ईरान से भागने की फिराक में है अलकायदा प्रमुख 'सैफ अल आदिल', इस देश में मांग सकता है शरण, हुआ खुलासा

    विश्व स्तर पर वांछित आतंकवादी और अल-कायदा का मौजूदा प्रमुख सैफ अल-आदिल ईरान से सुरक्षित निकलने की कोशिश कर रहा है.

    Al Qaeda chief Saif al Adil is trying to escape from Iran
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    तेहरान: इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते सैन्य संघर्ष के बीच एक अहम खुफिया इनपुट ने नई चिंताओं को जन्म दिया है. विश्व स्तर पर वांछित आतंकवादी और अल-कायदा का मौजूदा प्रमुख सैफ अल-आदिल ईरान से सुरक्षित निकलने की कोशिश कर रहा है. खुफिया रिपोर्टों के अनुसार, वह अपने शीर्ष सहयोगियों के साथ अफगानिस्तान में शरण लेने की योजना बना रहा है.

    इस घटनाक्रम को देखते हुए अफगानिस्तान की खुफिया एजेंसी 'जनरल डायरेक्टरेट ऑफ इंटेलिजेंस' (GDI) ने तालिबान प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक कर संभावित कार्रवाई को लेकर दिशा-निर्देश मांगे हैं.

    ईरान में रह रहा था अल-कायदा प्रमुख

    अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों की कई रिपोर्टों में पहले ही यह कहा जा चुका है कि सैफ अल-आदिल ईरान में सुरक्षित आश्रय लिए हुए है. अमेरिकी विदेश विभाग ने 2021 और 2024 में इसकी पुष्टि करते हुए उसे एक "हाई वैल्यू टारगेट" घोषित किया था.

    अब जब ईरान पर बाहरी सैन्य दबाव और आंतरिक अस्थिरता दोनों बढ़ रहे हैं, तो सैफ अल-आदिल और उसके सहयोगी नए ठिकाने की तलाश में हैं.

    अफगानिस्तान प्राथमिक विकल्प क्यों?

    सूत्रों के अनुसार, अल-कायदा की वर्तमान नेतृत्व इकाई अफगानिस्तान को सबसे उपयुक्त विकल्प मान रही है, क्योंकि:

    • वहां तालिबान का नियंत्रण है, जो अतीत में अल-कायदा के साथ वैचारिक और रणनीतिक गठबंधन में रहा है.
    • पाकिस्तान जैसे विकल्प को खारिज किया जा रहा है क्योंकि उसे "गैर-भरोसेमंद और अस्थिर" माना जा रहा है.

    GDI के अधिकारियों ने अपनी शुरुआती रिपोर्ट में कहा है कि अबू अब्दुल रहमान नाम का एक दूसरा वरिष्ठ कमांडर भी अफगानिस्तान में प्रवेश की योजना बना रहा है.

    तालिबान प्रशासन की प्रतिक्रिया

    GDI ने इस संवेदनशील सूचना को लेकर तालिबान के वरिष्ठ नेतृत्व से संपर्क किया है और संभावित परिदृश्यों के लिए नीतिगत स्पष्टता मांगी है.

    बैठक में ये प्रश्न उठाए गए:

    • यदि अल-कायदा नेता अफगानिस्तान की सीमा में प्रवेश करता है, तो क्या उसे गिरफ्तार किया जाए या सिर्फ निगरानी रखी जाए?
    • क्या उसे अधिकारिक रूप से शरण दी जाए या प्रवेश रोक दिया जाए?

    तालिबान प्रशासन ने फिलहाल कोई अंतिम निर्णय नहीं दिया है, लेकिन GDI को निर्देश दिए गए हैं कि वे हालात पर करीबी नजर बनाए रखें और सभी गतिविधियों की निगरानी करें.

    क्षेत्रीय और वैश्विक असर

    यह घटनाक्रम क्षेत्रीय सुरक्षा समीकरणों के लिए बेहद संवेदनशील है. अगर अल-कायदा का शीर्ष नेतृत्व अफगानिस्तान में पुनः सक्रिय होता है, तो यह अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर एक नई चुनौती खड़ी कर सकता है.

    इसके अलावा, ईरान के राजनीतिक अस्थिरता में जाने की स्थिति में अफगानिस्तान शरणार्थियों और राजनीतिक निर्वासितों का नया केंद्र बन सकता है.

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