'जी राम जी' पर अनुराग ठाकुर ने विपक्ष को दिखाया आईना, Bharat 24 Conclave में कही ये बड़ी बात

    भारत 24 के इस खास कार्यक्रम में कई प्रमुख राजनेता पहुंचे. केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने भी इस कार्यक्रम में शिरकत की. इस मौके पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ देश के तमाम ज्वलंत मुद्दों और विकसित भारत का रोडमैप पर चर्चा हुई. 

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    Bharat 24 Conclave 2025: राजधानी दिल्ली में भारत 24 के 'भारत भाग्य निर्माता' विकसित भारत का रोडमैप कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है. यह आयोजन दिल्ली के ताज मानसिंह होटल में आयोजित किया जा रहा है. भारत 24 के इस खास कार्यक्रम में कई प्रमुख राजनेता पहुंचे. केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने भी इस कार्यक्रम में शिरकत की. इस मौके पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ देश के तमाम ज्वलंत मुद्दों और विकसित भारत का रोडमैप पर चर्चा हुई. 

    सवाल: जी राम जी पर माहौल कैसा चल रहा है?

    जवाब: अगर आप भारत सरकार के विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन ग्रामीण उसकी बात कर रहे हैं तो नरेंद्र मोदी जी की सोच और सपना है कि भारत के गरीब और जरूरतमंद के लिए 100 में से बढ़ा के 125 मैंडेज कर दिए जाए और जो दिहाड़ी है उसको भी पहले से ज्यादा बढ़ाया जाए. यहां तक कि ग्रामीण क्षेत्र में आधारभूत ढांचा और सुदृढ़ हो उसके लिए पैसा और दिया जाए और जो उसमें रोजगार जिनको मिलेगा आजीविका जिनको मिलेगी उनकी पैसे उनके खाते में दो हफ्ते की बजाय मात्र 7 दिन में पहुंच जाए. यह जी राम जी की भावना है. लेकिन कांग्रेस इसका विरोध कर रही है. विपक्ष इसका विरोध कर रहा है. वह कहते हैं राम जी क्यों? मैं पूछना चाहता हूं आप राम सेतु का विरोध भी करते हैं. राम मंदिर का विरोध भी करते हैं. राम जी के अस्तित्व का विरोध भी करते हैं. अब जो गरीबों के लिए जी राम जी आए हैं. जो उनके लिए रोजगार और आजीविका मिशन बेहतर दिहाड़ी और ज्यादा रोजगार इसके अवसर लेकर आया है. आखिरकार चुनावों की दृष्टि को लेकर कांग्रेस उसको क्यों रोकना चाहती है. 

    सवाल: संसद में हंगामा भरपूर हुआ. यह कहा कि आप महात्मा गांधी के नाम तक को मिटा देना चाहते हैं. क्या यह वाकई में जरूरी था कि अगर इस योजना को बदला गया, बेहतर किया गया, ट्रांसपेरेंट किया गया, ग्रामीण इलाके को गारंटी दी गई, तो नाम बदलना क्या इतना जरूरी था? 

    जवाब: इस पर दो हिस्सों में मैं इसका उत्तर देना चाहूंगा. पहला यह योजना क्या थी? कब आई? 1989 में क्या जवाहर जी के नाम से योजना थी? 1999 में क्या इसमें संशोधन किया गया? जब यूपीए की सरकार 2004 में आई तो क्या दो बार इसका फिर नाम बदला गया? नरेगा कहा गया. फिर मनरेगा कहा गया. नेशनल रूरल एंप्लॉयमेंट गारंटी योजना. पहले गारंटी योजना के नाम से लाए. फिर बाद में लाए महात्मा गांधी. नेशनल रूरल एंप्लॉयमेंट गारंटी योजना. यह किसने नाम बदला? इतनी बार कांग्रेस ने बदला है. कांग्रेस के समय तो इसमें मात्र ₹00 करोड़ मुश्किल से खर्च होता था. मनरेगा में चोरी होती थी. गरीब को पैसा नहीं मिलता था. बिचोलिए पैसा खा जाते थे. लेकिन नरेंद्र मोदी जी की सरकार ने आकर इसका जिओ टैगिंग करवाया. कहां-कहां कौन-कौन सा आधारभूत ढांचा बना उसकी रिकॉर्डिंग होनी शुरू हुई. साथ ही साथ लोगों के बैंक खाते खुलवाए. बिचोलिया पैसा नहीं लेता था. अब सीधा खाते में पैसा डालने का काम नरेंद्र मोदी की सरकार ने किया. और मनरेगा में रिकॉर्ड ₹1 लाख करोड़ से ज्यादा एक साल में देने का काम भी यह नरेंद्र मोदी की सरकार ने किया. तो घड़ियाली आंसू बहाना कांग्रेस बंद कर दे. आंसू बहाने से कुछ नहीं होगा. यह कांग्रेस का दिखावा है. मोदी सरकार ने इसको अच्छी तरह से इंप्लीमेंट किया. आज हम मनरेगा को रिपील करके एक नया बिल ला रहे हैं. एक नई सोच के साथ विकसित भारत के निर्माण के लिए जी राम जी का आना आवश्यक है. इससे गरीब की भलाई है और देश का विकास जरूरी है. 

    सवाल: जी राम जी में राम का आना क्या राम राज्य की तरफ सरकार के बढ़ते कदम की तरफ देखा जाना चाहिए और विपक्ष को ज्यादा दिक्कत महात्मा गांधी के नाम को हटाने से है या राम नाम लाने से? 

    जवाब: गांधी जी का बापू हमारे दिल में है. कांग्रेस तो सरदार पटेल जी को भूल गई थी. जिनके पक्ष में 28 वोट थे और नेहरू जी के पक्ष में मात्र दो वोट थे. तब भी कांग्रेस के या देश के प्रधानमंत्री नेहरू जी को चुना गया और डिप्टी प्राइम मिनिस्टर सरदार वल्लभ भाई पटेल को बनाया गया. यह वोट चोरी का काम कांग्रेस उस समय से करती है और नाम थोपने का काम भी कांग्रेस पहले दिन से करती है. देश के महत्वपूर्ण संस्थानों पर जवाहर जी का, इंदिरा जी का, राजीव जी का सब इनका ही नाम है. तब तो इनको हर जगह महात्मा गांधी जी का नाम डालने की याद नहीं आई. हम तो महात्मा गांधी जी को दिल से याद करते हैं. सरदार पटेल जी की भी स्टच्यू ऑफ यूनिटी दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा किसी ने बनाई तो नरेंद्र मोदी जी ने मुख्यमंत्री से ले प्रधानमंत्री बनने तक बनाई. हम लोग बांटने का काम नहीं जोड़ने का काम करते हैं. हमने तो 500 साल पुराना जो संकल्प था सनातनियों का कि रामलला का जहां जन्म हुआ वहीं भव्य राम मंदिर बनाएंगे. 500 साल तक कई पीढ़ियां खप गई. कईयों के बलिदान चले गए. वह भी संभव तब हुआ जब राम भक्त आए. तब जाकर नरेंद्र मोदी जी ने वहां पर राम मंदिर समर्पित भी किया देश को. लेकिन लेकिन कांग्रेस और यूपीए के सहयोगी डीएमके ने राम मंदिर के उद्घाटन के समय तमिलनाडु के मंदिरों के द्वार बंद कर दिए. वहां सनातनियों को जाना पड़ा. कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा और हिंदू विरोधी बयान सनातन विरोधी बयान लगातार डीएमके के सांसद देते रहे. कांग्रेस बिल्कुल मुंह बंद करके बैठी रही. 

    मेरा सवाल यहां पर आकर खड़ा होता है. आखिरकार यह हिंदू विरोध क्यों है? सनातन विरोध क्यों है? उनको एक बात मैं सदा याद करवाना चाहता हूं. कांग्रेस को भी, डीएमके को भी. आप जितना मर्जी सनातन का विरोध कर लो. अंग्रेज भी सनातन विरोधी थे, मुगल भी सनातन विरोधी थे. सनातन तब भी था, सनातन आज भी है और भविष्य में भी सनातन रहेगा. तो इसको उलझाने का काम वो ना करें. यह कांग्रेस के लोग हैं जो कहते थे गरीबी हटाओ, गरीबी हटाओ. नेहरू जी ने शुरू किया. इंदिरा जी चली गई. राजीव गांधी ने भी वही नारे लगाए. गरीबी हटाओ और राहुल गांधी जी की सरकार जब मनमोहन सिंह जी के नेतृत्व में रही तब भी गरीबी हटाओ का नारा चला. गरीब बढ़ गए. गरीबी हटी नहीं. लेकिन गरीब मां का बेटा नरेंद्र मोदी आया तो 25 करोड़ गरीबों को गरीबी रेखा से बाहर निकालने का काम पिछले 11 वर्षों में नरेंद्र मोदी की सरकार ने किया. यह केवल कहने से नारों से नहीं होता. आपके काम से आपकी पॉलिसी आपके प्रोग्राम से होता है और मैं कहना चाहता हूं गर्व के साथ मोदी जी के साथ मुझे कैबिनेट में काम करने का मौका मिला. कोविड का टाइम जो देश के सामने 100 वर्षों की सबसे बड़ी चुनौती थी. उस समय मैं वित्त राज्य मंत्री था. पॉलिसी प्रोग्राम बनाने का काम मोदी जी के साथ मुझे अवसर मिला. घोषणा करने का अवसर मिला. 4 लाख करोड़ के हमने उस समय देश के लोगों के लिए प्रावधान किए केवल बैंकिंग सेक्टर से ताकि उनको मॉरिटोरियम मिल सके. उनको 20% एडिशनल कैपिटल मिल सके. लेकिन उसमें भी सबसे पहला निर्णय मोदी सरकार ने किया तो 80 करोड़ गरीबों को जरूरतमंदों को मुफ्त अनाज देने का काम किया जो आज तक नरेंद्र मोदी की सरकार कर रही है. आज भी लोगों को अनाज घर-घर मिल रहा है. 

    सवाल: तमिलनाडु की सरकार को आपने एंटी सनातन सरकार करार दिया. जिक्र भी किया आपने कि आखिर क्यों? लेकिन फिर विपक्ष का बार-बार यह कहना हर बात पर कि ऐसा लगता है कि बीजेपी का राम पर कॉपीराइट है और बुलवाएंगे तो जबरदस्ती बुलवाएंगे. जय श्री राम भी बुलवाएंगे तो जबरदस्ती बुलवाएंगे. राम सबके हैं, राम हमारे हैं. बीजेपी अपना कॉपीराइट लेकर क्यों चलती है?

    जवाब: हम तो गर्व से कहते हैं. जैसा मैंने पहले कहा महात्मा गांधी भी हमारे सरदार पटेल भी हमारे हैं. देश के हैं और राम जी भी देश के हैं और जब आप राम राज्य की बात करते हैं तो हम तो गर्व से कहते हैं जय श्री राम. जय सियाराम. गर्व से कहते हैं. कोई रोक नहीं पाता. हम तब भी कहते थे जब यह राम भक्तों पर गोली चलाते थे तब भी हम कहते थे आपकी गोलियां कम पड़ जाएंगी राम भक्त कम नहीं होंगे राम

    मंदिर वही बनाएंगे और जब यह लोग कहते थे कि आप कश्मीर कैसे आओगे तब हम मेरे जैसे युवा कार्यकर्ता जब मैं युवा मोर्चा का राष्ट्रीय अध्यक्ष था तब कोलकाता से कश्मीर तक की मैंने यात्रा निकाली राष्ट्रीय एकता यात्रा कांग्रेस की सरकार में फौजियों पर पथराव होता था गोलियां चलती थी उनके मुकदमे किए जाते थे. मैंने वह आंदोलन किया था कोलकाता से कश्मीर की यात्रा निकाली. मुझे जेल में डाल दिया गया कश्मीर में जाके. क्या मांगा था मैंने कि धारा 370 35 ए को खत्म कर दो. फौजियों पर पथराव को बंद कर दो. अफसपा को वापस नहीं लेना चाहिए. रखना चाहिए ताकि हमारे फौजियों को मुकदमे लड़ने पर मजबूर ना होना पड़े. और हमने उसके लिए संघर्ष किया. हम कहते थे कि दूध मांगोगे तो खीर देंगे, कश्मीर मांगोगे तो चीर देंगे. और यही मोदी सरकार ने सत्ता में आकर धारा 37035 को धराशाही भी कर दिया. सदा सदा के लिए खत्म कर दिया. आज कश्मीर में शांति है. जब से धारा 37035 गई 5 अगस्त 2019 से आज छ साल हो गए. कोई पथराव की घटना लाल चौक पर नहीं हुई. कश्मीर में भी नहीं हुई है. 

    सवाल: आपने युवा मोर्चा का जिक्र आपने किया. एक तस्वीर आई जिसमें आप बीच में खड़े थे और साथ ही बहुत सारे युवा मोर्चा के सदस्य और उसमें एक नितिन नितिन नबीन जी भी. यह कहा जाता है कि बीजेपी से सीखना चाहिए कि कैसे लीडरशिप को अगली पीढ़ी के लिए ट्रांसफर कर दिया जाए. आने वाले भविष्य के लिए उस लीडरशिप को तैयार किया जाए जो नितिन नबीन के चेहरे पर इस वक्त देखने को मिल रहा है. 

    जवाब: मैं एक बात यहां पे जरूर कहना चाहूंगा जब मैं युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री भी था और इंफॉर्मेशन ब्रॉडकास्टिंग मिनिस्टर भी था. उस समय हमने युवा कार्यक्रम विभाग से एक प्रोग्राम लांच किया. मेरी माटी मेरा देश. देश भर के गांव-गांव से मिट्टी इकट्ठी की ताकि जिन शहीदों ने देश के लिए शहादत दी उनको हम नमन कर सकें और पूरे देश भर के गांव-गांव से मिट्टी लेकर आए. उनकी पटिकाएं हमने वहां पर लगाई और जो अंतिम कार्यक्रम हमने यहां पे किया उसमें स्वयं नरेंद्र मोदी जी आए. उस कलश में उस मिट्टी को प्रणाम भी किया. आज उसका वन भी यहां पे बन रहा है. भारत माता की मूर्ति बन रही. वह पट्टिका वहां पे बन रही है जहां पर सबके नामोनिशान होंगे. 

    यही नहीं मैं आपको एक बात कहना चाहता हूं. मोदी जी ने हमने उस समय म भारत प्लेटफार्म लांच किया हम मेरा युवा भारत और यह फिजिटल प्लेटफार्म है जहां पर आप डिजिटल और फिजिकल दोनों तरफ से आप कंट्रीब्यूट कर सकते हो आप सीख सकते हो आप पार्ट बन सकते हो भारत की ग्रोथ स्टोरी का लेकिन उसके साथ-साथ मोदी जी ने उसके बाद एक बात और कही 1 लाख से ज्यादा युवाओं को देश के लीडरशिप के रूप में जुड़ना चाहिए राजनीति नीति में आना चाहिए और कहा ही नहीं नितिन नवीन जी मात्र 45 वर्ष के हैं. पांच बार के विधायक हैं. मंत्री हैं और संगठन करता रहे. संगठन में प्रभारी भी रहे और युवा मोर्चा का जब मैं राष्ट्रीय अध्यक्ष था मेरे महामंत्री थे. फिर उपाध्यक्ष मेरे साथ रहे. बिहार में युवा मोर्चा के अध्यक्ष रहे. एक 45 साल के युवा को आज भाजपा का जो दुनिया का सबसे बड़ा राजनीतिक दल है उसका राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनाने का काम किया. यह भारतीय जनता पार्टी में ही संभव है. जो सामान्य परिवार से पृष्ठभूमि से आने वाले ऐसे व्यक्ति को आज दुनिया के सबसे बड़े राजनीतिक दल का अध्यक्ष बनाया जाए. तो मैं युवाओं से कहना चाहता हूं भाजपा में जुड़े. आपका भविष्य भी उज्जवल होगा और हम देश का भविष्य भी भविष्य भी करने का काम करेंगे. 

    सवाल: एक और चीज बीजेपी में ही संभव है और वो है यह सरप्राइजिंग फैक्टर की. हम सभी पत्रकार फ्रेटरनिटी के लोग हमेशा यह सोचते हैं कि बीजेपी कितने सरप्राइजेस देती है चेहरे के नाम पे. नितिन नवीन के नाम पर शायद ही आकलन हुआ हो कि उन्हें इतनी बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी. तो ऐसा क्या होता है कि कोई भी खुफिया बात पार्टी से बाहर नहीं निकलती और कोई इसको पहले समझ नहीं पाता कि आप लोग क्या ऐलान करने वाले हैं. 

    जवाब: एक यह पार्टी कार्यकर्ताओं की है. यूपीए की सरकार में तो कैबिनेट मंत्री जो बनने थे या सरकार के जो मंत्री बनने थे उनकी सूचियां भी पत्रकार पहले लीक कर देते थे. मनमोहन सिंह जी को बाद में पता चलता था अखबार में और टीवी पर नाम पहले चलने शुरू हो जाते थे. यह दुर्भाग्य था. आज हमारी पार्टी में कोई भी निर्णय होता जब तक हो ना जाए. अब तो भविष्यवाणी करने वालों ने भविष्यवाणी करनी बंद कर दी. जगदीश जी करते हैं बाकियों ने बंद कर दी. बाकियों ने भविष्यवाणी करनी इसलिए बंद कर दी क्योंकि किसी की सटीक बैठती नहीं है. देखिए दूसरा कारण जो मैं आपको बताने वाला हूं आखिरकार जमीनी स्तर से कैसे नेताओं को पिक करते हैं क्योंकि हमारे नेता 24 घंटे सातों दिन देश के लिए समर्पित भाव से काम करते हैं. कोई कहता है यह पोल मशीनरी है. एक चुनाव खत्म होता है. भाजपा दूसरे के लिए तैयार हो जाती है. मैं यह कहना चाहता हूं हर चुनाव को हम बहुत गंभीरता से लेते हैं. जीतने के लिए लड़ते हैं. जी- जान लगाके लड़ते हैं क्योंकि सत्ता में आएंगे तभी तो बदलाव कर पाएंगे. तभी तो देश को आगे बढ़ा पाएंगे. तभी तो 11वें नंबर की अर्थव्यवस्था को नरेंद्र मोदी जी ने दुनिया की चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था बना दिया है. आज भी आप देखिए पिछले पिछले जो हमारा तिमाही थी उसकी भी ग्रोथ रेट हमारी 8 2% से दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था भी आज भारत है. इसलिए मैं कहूंगा कि यह निर्णय तब होते हैं जब नेता जमीन से जुड़ा रहता है और कुछ नेता जमीनों वाले नेता हो जाते हैं. जमीनी नेता नहीं रहते. 

    सवाल: आप बीजेपी की इस पॉलिटिक्स में नेहरू को नहीं भूल पाते. वंदे मातरम को लेकर सदन में बहस होती है तो नेहरू का जिक्र होता है. कश्मीर की बात होती है तो नेहरू का जिक्र होता है. ऐसा लगता है कि भूत की सारी की सारी गलतियां अगर किसी ने की हो तो जवाहरलाल नेहरू ने की हो. 

    जवाब: कहा तो आपने ठीक ही है. हमें देश को याद करवाना पड़ता है नई पीढ़ी को. अब देखिए धारा 370-35 से क्या करने की आवश्यकता थी? टेंपरेरी क्लॉज़ था. हट सकता था. क्यों नहीं हटाया? 45,000 लोगों की जान गई जम्मू कश्मीर में. हजारों हमारे सैनिक मारे गए. देश की जीडीपी का एक बहुत बड़ा हिस्सा जम्मू कश्मीर की सुरक्षा के लिए खर्च किया जाता है. जो राज्य पर्यटन और विकास की नई ऊंचाइयों को छू सकता था, वह इसलिए नहीं छुआ क्योंकि वहां पर नेहरू जी की नीतियों के कारण या कांग्रेस की नीतियों के कारण यह हुआ. जहां तक वंदे मातरम की बात है, मां भारती के बारे में मैं तो आपको कहना चाहता हूं मूर्ति पूजा में तो बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय जी जिन्होंने वंदे मातरम लिखा वह तो मूर्ति पूजा में विश्वास ही नहीं करते थे. तो आप केवल बहाना बनाकर देश के विभाजन की नींव और यह विभाजनकारी सोच को आगे बढ़ाने का काम भी पंडित नेहरू ने किया. 

    आज मैं यह भी आपके मंच पर कहना चाहता हूं. देश का विभाजन 1947 में हुआ. लेकिन उस विभाजन की नीव 1937 में वंदे मातरम के टुकड़े-टुकड़े करके उसको बांटने का काम पंडित नेहरू ने 1937 में ही कर दिया था. यह मेरा गंभीर आरोप कांग्रेस पर और नेहरू जी पर है. हम और दो स्टैंजा तक केवल वंदे मातरम को सीमित कर दिया. आज मैं इस पर नहीं जाऊंगा कि देश का राष्ट्रगान क्या होना चाहिए था? गीत क्या होना चाहिए था. मैं उस चर्चा में नहीं जाऊंगा. लेकिन जिस गीत ने एक एंथम के रूप में आजादी से पहले पूरे देश को एकजुट कर दिया. अलग-अलग भाषाओं में गाया गया. अलग-अलग संगीतकार हो वो उसको गर्व के साथ हर मंच से गाते थे. कांग्रेस के अधिवेशन में 1936 तक उसको पूरे के पूरे का गाया जाता था. तो ऐसी कौन सी मजबूरी 1937 में बन गई कि वंदे मातरम के टुकड़े कर दिए और देश को बांटने की नीव आपने रख दी. यह तो मजहब को बीच में लाने का काम उस समय कर दिया था. 

    सवाल: अभी-अभी पृथ्वीराज चौहान की तरफ से ऑपरेशन सिंदूर को लेकर एक बयान आया जिसमें उन्होंने जमीन पर सेना की कारवाई को लेकर सवाल किया. यह भी पूछा कि भाई इतने सैनिकों की जरूरत क्या है? ऑपरेशन सिंदूर से लेकर सीज फायर पर उठाए गए सवाल विदेशी दबाव की बात कांग्रेस की तरफ से आती रही है. लेकिन ऑपरेशन सिंदूर और भारत की कार्रवाई हर एक हिंदुस्तानी के लिए फक्र का मौका है जब हमने पाकिस्तान को जवाब दिया. फिर वो कांग्रेस के लिए वैसा क्यों नहीं है?

    जवाब: मैं हिमाचल प्रदेश से आता हूं जिसको देवभूमि और वीरभूमि दोनों कहा जाता है. पहले परमवीर चक्र विजेता भी हिमाचल प्रदेश से मेजर सोमनाथ शर्मा हुए और कारगिल में भी सबसे ज्यादा शहादत देने वाला प्रदेश हिमाचल प्रदेश है. और चार परमवीर चक्र विजेता कारगिल के युद्ध में हुए. उनमें से दो कैप्टन विक्रम बत्रा और सूबेदार संजय कुमार हिमाचल प्रदेश से हुए. तो मैं तो गर्व से कहता हूं हम फौजी हैं. और मैं तो खुद फौजी हूं. मैं कैप्टन अनुराग सिंह ठाकुर टेरिटोरियल आर्मी में आज भी अपनी सेवाएं दे रहा हूं. लेकिन दुख होता है जब एक पूर्व मुख्यमंत्री कांग्रेस के बड़े नेता फिर भारतीय सेना पर प्रश्न चिन्ह खड़ा करते हैं. क्या उनकी काबिलियत पे प्रश्न चिन्ह खड़ा कर रहे हैं? या फिर कांग्रेस अपनी सेना विरोधी सोच को आगे दिखा रही है. धारा 370 35A का उदाहरण मैंने आपको पहले दिया जो कश्मीर में पथराव हो रहा था और ये चुप करके अपसपा को वापस लेने वाले थे. 

    यहां पर कांग्रेस ने दिखा दिया है कि सर्जिकल स्ट्राइक में भी एयर स्ट्राइक में भी उन्होंने हमारे सैनिकों की योग्यता पर प्रश्न चिन्ह खड़े किए. शौर्य पर वीरता पर प्रश्न चिन्ह खड़े किए. डोकलाम की घटना पर भी हमारे सैनिकों पर प्रश्न चिन्ह राहुल गांधी जी ने खड़े किए और चीन के एंबेसडर के साथ बंद कमरे में चीनी खाना खाने का काम भी राहुल गांधी कर रहे थे और चीन का गुणगान भी उसके बाद कर रहे थे. अब कांग्रेस के एक बड़े नेता भारतीय सेना को कहते हैं कुछ और काम करवाओ. मैं तो डरता हूं कहीं कांग्रेस सत्ता में होती तो नानक जाने कौन सा काम भारतीय सेना से कराते. हमें गर्व है हमारे पास दुनिया की वह सेना है जो देश को सुरक्षित भी रखती है और जिनके नेतृत्व में सीमाएं भी सुरक्षित है और देश के अंदर मार्च 2026 तक हम नक्सलवाद मुक्त भी भारत को कर देंगे इस बात की गारंटी भी देते हैं. 

    सवाल: नेशनल हेराल्ड को लेकर आपने बार-बार सोनिया गांधी जी को भी घेरा. राहुल गांधी जी को भी घेरा. राउस रेवेन्यू कोर्ट ने कहा कि भाई यह तो पॉलिटिकल मोटिवेटेड मामला है. इसको लेकर जश्न मनाया गया. अब समझना यह चाहती हूं कि अगर राउस एवन्यू कोर्ट यह कहती है कि यह पॉलिटिकली मोटिवेटेड है तो कहते हैं सत्य की जीत हुई. लेकिन अगर ईडी, सीबीआई या कोई कोर्ट ऐसा फैसला देती है जो उनके खिलाफ है, उनके समर्थन में नहीं है तो वो सारी की सारी संस्थाएं आप लोगों के इशारे पर काम करती हैं. 

    जवाब: संवैधानिक संस्थाओं पे प्रश्न चिन्ह खड़ा करना उनको नीचा दिखाना कांग्रेस की आदत बन गई है. मैं इसमें एक ही बात कहूंगा. कोर्ट का फाइनल निर्णय आने दीजिए. दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा. देश में सत्ता में रहकर परिवार की संपत्ति कैसी बनाई जाए यह एक उदाहरण उससे दिखता है. हजारों करोड़ रुपए की घपला अगर उसमें हुआ है तो मुझे लगता है कोर्ट का फाइनल निर्णय जब आएगा जो लोग बेल पर हैं वह जेल में होंगे.

    सवाल: हिमाचल से जुड़े हुए मेरे दो सवाल हैं. पहले तो मैं एक ब्लड बैंक को लेकर आपसे हिमाचल में सवाल पूछना चाहती हूं कि इस इनिशिएटिव को आप कैसे देखते हैं और दूसरा क्यों आपको लगता है कि हिमाचल सरकार को 3 साल का जश्न मनाने का कोई अधिकार है नहीं. 

    जवाब: मैं अपने संसदीय क्षेत्र में अलग-अलग संस्थाओं कोई एनजीओस उनको सुझाव देता रहता हूं कि यह कार्यक्रम करो, वह कार्यक्रम करो. तो एक संस्था है उसने प्रयास के नाम से प्रयास सोसाइटी के नाम से उन लोगों ने 2018 अंबेडकर जयंती के टाइम पे 14 अप्रैल को शुरू किया था मेरे यहां पे कार्यक्रम तीन मोबाइल मेडिकल यूनिट की शुरुआत हम ये गांव-गांव जाकर लोगों के टेस्ट करती है. दवाई देती है. जांच उपचार दवाई उनके घर द्वार जाकर उनको बिल्कुल मुफ्त दी जाती है. हम्म. तीन मोबाइल मेडिकल यूनिट से बढ़कर आज ये 32 मोबाइल मेडिकल यूनिट चलाते हैं. जहां पे 10 लाख से ज्यादा 10 लाख से ज्यादा लोगों की जांच उपचार और दवाइयां अब तक बिल्कुल मुफ्त में दी गई. यह देश में कोई नहीं कर पाया जो मैंने पहाड़ी राज्य में करके दिखाया है. 

    इसी तरह से सांसद खेल महाकुंभ मैंने शुरुआत की तो प्रधानमंत्री मोदी जी ने कहा बाकी सांसदों को भी कहो. अब भाजपा के अधिकतर सांसद उसको करते हैं नशे से दूर रखने के लिए और खेलों को बढ़ावा देने के लिए वो है. तीसरा कार्यक्रम मैंने सांसद भारत दर्शन योजना शुरू कराई. मेरिटोरियल स्टूडेंट्स को हम पिक करते हैं. कोई खेलों में अच्छा है, कोई पढ़ाई में अच्छा है, कोई कला संस्कृति में अच्छा है. उनको पिक करके हम देश भर के दर्शन कराते हैं. अलग-अलग राज्यों में ले जाते हैं. इनसे उनको एजुकेशन भी मिलती है, एक्सपोज़र भी मिलता है और केवल कुछ क्षेत्रों तक अपने आप को सीमित नहीं रखते. उससे ज्यादा देश आगे कहां बढ़ रहा है और देश के अलग-अलग लोगों से राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, मंत्री, इंडस्ट्री लीडर से लेके वैज्ञानिकों तक से उनको मिलने का अवसर मिलता है. खिलाड़ियों से लेकर फिल्म स्टार से मिलने का अवसर. यह शायद एक छोटे ग्रामीण आंचल से आने वाले किसी व्यक्ति के लिए संभव ना होता. सांसद भारत दर्शन योजना ने वह भी करके दिखाया है. इस पर मैं ज्यादा समय नहीं लूंगा लेकिन मैं वापस आऊंगा कि कांग्रेस की सरकार जो 3 साल हिमाचल प्रदेश में रही वो कर्जा 700 करोड़ से बढ़कर आज ₹100 करोड़ हो गया. मात्र 3 सालों में 400 करोड़ कर्ज बढ़ गया है.

    हिमाचल को कर्जे में डूबा दिया है. लेकिन नियुक्तियां अपने मित्रों की करके उनको चेयरमैन बनाया जा रहा है. तो लोग कहते हैं हिमाचल की सरकार आज खाओ पियो मौज करो सरकार है. मित्रों की सरकार है. मौज करने वाली सरकार है. और हिमाचल को मजबूरी में यह हालत है कि ना लोगों को रोजगार मिल पाया ना स्वरोजगार मिल पाए ना महिलाओं को ₹1500 मिल पाया. यह सारी योजनाएं ठप पड़ी रही. ना 2 किलो ₹2 किलो गोबर खरीदा ना ₹100 लीटर दूध खरीदा. कोई गारंटी कांग्रेस ने 3 साल में पूरी नहीं की.

    सवाल: जिसको आप मौज लेने वाली सरकार कहते हैं. यही सरकार कहती है कि आप लोग वोट चोरी कर रहे हैं. आपने यह तय किया वोट चोरी कर कर के सरकार बनाते जाएंगे. बनाते जाएंगे. अब बिहार के बाद अब बंगाल की तैयारी करने लगे हैं और वहां पर भी घुसपैठिए को बीच में रख के एसआईआर को नाम देते हुए वोट चोरी करने वाली आप ही की पार्टी है. 

    जवाब: मुझे लगता है इस पर बहुत विस्तार में चर्चा हुई पार्लियामेंट के दोनों सदनों में. गृह मंत्री जी ने इतना करारा उत्तर दिया कि पूरा का पूरा विपक्ष धराशाई हो गया. अमित शाह जी ने जैसे कहा कि घुसपैठियों को रोहिंग्या मुसलमानों को आप लोग संरक्षण देने की बात कर रहे हैं. वैसे राहुल गांधी जी अपनी टीम को ले भाग गए. वो सामना ही नहीं कर पाए क्योंकि पोल खुल गई. घुसपैठियों को वहां पर संरक्षण देने का काम कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल कर रहे हैं. मेरा देश के वोटर से एक सवाल है और विशेष तौर पे युवाओं से है. क्या आप लोग चाहते हैं कि जो बांग्लादेशी घुसपैठिए हैं या रोहिंग्या मुसलमान हैं उनको हिंदुस्तान में वोट का अधिकार होना चाहिए? अगर इलेक्शन कमीशन को हमारे संविधान ने अधिकार दिया है कि स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन आप कर सकते हैं. एसआईआर कर सकते हैं और कांग्रेस की सरकारों में भी हुआ. इलेक्शन कमीशन का अधिकार है. 

    अगर कांग्रेस कहती है कि फर्जी वोटर नहीं होना चाहिए तो कौन करेगा? यह इलेक्शन कमीशन को सूची साफ करनी है. और बीएएलए जो होते हैं बूथ लेवल एजेंट वह पार्टियों के होते हैं. बीएएलओ जो है राज्य की सरकार के होते हैं. अब कई राज्यों में कांग्रेस की सरकार है. इनके अधिकारी उनके बूथ लेवल एजेंट क्या करते हैं? बिहार में हमने जब सूची दी मतदाता सूची कांग्रेस को आरजेडी सबको दी. इनमें से किसी ने कोई विरोध नहीं किया. मतदान हुआ तब इन्होंने कोई विरोध नहीं किया. चुनाव के नतीजे आए तब इन्होंने कोई विरोध नहीं किया. 45 दिन तक आप सीसीटीवी की रील देख सकते हैं. तब इन्होंने कोई लिखित रिपोर्ट नहीं की. अरे कोर्ट जा सकते हैं. इन्होंने वह नहीं किया. लेकिन वोट चोरी वोट चोरी करेंगे क्योंकि कांग्रेस की शुरुआत ही सरदार पटेल का वोट चोरी करके नेहरू जी को देश का प्रधानमंत्री बनाने से हुई थी. इसलिए वोट चोरी वो कहते हैं. 

    सवाल: आजकल बड़े उपचार कर रहे हैं आप और उस उपचार में सदन में हमने देखा कि आपने सोचा कि ई सिगरेट वालों का भी उपचार कर दिया जाए. 

    जवाब: ई सिगरेट क्या देश में कानूनी रूप से अलाउड है क्या? नहीं. देश में जिस पे कानूनी रूप से अपराध है एक तरह से आप उसका सेवन नहीं कर सकते. उसका नाम है ई सिगरेट या वेप. और तृणमूल कांग्रेस के सांसद अगर पार्लियामेंट में बैठ के स्पीकर अपनी आसन पर हो, अपनी सीट पर हो और उस समय वेप या ई सिगरेट पी के धुएं के छल्ले उड़ा रहे हो. तो इससे बड़ा दुर्भाग्य देश के लिए क्या होगा? क्या उनके खिलाफ दंडात्मक कारवाई नहीं करनी चाहिए? क्या उनके खिलाफ नियम के अनुसार कारवाई नहीं करनी चाहिए? दूसरा गृह मंत्रालय को भी ऐसा कारवाई क्या नहीं करनी चाहिए? एक अंत में मैं बात यह कहना चाहता हूं. यहीं पर नहीं उसके 2 घंटे के बाद पब्लिक स्पेस में कांग्रेस तृणमूल

    कांग्रेस के एक और सांसद और पूर्व मंत्री सिगरेट के छल्ले उड़ा रहे थे. सोशल मीडिया पर कई कांग्रेस के तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के पुराने वीडियो फोटो सब चल पड़े कि कौन-कौन सिगरेटें पी रहा है पब्लिक स्पेस में पी रहा है. तो सोशल मीडिया के लोग तो आजकल रुकते नहीं हैं. संसद में तो इस बार पेट्स की भी कुछ एंट्री हुई. अब देखिए इसमें मैं कुछ ज्यादा कहना नहीं चाहता. मैं तो हालांकि पेट्स बहुत पसंद करता हूं. मेरे घर में भी है. और जो बाकी भी हैं उनको अच्छा जीवन मिले. मैं हम उस और प्रयास भी करते हैं. लेकिन मुझे लगता है संसद के अपने नियम है, कानून है, रूल्स हैं. उसके मुताबिक ही हम चलते हैं. हम लेकिन क्या करें साहब? 

    सवाल: 2026 में बीजेपी का एजेंडा. बीजेपी का एजेंडा है भारत की अर्थव्यवस्था को और आगे बढ़ाना. 

    जवाब: बीजेपी का एजेंडा है गरीबों को गरीबी रेखा से और बाहर निकालना. बीजेपी का एजेंडा है प्रति व्यक्ति आय और बढ़ाना. बीजेपी का एजेंडा है देश के हर व्यक्ति को खुशहाली की ओर ले जाना. बीजेपी का एजेंडा है. अपने भारत को विकसित भारत की ओर ले जाने के लिए और गति देना. बीजेपी का एजेंडा है. 2026 के जितने चुनाव हो, वहां भारतीय जनता पार्टी की मजबूत जीत दर्ज कराना. 

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