पक्ष तैयार है.
हनुक्का के मौके पर हुआ खूनी हमला
14 दिसंबर को यह आतंकी हमला ऐसे समय हुआ, जब यहूदियों का पर्व हनुक्का मनाया जा रहा था. इस मौके पर बॉन्डी बीच पर हजारों की संख्या में लोग मौजूद थे. इसी भीड़ को निशाना बनाकर साजिद अकरम और उसके बेटे नवीद अकरम ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी.
जानकारी के मुताबिक, दोनों हमलावरों ने करीब 20 मिनट तक लगातार गोलीबारी की. इस हमले में 16 लोगों की मौत हो गई, जबकि 60 से अधिक लोग घायल हो गए. जवाबी कार्रवाई में सुरक्षा बलों ने साजिद अकरम को मौके पर ही मार गिराया, जबकि उसका बेटा नवीद अकरम घायल अवस्था में पकड़ा गया.
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता का विषय बना हमला
बॉन्डी बीच हमला न केवल ऑस्ट्रेलिया बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए भी गंभीर चिंता का विषय बन गया है. इस घटना के बाद सुरक्षा एजेंसियां कट्टरपंथ और आतंकी नेटवर्क के वैश्विक पहलुओं की गहन जांच में जुटी हुई हैं.
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