Operation Sindoor: देश आज गर्व और श्रद्धा के साथ 26वां कारगिल विजय दिवस मना रहा है. इस विशेष अवसर पर पूरे देश में उन वीर जवानों को नमन किया जा रहा है, जिन्होंने 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान मातृभूमि की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी. लद्दाख के द्रास सेक्टर में आयोजित भव्य समारोह में सेना के जवानों, अधिकारियों और गणमान्य लोगों ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की.
कारगिल विजय दिवस के मौके पर थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने देश के उन जांबाजों को याद किया, जिनकी बहादुरी और बलिदान से भारत ने दुश्मन को करारा जवाब दिया. उन्होंने अपने संबोधन में कहा, “हम उन नायकों के ऋणी हैं जिन्होंने राष्ट्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी.”
ऑपरेशन सिंदूर पर भी रखी अपनी बात
अपने भाषण के दौरान जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने हाल ही में सुर्खियों में आए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन भारत की सैन्य ताकत और सटीक रणनीति का प्रतीक है. जनरल द्विवेदी ने बताया कि कैसे पाकिस्तान में मौजूद आतंकियों के ढांचे को निशाना बनाकर भारतीय सेना ने एक निर्णायक जीत हासिल की. उन्होंने कहा, “सरकार की ओर से सेना को मिली खुली छूट के बाद, हमने पहलगाम हमले का करारा जवाब दिया. ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के 9 अहम आतंकी ठिकानों को नष्ट किया गया, वो भी बिना किसी निर्दोष नागरिक को नुकसान पहुंचाए.”
वीरता की मिसाल बना कारगिल
कारगिल युद्ध भारतीय सेना के साहस, अनुशासन और निष्ठा का प्रतीक बन गया है. हर वर्ष 26 जुलाई को यह दिन राष्ट्रीय गर्व और एकजुटता का प्रतीक बनकर सामने आता है. द्रास की वीर भूमि पर गूंजते जयघोष और शहीदों को दी गई सलामी हर भारतीय के दिल में देशभक्ति की लौ को और प्रज्वलित करती है.
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