Project Sanju Samson: एशिया कप 2025 में भारत बनाम यूएई मुकाबले से पहले जब टॉस हुआ और कप्तान सूर्यकुमार यादव ने प्लेइंग-11 का ऐलान किया, तब संजू सैमसन के नाम ने सभी को चौंका दिया.
मैच से पहले कयास थे कि संजू को प्लेइंग-11 में जगह नहीं मिलेगी, लेकिन जैसे ही सूर्यकुमार ने उनका नाम लिया, स्टेडियम से लेकर सोशल मीडिया तक फैंस के चेहरे खिल उठे.
"हम उनकी देखभाल करेंगे"
सूर्यकुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ कहा, “संजू को लेकर हम क्लियर हैं. उन्हें लगातार मौके मिलेंगे और हम उनकी देखभाल करेंगे.” यह बयान न सिर्फ आत्मविश्वास से भरा था, बल्कि यह बताता था कि टीम इंडिया अब खिलाड़ियों को सिर्फ प्रदर्शन से नहीं, संभावनाओं से भी जज कर रही है.
"21 बार जीरो भी हुआ तो 22वां मैच मिलेगा"
टीम के हेड कोच गौतम गंभीर ने संजू से कहा, "अगर तुम 21 बार भी शून्य पर आउट हो जाओगे, तब भी 22वें मैच में खेलोगे." यह सिर्फ शब्द नहीं थे, यह संजू के आत्मविश्वास के लिए ढाल की तरह काम कर रहे हैं. गंभीर की इस सोच को क्रिकेट फैंस ने “Project Samson” नाम दे दिया है, यानी एक दीर्घकालिक प्लान, जहां खिलाड़ी को सिर्फ मौके नहीं, मेंटल सिक्योरिटी भी दी जाती है.
“मैं चौंका, लेकिन बहुत खुश हुआ”
भारत के सीनियर ऑफ स्पिनर और पूर्व खिलाड़ी रविचंद्रन अश्विन ने कहा, "मैं हैरान था कि संजू को शामिल किया गया, लेकिन यह देखकर बहुत अच्छा लगा कि उन्हें कप्तान और कोच से वह सपोर्ट मिल रहा है, जिसके वह हकदार हैं." उन्होंने यह भी कहा कि जब खिलाड़ी को अंदर से विश्वास मिलता है, तो वह मैदान पर खुद को साबित करने की पूरी ताकत रखता है.
मिडिल ऑर्डर में फिनिशर या फ्लोटर?
संजू इस मुकाबले में ओपनिंग नहीं, बल्कि मिडिल ऑर्डर में खेले, जिससे संकेत मिलता है कि टीम उन्हें फिनिशर या फ्लोटर के रोल में देखना चाहती है. अगर यह एक्सपेरिमेंट सफल रहता है, तो संजू सैमसन भारत के लिए T20 में एक पावर हिटर और गेम-चेंजर की भूमिका में सामने आ सकते हैं.
"Project Samson" क्यों है खास?
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