हेलिकॉप्टर, स्पेशल एयरक्राफ्ट, 5 स्टार हॉटल; कंगाल देश के आर्मी चीफ मुल्क को भूलकर मनाने जा रहे पिकनिक!

    Asim Munir Picnic: जब पाकिस्तान का आम नागरिक हर दिन महंगाई और बेरोजगारी की मार झेल रहा है, तब उसी मुल्क के सबसे ताकतवर शख्स, सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर, एक ऐसी विदेश यात्रा की तैयारी में हैं जो किसी शाही सैर से कम नहीं लगती.

    Asim Munir Picnic special aircraft luxury hotel
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    Asim Munir Picnic: जब पाकिस्तान का आम नागरिक हर दिन महंगाई और बेरोजगारी की मार झेल रहा है, तब उसी मुल्क के सबसे ताकतवर शख्स, सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर, एक ऐसी विदेश यात्रा की तैयारी में हैं जो किसी शाही सैर से कम नहीं लगती. 20 से 23 जुलाई के बीच प्रस्तावित उनकी श्रीलंका यात्रा, फौजी कूटनीति से ज़्यादा एक लग्जरी ट्रिप जैसी नजर आ रही है.

    शाही अंदाज़ में होगी यात्रा, आम जनता की गाढ़ी कमाई पर ऐश

    पाकिस्तानी सेना प्रमुख इस दौरे पर न सिर्फ एक विशेष विमान में सफर करेंगे, बल्कि श्रीलंका पहुंचने पर उन्हें सेरेमोनियल बाइक एस्कॉर्ट के साथ स्वागत भी मिलेगा. यात्रा के दौरान कोलंबो के सबसे महंगे होटलों में उनका ठहराव तय है और वहां से वे सिगिरिया रॉक किला, एडम्स पीक जैसे पर्यटक स्थलों की हेलिकॉप्टर सवारी भी करेंगे.

    जब आम पाकिस्तानी संघर्ष में, तब सेना एशोआराम में

    देश की हालत यह है कि पाकिस्तान की सरकार अंतरराष्ट्रीय कर्जदाताओं से राहत की गुहार लगा रही है, वहीं आम लोग रोजमर्रा की जरूरतों के लिए संघर्ष कर रहे हैं. इस बीच, आसिम मुनीर का यह रईसी से भरपूर दौरा सोशल मीडिया और पाकिस्तानी मीडिया में आलोचना का कारण बनता जा रहा है.

    मंत्रियों पर पाबंदी, लेकिन सेना पर नहीं

    पाक सरकार ने हाल ही में अपने मंत्रियों पर विदेश यात्राओं, फाइव स्टार होटल्स में ठहरने और गैर-जरूरी खर्चों पर रोक लगा दी है. लेकिन इन नियमों की जद में सेना के वरिष्ठ अधिकारी नहीं आते — यह बात आसिम मुनीर की इस यात्रा से साफ़ ज़ाहिर होती है. जिन नियमों में जनता और नेताओं को बांधा गया है, वे सेना की ऊंची कुर्सियों तक पहुंचते ही ढीले पड़ जाते हैं.

    पहले भी विवादों में रह चुके हैं 

    ये पहला मौका नहीं है जब जनरल आसिम मुनीर अपनी आलीशान जीवनशैली को लेकर सवालों में घिरे हों. इससे पहले भी एक विदेशी दौरे के दौरान उन्हें अमेरिकी शॉपिंग मॉल में महंगी खरीदारी करते देखा गया था, वो भी तब जब देश आर्थिक आपातकाल की कगार पर खड़ा था. पाकिस्तान की जनता से जुड़ा बड़ा सवाल ये है कि क्या देश के हर हिस्से में एक जैसे मापदंड लागू होते हैं? जब देश कर्ज़ के बोझ से दबा हो, तब क्या उसके शीर्ष अधिकारी ऐशोआराम के हकदार हैं?

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