टैम्पा (फ्लोरिडा): पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर एक बार फिर अपने बयानों को लेकर चर्चा में हैं. अमेरिका के फ्लोरिडा राज्य में आयोजित एक प्राइवेट डिनर कार्यक्रम के दौरान उन्होंने भारत के खिलाफ तीखी चेतावनियाँ दीं, जिनमें रिलायंस इंडस्ट्रीज की जामनगर रिफाइनरी को निशाना बनाने और परमाणु हमले तक की बातें शामिल थीं.
इस कार्यक्रम में करीब 120 पाकिस्तानी मूल के प्रवासी नागरिक मौजूद थे, जो मुख्य रूप से अमेरिका में बसे व्यवसायी और समुदाय के प्रभावशाली सदस्य हैं. डिनर का आयोजन पाकिस्तानी मूल के उद्यमी अदनान असद ने टाम्पा के ग्रैंड हयात होटल में किया था. हालांकि यह कार्यक्रम निजी था, लेकिन इसमें कही गई बातें अब सार्वजनिक चर्चा का विषय बन चुकी हैं.
जामनगर रिफाइनरी पर हमले की चेतावनी
मुनीर ने अपने संबोधन में भारत की आर्थिक शक्ति और वैश्विक प्रभाव का प्रतीक माने जाने वाले रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी की एक सोशल मीडिया पोस्ट का जिक्र किया. इस पोस्ट में अंबानी की तस्वीर के साथ कुरान की एक आयत (सूरह अल-फील) दिखाई गई थी, जिसे कुछ लोग हवाई हमले या दैवीय सजा के प्रतीक के रूप में देखते हैं.
मुनीर ने यह स्वीकार किया कि उन्होंने इस पोस्ट के प्रकाशन की मंजूरी दी थी. उन्होंने कहा कि यह भारत को एक ‘चेतावनी’ देने के उद्देश्य से किया गया था यह दिखाने के लिए कि अगर भारत और पाकिस्तान के बीच भविष्य में तनाव बढ़ा, तो पाकिस्तान किस हद तक जा सकता है.
जामनगर रिफाइनरी, जो विश्व का सबसे बड़ा सिंगल-साइट रिफाइनिंग कॉम्प्लेक्स है, उस संदर्भ में मुनीर का नाम लेना वैश्विक निवेशकों और सुरक्षा विशेषज्ञों के लिए चिंता का विषय बन गया है.
परमाणु शक्ति और युद्ध की आशंका
डिनर में बोलते हुए मुनीर ने कहा, "हम एक परमाणु संपन्न राष्ट्र हैं. अगर हमें लगेगा कि हम डूब रहे हैं, तो हम आधी दुनिया को अपने साथ ले डूबेंगे." इस कथन को पाकिस्तान की रणनीतिक नीति में ‘मैड (Mutually Assured Destruction)’ सिद्धांत के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें दोनों पक्षों के लिए नुकसान तय होता है.
उन्होंने विशेष रूप से भारत द्वारा सिंधु जल संधि को स्थगित करने की संभावनाओं पर भी चिंता जताई और दावा किया कि इससे पाकिस्तान के करीब 25 करोड़ लोगों को भुखमरी का खतरा हो सकता है. मुनीर ने आरोप लगाया कि यदि भारत ऐसा कदम उठाता है, तो पाकिस्तान की प्रतिक्रिया बेहद गंभीर हो सकती है "कम से कम 10 मिसाइलें" दागने की चेतावनी भी उन्होंने दी.
भारत: न्यूक्लियर ब्लैकमेल से डरने वाले नहीं
इस बयान पर भारत सरकार ने सख्त प्रतिक्रिया दी. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, "परमाणु हमले की धमकी देना पाकिस्तान की पुरानी आदत बन चुकी है. भारत ऐसे किसी न्यूक्लियर ब्लैकमेल के आगे झुकेगा नहीं."
भारत ने यह भी कहा कि ऐसी गैरजिम्मेदाराना टिप्पणियां न सिर्फ पाकिस्तान की नीयत पर सवाल उठाती हैं, बल्कि यह भी दिखाती हैं कि वहाँ परमाणु हथियारों की सुरक्षा को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को चिंता क्यों होती है.
प्रवक्ता ने यह भी जोड़ा, "किसी मित्र देश की धरती से इस तरह की धमकी देना खेदजनक है. इससे यह स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान की सेना और आतंकी संगठनों के बीच संबंधों की जो आशंका जताई जाती है, वह यूं ही नहीं है."
अमेरिका में दूसरी यात्रा और ट्रम्प से मुलाकात
मुनीर की यह अमेरिका यात्रा दो महीनों में दूसरी बार हुई है. वे अमेरिकी सेना की मध्य कमान (CENTCOM) के कमांडर जनरल माइकल कुरिल्ला के रिटायरमेंट समारोह में भाग लेने आए थे. कार्यक्रम में इजराइली रक्षा बलों का प्रतिनिधिमंडल भी मौजूद था, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस मुलाकात को और अधिक महत्वपूर्ण बना देता है.
इससे पहले जून में वे अमेरिका की सेना की 250वीं वर्षगांठ समारोह में शामिल हुए थे. इसी दौरान उनकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ एक निजी लंच मीटिंग भी हुई थी, जो व्हाइट हाउस में दो घंटे तक चली. यह पहली बार था जब किसी पाकिस्तानी आर्मी चीफ को इस तरह की मेजबानी मिली.
नोबेल पुरस्कार का सुझाव और कूटनीतिक संतुलन
अपने भाषण में असीम मुनीर ने ट्रम्प की भूमिका की तारीफ करते हुए यह भी कहा कि पाकिस्तान ने उन्हें 2026 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नॉमिनेट किया है. मुनीर ने यह तर्क दिया कि भारत-पाक तनाव के दौरान ट्रम्प की मध्यस्थता ने युद्ध टालने में मदद की थी. पाकिस्तान सरकार ने भी अपने आधिकारिक बयान में यह बात कही थी कि ट्रम्प ने दोनों देशों के बीच संवाद कायम रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
मुनीर ने अपने भाषण को हल्के-फुल्के अंदाज़ में भी सजाया और कहा कि पाकिस्तान को विश्व शक्तियों के बीच संतुलन बनाए रखने की "मास्टर क्लास" लेनी चाहिए.
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